बाराबंकी: पिछले कई वर्षों से घाघरा नदी बाराबंकी के तटवर्ती इलाकों को तबाह करती आई है. हर साल जब नेपाल पानी छोड़ता है तो यहां बाढ़ अपना कहर बरपाती है. इससे सिरौलीगौसपुर, रामनगर और फतेहपुर तहसीलों के सैकड़ों गांव इसकी चपेट में आ जाते हैं. यहां के किसानों की फसलें और उनके घर तबाह हो जाते हैं.
हालांकि अभी बाढ़ नहीं आई है, लेकिन प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. वह किसी तरह का जोखिम लेना नहीं चाहता. घाघरा के किनारे बसने वालों को बंधे पर जाने के लिए कहा जा रहा है. प्रशासन पूरे इलाके पर नजर बनाए हुए है.
बाढ़ के अंदेशे के कारण का अलर्ट जारी
- जनपद में घाघरा नदी द्वारा किये जा रहे कटान को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है.
- हालांकि अभी बाढ़ नहीं आई है, लेकिन घाघरा में पानी बढ़ने से कटान शुरू हो गई है.
- कटान के चलते तटवर्ती इलाके के लोगों में दहशत है.
- सिरौलीगौसपुर तहसील के 32 राजस्व गांव कटान से प्रभावित हैं.
- जिला प्रशासन लोगों को बंधे पर जाकर रहने के लिए प्रेरित कर रहा है.
- बंधे पर अभी कोई व्यवस्था न होने से ग्रामीण वहां जाने से कतरा रहे हैं.
- ग्रामीणों का कहना है कि केवल एक पन्नी दी गई है, बंधे पर पीने के पानी की भी समस्या है.