बाराबंकीः जिले के मरघट में बने गो आश्रय स्थल ने जिला प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है. दरअसल जिले के एक गो आश्रय स्थल में 14 गोवंशों की मौत हो गई. वहीं प्रशासन मामले की जानकारी न होने की बात कह रहा है, जबकि कुछ समय पहले भी इसी गो आश्रय स्थल में 20 से 25 गोवंशों की मौत के बाद जेसीबी से यहीं जमीन में दफन करने की खबर सामने आई थी.
गोशाला में मौजूद 14 गोवंशों की मौत
गोवंशों के लिए श्मशान बने गो आश्रय स्थल की यह भयानक तस्वीरें बाराबंकी जनपद के फतेहपुर विकासखंड के घेरी गांव की है. दरअसल गोशाला में गोवंश के खान-पान की कोई अच्छी व्यवस्था तो दूर ठंड से बचने का कोई उपाय भी नहीं है, जिसके कारण गोशाला में मौजूद 14 गोवंशों की मौत हो गई.
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सूखे भूसे के अलावा कुछ भी नहीं
यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि खान-पान के नाम पर गोवंशों को देने के लिए यहां सूखे भूसे के अलावा कुछ भी नहीं है. कर्मचारियों ने यह भी बताया कि कुछ दिन पूर्व यहां 20 से 25 गोवंशों की मृत्यु हुई थी, जिन्हें जेसीबी की मदद से यहीं की जमीन में दफन कर दिया गया था. साथ ही कर्मचारियाें ने यह भी बताया कि कुछ गोवंश मरने की कगार पर हैं. कर्मचारी इस अव्यवस्था से इतने दुखी हैं कि गोवंशों की इस दुर्दशा के चलते वह काम छोड़ने की बात कर रहे हैं.
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गोवंशों की मौत का मामला संज्ञान में नहीं
गो आश्रय स्थल की इस दुर्दशा पर जब सहायक खंड विकास अधिकारी संजीव कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि गोवंशों की मौत का मामला उनके संज्ञान में नहीं था. जब उनसे पूछा गया कि कुछ दिन पूर्व 20 से 25 गोवंशों की मौत होने पर जेसीबी के माध्यम से उन्हें यहीं दफन किया गया था. इस सवाल पर उन्होंने बताया कि बरसात के दौरान चार से पांच जानवरों की मौत की सूचना आई थी. अभी 14 गोवंशों की मौत उनकी जानकारी में नहीं है. इसके लिए संबंधित सेक्रेटरी और ग्राम प्रधान से जवाब तलब किया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.