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बाराबंकी: जिला प्रशासन के दावों की खुली पोल, 14 गोवंशों की मौत

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक गोशाला में प्रशासन की लापरवाही के चलते 14 गोवंशों की मौत हो गई. दरअसल इस गोशाला में गोवशों के लिए न तो खान-पान के लिए उचित व्यवस्था है और न ही ठंड से बचने के कोई उपाय.

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14 गोवंशों की दर्दनाक मौत.
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Published : Jan 23, 2020, 7:29 PM IST

बाराबंकीः जिले के मरघट में बने गो आश्रय स्थल ने जिला प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है. दरअसल जिले के एक गो आश्रय स्थल में 14 गोवंशों की मौत हो गई. वहीं प्रशासन मामले की जानकारी न होने की बात कह रहा है, जबकि कुछ समय पहले भी इसी गो आश्रय स्थल में 20 से 25 गोवंशों की मौत के बाद जेसीबी से यहीं जमीन में दफन करने की खबर सामने आई थी.

14 गोवंशों की दर्दनाक मौत.

गोशाला में मौजूद 14 गोवंशों की मौत
गोवंशों के लिए श्मशान बने गो आश्रय स्थल की यह भयानक तस्वीरें बाराबंकी जनपद के फतेहपुर विकासखंड के घेरी गांव की है. दरअसल गोशाला में गोवंश के खान-पान की कोई अच्छी व्यवस्था तो दूर ठंड से बचने का कोई उपाय भी नहीं है, जिसके कारण गोशाला में मौजूद 14 गोवंशों की मौत हो गई.

इसे भी पढ़ें- बदायूं: गोशाला चलाने में असमर्थ ग्राम प्रधान ने दिया इस्तीफा

सूखे भूसे के अलावा कुछ भी नहीं
यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि खान-पान के नाम पर गोवंशों को देने के लिए यहां सूखे भूसे के अलावा कुछ भी नहीं है. कर्मचारियों ने यह भी बताया कि कुछ दिन पूर्व यहां 20 से 25 गोवंशों की मृत्यु हुई थी, जिन्हें जेसीबी की मदद से यहीं की जमीन में दफन कर दिया गया था. साथ ही कर्मचारियाें ने यह भी बताया कि कुछ गोवंश मरने की कगार पर हैं. कर्मचारी इस अव्यवस्था से इतने दुखी हैं कि गोवंशों की इस दुर्दशा के चलते वह काम छोड़ने की बात कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- फतेहपुर: अन्ना गोवंशों से परेशान किसानों ने बनाई अस्थायी गोशाला

गोवंशों की मौत का मामला संज्ञान में नहीं
गो आश्रय स्थल की इस दुर्दशा पर जब सहायक खंड विकास अधिकारी संजीव कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि गोवंशों की मौत का मामला उनके संज्ञान में नहीं था. जब उनसे पूछा गया कि कुछ दिन पूर्व 20 से 25 गोवंशों की मौत होने पर जेसीबी के माध्यम से उन्हें यहीं दफन किया गया था. इस सवाल पर उन्होंने बताया कि बरसात के दौरान चार से पांच जानवरों की मौत की सूचना आई थी. अभी 14 गोवंशों की मौत उनकी जानकारी में नहीं है. इसके लिए संबंधित सेक्रेटरी और ग्राम प्रधान से जवाब तलब किया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

बाराबंकीः जिले के मरघट में बने गो आश्रय स्थल ने जिला प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है. दरअसल जिले के एक गो आश्रय स्थल में 14 गोवंशों की मौत हो गई. वहीं प्रशासन मामले की जानकारी न होने की बात कह रहा है, जबकि कुछ समय पहले भी इसी गो आश्रय स्थल में 20 से 25 गोवंशों की मौत के बाद जेसीबी से यहीं जमीन में दफन करने की खबर सामने आई थी.

14 गोवंशों की दर्दनाक मौत.

