बाराबंकीः पुलिस ने एक ऐसे संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है जो नौकरी दिलाने और तमाम सरकारी योजनाओं में अनुदान दिलाने के नाम पर ठगी करता था. अब तक ये गिरोह सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना चुका है. पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर इसके दूसरे सदस्यों की तलाश में जुट गई है.
ठगी करने वाली संस्था का पर्दाफाश
बताते चलें कि मसौली थाना क्षेत्र के मलौली स्थित हनुमत धाम आश्रम के महंत सत्यनारायनानंद दास ने जन कल्याण एवं ग्रामोद्योग सेवा संस्थान के विरुद्ध ठगी करने की शिकायत की गई थी. यही नहीं रामनगर क्षेत्र के राम बाबू ने भी संस्था द्वारा ठगी किये जाने की शिकायत की थी. मामले की गम्भीरता को देखते हुए बीते वर्ष 18 सितम्बर को मसौली पुलिस ने इस संस्था के खिलाफ मुकदमा लिखकर जब छानबीन शुरू की तो चौंकाने वाले नतीजे मिले. संस्था सैकड़ों लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुकी थी. लखनऊ समेत कई जिलों में संस्था के खिलाफ मुकदमे दर्ज मिले. पुलिस जैसे-जैसे अपनी तफ्तीश आगे बढ़ाती गई उसे कई जानकारियां हासिल हुईं और संस्था के मास्टरमाइंड के रूप में घनश्याम श्रीवास्तव का नाम सामने आया. लिहाजा पुलिस ने मंगलवार को घनश्याम श्रीवास्तव को उसके लखनऊ स्थित मिर्जापुर जानकीपुरम आवास से गिरफ्तार कर लिया है.
नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से करती थी ठगी
पुलिस छानबीन में पता चला कि घनश्याम श्रीवास्तव निवासी मिर्जापुर लखनऊ द्वारा एक संगठित गैंग बनाकर जनकल्याण एवं ग्रामोद्योग सेवा संस्थान के नाम से लोगों को ठग रही है. संस्था से जुड़े मीनाक्षी मिश्रा, प्रमोद मिश्रा और घनश्याम के पुत्र दीपक श्रीवास्तव और दिलीप श्रीवास्तव संस्था के लिए काम करते थे और लोगों को जा जाकर पशुपालन, मत्स्यपालन, गोशाला और दुकान खोलने के नाम पर अनुदान दिलाने का प्रलोभन देते थे. यही नहीं बाल पुष्टाहार समेत कई विभागों में नौकरी दिलाने का भी लालच देकर लोगों को अपने झांसे में फंसाते थे. जो लोग इनके झांसे में आ जाते थे, उनको ये एडवांस में चेक देते थे और कुल राशि का छह फीसदी अग्रिम कैश लेकर संस्था के सदस्यों के एकाउंट में जमा करा दिया जाता था.
आश्रम के महंत की शिकायत पर हुआ खुलासा
बीते वर्ष मार्च महीने में संस्था ने मलौली आश्रम के महंत सत्यनारायनानंद से गोशाला के निर्माण एवं रखरखाव के लिए 67 लाख रुपये दिलाने की बात कहकर सदस्यता शुल्क पांच हजार रुपये लिए थे. बाद में 23 लाख 45 हजार रुपये का चेक देकर 17 हजार रुपये नकद और 50 हजार रुपये बतौर चेक ले लिया था.
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