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दुष्कर्म मामले के आरोपी को मिला आजीवन कारावास

यूपी के बाराबंकी में अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी को आजावीन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

बाराबंकी जिला सत्र न्यायालय
बाराबंकी जिला सत्र न्यायालय
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Published : Dec 17, 2020, 3:02 AM IST

बाराबंकी: जिले में 12 साल पहले हुए एक किशोरी का अपहरण और दुष्कर्म के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. ये फैसला विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट कोर्ट ने सुनाया है. अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

अभियोजन कथानक

अभियोजन कथानक के अनुसार वादी ने हैदरगढ़ थाने में 27 दिसम्बर 2008 को तहरीर दी थी. वादी ने आरोप लगाया था कि उसकी 15 साल की बेटी को गुड्डू उर्फ मोल्हू निवासी सीतापुर बहला फुसलाकर भगा ले गया हैं. इस मामले में आरोपी गुड्डू उर्फ मोल्हू सहित 5 लोगों के खिलाफ हैदरगढ़ थाने पर धारा 363/366 और एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था. विवेचना के दौरान मामले में 376 आईपीसी की बढोत्तरी की गई. इसमे तत्कालीन विवेचक क्षेत्राधिकारी संजय कुमार सागर द्वारा वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रेषित किया गया.

अभियोजन पक्ष ने की पैरवी

मामले में समुचित पैरवी और गवाहियां कराई गईं. एडीजीसी दिनेश कुमार मिश्रा ने अभियोजन की तरफ से साक्ष्य पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्षों की गवाहियों और दलीलों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट कोर्ट त्रिनेत्र सिंह ने मामले में आरोपी गुड्डू उर्फ मोल्हू को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. बाकी के 4 अभियुक्तों साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए.

बाराबंकी: जिले में 12 साल पहले हुए एक किशोरी का अपहरण और दुष्कर्म के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. ये फैसला विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट कोर्ट ने सुनाया है. अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

अभियोजन कथानक

अभियोजन कथानक के अनुसार वादी ने हैदरगढ़ थाने में 27 दिसम्बर 2008 को तहरीर दी थी. वादी ने आरोप लगाया था कि उसकी 15 साल की बेटी को गुड्डू उर्फ मोल्हू निवासी सीतापुर बहला फुसलाकर भगा ले गया हैं. इस मामले में आरोपी गुड्डू उर्फ मोल्हू सहित 5 लोगों के खिलाफ हैदरगढ़ थाने पर धारा 363/366 और एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था. विवेचना के दौरान मामले में 376 आईपीसी की बढोत्तरी की गई. इसमे तत्कालीन विवेचक क्षेत्राधिकारी संजय कुमार सागर द्वारा वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रेषित किया गया.

अभियोजन पक्ष ने की पैरवी

मामले में समुचित पैरवी और गवाहियां कराई गईं. एडीजीसी दिनेश कुमार मिश्रा ने अभियोजन की तरफ से साक्ष्य पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्षों की गवाहियों और दलीलों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट कोर्ट त्रिनेत्र सिंह ने मामले में आरोपी गुड्डू उर्फ मोल्हू को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. बाकी के 4 अभियुक्तों साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए.

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