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बाराबंकी: सड़क दुर्घटना में महीने भर के दौरान 50 से ज्यादा लोगों की मौत

बाराबंकी में तेज गति और ओवरटेकिंग से पिछले 30 दिनों में 50 से भी अधिक लोगों की मौत सड़क हादसे में हो चुकी है. आंकड़े के अनुसार प्रति मिनट कहीं ना कहीं पूरे भारत में एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती है. इस सदंर्भ में जिले के एआरटीओ का कहना है कि लोग तेज गति से वाहन न चलाएं और ओवरटेक करने से बचें.

सड़क हादसे में पिछले 30 दिनों में 50 से भी अधिक लोगों की मौत.
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Published : Mar 18, 2019, 10:17 PM IST

बाराबंकी: जिले में पिछले 30 दिनों में 50 से भी अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हो चुकी है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण तेज गति से वाहन चलाना है. हमारे देश में सर्वाधिक दुर्घटनाएं ओवरटेक करने के दौरान होती हैं. आंकड़े के अनुसार प्रति मिनट कहीं ना कहीं पूरे भारत में एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती है. जिले के एआरटीओ ने भी इस संदर्भ में लोगों से आग्रह किया है कि तेज गति से वाहन ना चलाएं और ओवरटेक करने से बचें.

सड़क हादसे में पिछले 30 दिनों में 50 से भी अधिक लोगों की मौत.

भारत में सड़क दुर्घटनाएं बड़ी संख्या में हो रही है. यदि हम अकेले भारत का आंकड़ा लें तो उसमें प्रति मिनट सड़क दुर्घटना में किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट की मानें तो दुनिया भर में 23 सेकंड में किसी एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती है. यदि हम ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट की बात माने तो, भारत में यह स्थिति काफी खराब है और यहां पर बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाओं में लोग मारे जा रहे हैं. भारत में सड़क दुर्घटना में मरने वाले लोगों में ज्यादातर बच्चे और नौजवान हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2016 में 13.5 लाख लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है. यह आंकड़ा साल 2013 में 12.5 लाख था जो साल 2016 में बढ़कर 13.5 लाख हो गया. इसी आंकड़े की मानें तो विश्व भर में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या में प्रत्येक नौवां व्यक्ति भारतीय होता है. भारतीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक आंकड़ा जारी करके बताया है कि 2016 में जहां 1.51 लाख भारत में मरने वालों की संख्या थी. लेकिन यह आंकड़ा 2017 में कम हुआ और सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 1.46 लाख रिकॉर्ड हुई.

जिले के एआरटीओ की बात माने तो आजकल जो वाहन नए प्रकार की तकनीकी और मॉडिफिकेशन के साथ आ रहे हैं ,उनकी स्पीड क्षमता काफी ज्यादा है जिसके कारण दुर्घटनाएं हो रही है. कोशिश यह होनी चाहिए कि वाहनों को ओवर स्पीडिंग कराने से बचें. साथ ही साथ यह भी प्रयत्न करना चाहिए कि ओवरटेक तभी करें जब पर्याप्त जगह हो और अत्यंत आवश्यक हो.

बाराबंकी: जिले में पिछले 30 दिनों में 50 से भी अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हो चुकी है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण तेज गति से वाहन चलाना है. हमारे देश में सर्वाधिक दुर्घटनाएं ओवरटेक करने के दौरान होती हैं. आंकड़े के अनुसार प्रति मिनट कहीं ना कहीं पूरे भारत में एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती है. जिले के एआरटीओ ने भी इस संदर्भ में लोगों से आग्रह किया है कि तेज गति से वाहन ना चलाएं और ओवरटेक करने से बचें.

सड़क हादसे में पिछले 30 दिनों में 50 से भी अधिक लोगों की मौत.

भारत में सड़क दुर्घटनाएं बड़ी संख्या में हो रही है. यदि हम अकेले भारत का आंकड़ा लें तो उसमें प्रति मिनट सड़क दुर्घटना में किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट की मानें तो दुनिया भर में 23 सेकंड में किसी एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती है. यदि हम ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट की बात माने तो, भारत में यह स्थिति काफी खराब है और यहां पर बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाओं में लोग मारे जा रहे हैं. भारत में सड़क दुर्घटना में मरने वाले लोगों में ज्यादातर बच्चे और नौजवान हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2016 में 13.5 लाख लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है. यह आंकड़ा साल 2013 में 12.5 लाख था जो साल 2016 में बढ़कर 13.5 लाख हो गया. इसी आंकड़े की मानें तो विश्व भर में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या में प्रत्येक नौवां व्यक्ति भारतीय होता है. भारतीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक आंकड़ा जारी करके बताया है कि 2016 में जहां 1.51 लाख भारत में मरने वालों की संख्या थी. लेकिन यह आंकड़ा 2017 में कम हुआ और सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 1.46 लाख रिकॉर्ड हुई.

