बाराबंकीः लगभग साढ़े तीन वर्ष पूर्व दलित किशोरी के साथ गैंगरेप और जान से मारने की धमकी देने के मामले में तीन दोषियों को आजीवन कारावास और 32-32 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो ऐक्ट) कोर्ट संख्या- 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाया है. खास बात यह कि यह अभियोग पुलिस महानिदेशक द्वारा चलाये जा रहे अभियान "Operation Conviction" के तहत चिह्नित है.
विशेष लोक अभियोजक अजय सिंह सिसौदिया ने बताया कि हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले व्यक्ति ने 16 जनवरी 2020 को हैदरगढ़ थाने में लिखित तहरीर दी थी. जिसमें बताया था कि 15 जनवरी को उसकी नाबालिग बेटी अपनी सहेली के साथ सिलाई सीखकर वापस पैदल घर लौट रही थी. तभी रास्ते में दोपहर 12 बजे के करीब तीन बाइक सवार युवकों बबलू उर्फ अरबाज खां, गुलाम मुस्तफा और राजा उर्फ अदनान ने उसकी बेटी को जबरन मुंह दबाकर पकड़ लिया और उसे झाड़ियों में ले गए. जहां बबलू ने उसके साथ दुष्कर्म किया और दोनों युवक बेटी को दबोचे रहे. इसके बाद तीनों युवकों ने इस घटना को किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए.
विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक पीड़िता ने उधर से गुजर रहे राहगीर से घर फोन कराया. सूचना के बाद किशोरी की मां मौके पर पहुंची और उसे घर लाई. वादी की तहरीर पर हैदरगढ़ पुलिस ने तीनों आरोपियों के विरुद्ध धारा 376 डी,506 आईपीसी और 5/6 पॉक्सो ऐक्ट और 3(2)(v) एससीएसटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की गई. पुलिस ने किशोरी का मेडिकल कराने के बाद उसका बयान कराया गया. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए विवेचना के बाद अभियुक्तगण के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में फाइल किया गया. मामले में अभियोजन पक्ष ने ठोस गवाह पेश किए. दोनों पक्षों की गवाही और बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो ऐक्ट) अजय कुमार श्रीवास्तव ने बबलू उर्फ अरबाज,गुलाम मुस्तफा और राजा उर्फ अदनान को दोषी करार देते हुए तीनों को आजीवन कारावास और 32 -32 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
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