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बाराबंकी पुलिस ने किया मोबाइल चोरों के गैंग का खुलासा

यूपी के बाराबंकी में मोबाइल चोरी करने वाले एक अंतरराज्यीय गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने गैंग के 6 शातिर सदस्यों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से चोरी के 43 मोबाइल और 4 बाइकें बरामद की हैं.

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Published : Apr 14, 2021, 9:41 PM IST

मोबाइल चोरों के गैंग का खुलासा
मोबाइल चोरों के गैंग का खुलासा

बाराबंकी: पुलिस ने कीमती मोबाइल चोरी करने वाले एक अंतरराज्यीय गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने गैंग के 6 शातिर सदस्यों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से चोरी के 43 मोबाइल और 4 बाइकें बरामद की हैं. पकड़े गए अभियुक्त मध्य प्रदेश के दतिया जिले के और ललितपुर जिले के रहने वाले हैं. गिरोह के सदस्य किसी जिले में जाते हैं और वहां अपना डेरा लगाते हैं. इनके गिरोह की महिलाएं आर्टिफिशियल ज्वेलरी और चूड़ियां बेचती हैं, जबकि ये अपने बच्चों को कस्बों में ले जाकर छोड़ देते हैं जहां ये बच्चे मौका देखकर मोबाइल चुराते हैं.

इलाके में सक्रिय था मोबाइल चोर गिरोह
कोठी थाना क्षेत्र के पूरे पंडित मजरे पण्डरावा गांव के रहने वाले राजेन्द्र कुमार और इसी थाना क्षेत्र के बसंतपुर के रहने वाले मायाराम मंगलवार को सेमरावा बाजार गए थे. इन दोनों के मोबाइल किसी ने चोरी कर लिए थे. दोनों पीड़ितों ने कोठी थाने पर अपने मुकदमे लिखाये थे. पुलिस ने इस बाबत जब पड़ताल शुरू की तो पता चला कि कोई गिरोह सक्रिय है जो मोबाइल चोरी कर रहा है. पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने इस गिरोह के खुलासे के लिए एक टीम का गठन किया था. मैनुअल इंटेलीजेंस के आधार पर छानबीन करते हुए बुधवार को टीम ने इस गिरोह का खुलासा करते हुए 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. इनके कब्जे से 43 चोरी के मोबाइल और 4 बाइकें बरामद कर लीं.

ललितपुर और दतिया के रहने वाले सदस्य
पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि इन लोगों का एक संगठित गिरोह है. गिरोह के लोग ललितपुर और दतिया से बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, बस्ती, अयोध्या, सुलतानपुर आदि शहर आकर जिले के मुख्यालय के बाहर अपना डेरा लगाते हैं. इनकी महिलाएं आसपास के गांव और कस्बों में जाकर चूड़ियां और आर्टिफिशियल ज्वेलरी बेचती हैं. पुरुष अपने बच्चों को आसपास के कस्बों में मोटरसाइकिल से ले जाकर छोड़ देते हैं. इनके बच्चे बहुत ही शातिर और ट्रेंड होते हैं जो बड़ी ही सफाई से दुकानों और लोगों की जेबों से महंगे मोबाइल चोरी कर लेते हैं. छोटे बच्चे होने के चलते लोग इन पर कोई शक भी नहीं करता. शाम को पुरुष इन बच्चों को वापस डेरे पर उठा ले जाते हैं. जब इनके पास बहुत ज्यादा मोबाइल हो जाते हैं तो ये लोग वापस ललितपुर और दतिया चले जाते हैं. फिर वहां इन मोबाइल को सस्ते दामों पर बेचकर फिर किसी जिले में जाकर डेरा जमाते हैं.

बाराबंकी: पुलिस ने कीमती मोबाइल चोरी करने वाले एक अंतरराज्यीय गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने गैंग के 6 शातिर सदस्यों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से चोरी के 43 मोबाइल और 4 बाइकें बरामद की हैं. पकड़े गए अभियुक्त मध्य प्रदेश के दतिया जिले के और ललितपुर जिले के रहने वाले हैं. गिरोह के सदस्य किसी जिले में जाते हैं और वहां अपना डेरा लगाते हैं. इनके गिरोह की महिलाएं आर्टिफिशियल ज्वेलरी और चूड़ियां बेचती हैं, जबकि ये अपने बच्चों को कस्बों में ले जाकर छोड़ देते हैं जहां ये बच्चे मौका देखकर मोबाइल चुराते हैं.

इलाके में सक्रिय था मोबाइल चोर गिरोह
कोठी थाना क्षेत्र के पूरे पंडित मजरे पण्डरावा गांव के रहने वाले राजेन्द्र कुमार और इसी थाना क्षेत्र के बसंतपुर के रहने वाले मायाराम मंगलवार को सेमरावा बाजार गए थे. इन दोनों के मोबाइल किसी ने चोरी कर लिए थे. दोनों पीड़ितों ने कोठी थाने पर अपने मुकदमे लिखाये थे. पुलिस ने इस बाबत जब पड़ताल शुरू की तो पता चला कि कोई गिरोह सक्रिय है जो मोबाइल चोरी कर रहा है. पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने इस गिरोह के खुलासे के लिए एक टीम का गठन किया था. मैनुअल इंटेलीजेंस के आधार पर छानबीन करते हुए बुधवार को टीम ने इस गिरोह का खुलासा करते हुए 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. इनके कब्जे से 43 चोरी के मोबाइल और 4 बाइकें बरामद कर लीं.

ललितपुर और दतिया के रहने वाले सदस्य
पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि इन लोगों का एक संगठित गिरोह है. गिरोह के लोग ललितपुर और दतिया से बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, बस्ती, अयोध्या, सुलतानपुर आदि शहर आकर जिले के मुख्यालय के बाहर अपना डेरा लगाते हैं. इनकी महिलाएं आसपास के गांव और कस्बों में जाकर चूड़ियां और आर्टिफिशियल ज्वेलरी बेचती हैं. पुरुष अपने बच्चों को आसपास के कस्बों में मोटरसाइकिल से ले जाकर छोड़ देते हैं. इनके बच्चे बहुत ही शातिर और ट्रेंड होते हैं जो बड़ी ही सफाई से दुकानों और लोगों की जेबों से महंगे मोबाइल चोरी कर लेते हैं. छोटे बच्चे होने के चलते लोग इन पर कोई शक भी नहीं करता. शाम को पुरुष इन बच्चों को वापस डेरे पर उठा ले जाते हैं. जब इनके पास बहुत ज्यादा मोबाइल हो जाते हैं तो ये लोग वापस ललितपुर और दतिया चले जाते हैं. फिर वहां इन मोबाइल को सस्ते दामों पर बेचकर फिर किसी जिले में जाकर डेरा जमाते हैं.

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