जिले के एआरटीओ की बात माने तो आजकल जो वाहन नए प्रकार की तकनीकी और मॉडिफिकेशन के साथ आ रहे हैं ,उनकी स्पीड क्षमता काफी ज्यादा है जिसके कारण दुर्घटनाएं हो रही है. कोशिश यह होनी चाहिए कि वाहनों को ओवर स्पीडिंग कराने से बचें. साथ ही साथ यह भी प्रयत्न करना चाहिए कि ओवरटेक तभी करें जब पर्याप्त जगह हो और अत्यंत आवश्यक हो.

Intro: बाराबंकी , 18 मार्च । जिले में पिछले 30 दिनों में 50 से भी अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हो चुकी है .इसके पीछे सबसे बड़ा कारण तेज गति से वाहन चलाना है. दुर्घटनाएं उस समय सबसे ज्यादा हुई है जब जल्दी के चक्कर में तेज गति से ओवरटेक करने की कोशिश की जा रही थी. हमारे देश में सर्वाधिक दुर्घटनाएं ओवरटेक करने के दौरान होती हैं . आंकड़े के अनुसार प्रति मिनट कहीं ना कहीं पूरे भारत में एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना में हो जा रही है .परिवहन विभाग इसके लिए निवेदन भी करता है कि वाहनों को तेज गति से ना चलाएं और जगह मिलने पर ही ओवरटेक करने की कोशिश की जाए. कुछ घटनाएं तेज गति से चलते वक्त नियंत्रण ना करने के पर सड़क से नीचे उतरने के कारण हुई है . जिले के एआरटीओ ने भी इस संदर्भ में लोगों से आग्रह किया है की तेज गति से वाहन ना चलाएं और ओवरटेक करने से बचें.


Body:पूरी दुनिया में सड़क दुर्घटनाएं लोगों की मौत का कारण बनती है .भारत में भी सड़क दुर्घटनाएं बड़ी संख्या में हो रही है ,यदि हम अकेले भारत का आंकड़ा ले तो उसमें प्रति मिनट सड़क दुर्घटना में किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट की मानें तो दुनिया भर में 23 सेकंड में किसी एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती है. यदि हम ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट की बात माने तो ,भारत में यह स्थिति काफी खराब है और यहां पर बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाओं में लोग मारे जा रहे हैं. भारत में सड़क दुर्घटना में मरने वाले लोगों में ज्यादातर बच्चे और नौजवान हैं . 5 से 25 वर्ष तक के लोग इस प्रकार की दुर्घटना के ज्यादा शिकार हो रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2016 में 13.5 लाख लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है. यह आंकड़ा साल 2013 में 12.5 लाख था जो साल 2016 में बढ़कर 13.5 लाख हो गया. इसी आंकड़े की मानें तो विश्व भर में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या में प्रत्येक नवां व्यक्ति भारतीय होता है . हमारे देश में परिवहन एवं यातायात नियमों का बहुत ही कम पालन करते हैं जिसके कारण इस प्रकार से परिस्थितियां बनी है. भारत दुनिया की सबसे ज्यादा युवा आबादी वाला देश है , और यहां सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या में भी सर्वाधिक युवा है जो सोचने वाली बात है . संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा 2010 से 2020 तक के दशक को सड़क एवं परिवहन सुरक्षा के लिए कार्रवाई का दशक मनाया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक पहल की है, जिसमें इस प्रकार की सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को 50% तक कम किया जा सके. भारतीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक आंकड़ा जारी करके बताया है कि 2016 में जहां 1.51 लाख भारत में मरने वालों की संख्या थी लेकिन यह आंकड़ा 2017 में कम हुआ और सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 1.46 लाख रिकॉर्ड हुई. बाराबंकी जिले के एआरटीओ की बात माने तो आजकल जो वाहन नए प्रकार की तकनीकी और मॉडिफिकेशन के साथ आ रहे हैं ,उनकी स्पीड क्षमता काफी ज्यादा है जिसके कारण दुर्घटनाएं हो रही है. कोशिश यह होनी चाहिए कि वाहनों को ओवर स्पीडिंग कराने से बचें. साथ ही साथ यह भी प्रयत्न करना चाहिए कि ओवरटेक तभी करें जब पर्याप्त जगह हो और अत्यंत आवश्यक हो.


Conclusion:कुल मिलाकर यह आंकड़े या बताते हैं कि भारत की स्थिति सड़क दुर्घटनाओं के मामले में बहुत खराब है. इसके पीछे फैशन और टशन में गाड़ी चलाना माना जा सकता है. तेज गति से वाहन चलाते वक्त लोग इसे एडवेंचर समझ बैठते हैं जिसके कारण दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं .सबसे बड़ी बात तो यह है कि भारत में अधिकतर दुर्घटनाओं में यह पाया गया है कि ट्रैफिक नियमों को फॉलो नहीं किया गया . यदि हमें दुर्घटना से बचना है और अपनी ऊर्जा को देश की प्रगति के लिए उपयोग में लाना है, तो हमें परिवहन विभाग के द्वारा दिए गए नियमों को पालन करना पड़ेगा ,ओवरस्पीडिंग और ओवरटेकिंग से बचना पड़ेगा.


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1- पंकज सिंह , एआरटीओ बाराबंकी





रिपोर्ट - आलोक कुमार शुक्ला ,रिपोर्टर बाराबंकी , 96284 76907 .
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