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दो बहनों के साथ दुष्कर्म मामले में एक दोषी को 20 साल कैद, दो आरोपी हैं नाबालिग

बाराबंकी की अदालत ने दो चचेरी बहनों के साथ रेप के मामले में आरोपी को दोषी (Accused found guilty in rape case) करार देते हुए 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

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दुष्कर्म मामले में दोषी को सजा
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 13, 2023, 9:18 PM IST

बाराबंकी: पांच साल पहले दो चचेरी बहनों को बहला फुसलाकर भगा ले जाने और दुष्कर्म करने के मामले में यूपी के बाराबंकी की एक अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जबकि इसी मामले के दो अन्य आरोपियों का मुकदमा किशोर न्यायालय में चल रहा है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश(पॉक्सो ऐक्ट) कोर्ट संख्या-44 राजीव महेश्वरम ने बुधवार को सुनाया.

5 साल बाद आया फैसलाः विशेष लोक अभियोजक योगेंद्र सिंह और मनीषा झा ने बताया कि जैदपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने जैदपुर थाने में 3 अगस्त 2018 को तहरीर देकर बताया कि 29 जुलाई 2018 को उसकी बहन अपनी चचेरी बहन के साथ दोपहर 12 बजे खेत गई थी. लेकिन वापस नही लौटी. काफी खोजबीन की तो पता चला कि दोनों चचेरी बहनों को मो. जुबेर पुत्र मो. यूनुस अपने दो सहयोगियों के साथ भगा ले गया है. दोनों चचेरी बहनें घर से अपने साथ नकदी और जेवरात भी ले गई हैं. इस तहरीर पर जैदपुर थाने में मो. जुबेर और दो अन्य के विरुद्ध आईपीसी मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने तफ्तीश शुरू की.

इसे भी पढ़े-दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने एक दोषी को 20 तो दूसरे को 12 साल की सुनाई सजा

गुजरात में मिलीं थी दोनों बहनें
पुलिस ने गुजरात के सूरत से दोनों चचेरी बहनों को बरामद कर उनका मेडिकल करवाया और 164 के बयान कराए. जिसमे वादी की बहन ने अपने साथ जुबेर के विरुद्ध शारीरिक सम्बन्ध बनाने का बयान दिया. तत्कालीन विवेचक ने मामले की विवेचना कर आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की. इस मामले में दो आरोपी जुवेनाइल थे. लिहाजा उनका विचारण किशोर न्यायालय में किया जा रहा है. जबकि आरोपी मो. जुबेर का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की कोर्ट में किया गया.

दो धाराओं में दोष मुक्त किया
मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. पीड़िता भगा कर ले जाने की बात पर होस्टाइल हो गई थी. अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही सुनने और दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश /विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो ऐक्ट) राजीव महेश्वरम द्वारा आरोपी मो. जुबेर पुत्र मो. यूनुस को आईपीसी की धारा 363,366 और एससी एसटी एक्ट में दोष मुक्त किया. जबकि 376 D आईपीसी में दोषी पाते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

यह भी पढ़े-अपहरण कर किशोरी के साथ किया था रेप, एक दोषी को 20 साल कारावास, दो को 5-5 साल की सजा

बाराबंकी: पांच साल पहले दो चचेरी बहनों को बहला फुसलाकर भगा ले जाने और दुष्कर्म करने के मामले में यूपी के बाराबंकी की एक अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जबकि इसी मामले के दो अन्य आरोपियों का मुकदमा किशोर न्यायालय में चल रहा है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश(पॉक्सो ऐक्ट) कोर्ट संख्या-44 राजीव महेश्वरम ने बुधवार को सुनाया.

5 साल बाद आया फैसलाः विशेष लोक अभियोजक योगेंद्र सिंह और मनीषा झा ने बताया कि जैदपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने जैदपुर थाने में 3 अगस्त 2018 को तहरीर देकर बताया कि 29 जुलाई 2018 को उसकी बहन अपनी चचेरी बहन के साथ दोपहर 12 बजे खेत गई थी. लेकिन वापस नही लौटी. काफी खोजबीन की तो पता चला कि दोनों चचेरी बहनों को मो. जुबेर पुत्र मो. यूनुस अपने दो सहयोगियों के साथ भगा ले गया है. दोनों चचेरी बहनें घर से अपने साथ नकदी और जेवरात भी ले गई हैं. इस तहरीर पर जैदपुर थाने में मो. जुबेर और दो अन्य के विरुद्ध आईपीसी मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने तफ्तीश शुरू की.

इसे भी पढ़े-दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने एक दोषी को 20 तो दूसरे को 12 साल की सुनाई सजा

गुजरात में मिलीं थी दोनों बहनें
पुलिस ने गुजरात के सूरत से दोनों चचेरी बहनों को बरामद कर उनका मेडिकल करवाया और 164 के बयान कराए. जिसमे वादी की बहन ने अपने साथ जुबेर के विरुद्ध शारीरिक सम्बन्ध बनाने का बयान दिया. तत्कालीन विवेचक ने मामले की विवेचना कर आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की. इस मामले में दो आरोपी जुवेनाइल थे. लिहाजा उनका विचारण किशोर न्यायालय में किया जा रहा है. जबकि आरोपी मो. जुबेर का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की कोर्ट में किया गया.

दो धाराओं में दोष मुक्त किया
मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. पीड़िता भगा कर ले जाने की बात पर होस्टाइल हो गई थी. अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही सुनने और दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश /विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो ऐक्ट) राजीव महेश्वरम द्वारा आरोपी मो. जुबेर पुत्र मो. यूनुस को आईपीसी की धारा 363,366 और एससी एसटी एक्ट में दोष मुक्त किया. जबकि 376 D आईपीसी में दोषी पाते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

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