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प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन

महोबा और मेरठ के अधिवक्ताओं के आत्महत्या के मामले में कार्रवाई न होने पर बाराबंकी के अधिवक्ताओं ने शनिवार को जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि आगे अगर अधिवक्ताओं का उत्पीड़न हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा.

अधिवक्ताओं का प्रदर्शन.
अधिवक्ताओं का प्रदर्शन.
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Published : Feb 20, 2021, 8:00 PM IST

बाराबंकी : बाराबंकी जिले के अधिवक्ताओं ने शनिवार को जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन और पुलिस अधिवक्ताओं पर हो रहे उत्पीड़न मामले में आरोपियों को खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. अधिवक्ताओं ने कहा कि यही वजह है कि महोबा और मेरठ के अधिवक्ताओं को आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ा था. प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ता दीवानी कचहरी से नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया.

अधिवक्ताओं के उत्पीड़न पर आक्रोश

दरअसल, बीते दिनों जनपद महोबा के अधिवक्ता मुकेश पाठक और मेरठ के अधिवक्ता ओमकार तोमर ने विधायक और माफियाओं से क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में पुलिस और प्रशासन द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई. अधिवक्ताओं का कहना है कि उनके द्वारा गम्भीर अपराधों में पैरवी की जाती है, जिससे कि माफिया और अपराधी उनसे रूष्ट रहते हैं. शिकायत के बाद भी पुलिस प्रशासन कोई ध्यान नहीं देता. आक्रोशित अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि आगे अगर अधिवक्ताओं का उत्पीड़न हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा.

अधिवक्ताओं की मांग

प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाए. साथ ही पीड़ित परिवार को एक-एक करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए.

बाराबंकी : बाराबंकी जिले के अधिवक्ताओं ने शनिवार को जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन और पुलिस अधिवक्ताओं पर हो रहे उत्पीड़न मामले में आरोपियों को खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. अधिवक्ताओं ने कहा कि यही वजह है कि महोबा और मेरठ के अधिवक्ताओं को आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ा था. प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ता दीवानी कचहरी से नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया.

अधिवक्ताओं के उत्पीड़न पर आक्रोश

दरअसल, बीते दिनों जनपद महोबा के अधिवक्ता मुकेश पाठक और मेरठ के अधिवक्ता ओमकार तोमर ने विधायक और माफियाओं से क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में पुलिस और प्रशासन द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई. अधिवक्ताओं का कहना है कि उनके द्वारा गम्भीर अपराधों में पैरवी की जाती है, जिससे कि माफिया और अपराधी उनसे रूष्ट रहते हैं. शिकायत के बाद भी पुलिस प्रशासन कोई ध्यान नहीं देता. आक्रोशित अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि आगे अगर अधिवक्ताओं का उत्पीड़न हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा.

अधिवक्ताओं की मांग

प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाए. साथ ही पीड़ित परिवार को एक-एक करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए.

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