गोशाला में मौजूद 14 गोवंशों की मौत
गोवंशों के लिए श्मशान बने गो आश्रय स्थल की यह भयानक तस्वीरें बाराबंकी जनपद के फतेहपुर विकासखंड के घेरी गांव की है. दरअसल गोशाला में गोवंश के खान-पान की कोई अच्छी व्यवस्था तो दूर ठंड से बचने का कोई उपाय भी नहीं है, जिसके कारण गोशाला में मौजूद 14 गोवंशों की मौत हो गई.

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सूखे भूसे के अलावा कुछ भी नहीं
यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि खान-पान के नाम पर गोवंशों को देने के लिए यहां सूखे भूसे के अलावा कुछ भी नहीं है. कर्मचारियों ने यह भी बताया कि कुछ दिन पूर्व यहां 20 से 25 गोवंशों की मृत्यु हुई थी, जिन्हें जेसीबी की मदद से यहीं की जमीन में दफन कर दिया गया था. साथ ही कर्मचारियाें ने यह भी बताया कि कुछ गोवंश मरने की कगार पर हैं. कर्मचारी इस अव्यवस्था से इतने दुखी हैं कि गोवंशों की इस दुर्दशा के चलते वह काम छोड़ने की बात कर रहे हैं.

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गोवंशों की मौत का मामला संज्ञान में नहीं
गो आश्रय स्थल की इस दुर्दशा पर जब सहायक खंड विकास अधिकारी संजीव कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि गोवंशों की मौत का मामला उनके संज्ञान में नहीं था. जब उनसे पूछा गया कि कुछ दिन पूर्व 20 से 25 गोवंशों की मौत होने पर जेसीबी के माध्यम से उन्हें यहीं दफन किया गया था. इस सवाल पर उन्होंने बताया कि बरसात के दौरान चार से पांच जानवरों की मौत की सूचना आई थी. अभी 14 गोवंशों की मौत उनकी जानकारी में नहीं है. इसके लिए संबंधित सेक्रेटरी और ग्राम प्रधान से जवाब तलब किया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

Intro: बाराबंकी, 23 जनवरी। मरघट बने गौ आश्रय स्थल ने जिला प्रशासन के दावों की खोली पोल, 14 गौवंशों की दर्दनाक मौत, नोच रहे कुत्ते, प्रशासन बना धृतराष्ट्र. बाराबंकी के एक गौआश्रय स्थल पर 14 गौवंशों की दर्दनाक मौत हो गयी, और आंख पर पट्टी बांधे हुए प्रशासन इसकी जानकारी ही न होने की बात कर रहा है. जबकि कुछ समय पहले भी इसी स्थल पर 20 से 25 गौवंशों को मौत के बाद जेसीबी से यहीं जमीन में दफन करने की खबर सामने आई थी.Body:गौवंशों के लिए श्मशान बने गौआश्रय स्थल की यह भयानक तस्वीरें बाराबंकी जनपद के फतेहपुर विकासखंड के घेरी गांव की है. इस गौआश्रय स्थल पर गौवंशों की दुर्दशा की जानकारी जब हमें मिली तो हम मौके पर पहुंचे. यहां की दुर्दशा देख आंखें फटी की फटी रह गईं. गायों के खानपान की कोई अच्छी व्यवस्था तो दूर ठण्ड से बचने के उपाय का भी यहां टोटा है. यहां पहुंचने पर पता चला कि 14 गौवंशों की मौत यहां हुई है जो अभी पड़ी हुई है. मृत पड़े गौवंश को आवारा कुत्तों द्वारा नोचने की जो भयावह तस्वीरे हमारे कैमरे में कैद हुईं, वह यहां की अव्यवस्था और यहां की दयनीय स्थिति बताने के लिए काफी थी.

यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि, खान पान के नाम पर गौवंशों को देने के लिए यहां सूखे भूसे के अलावा कुछ भी नहीं है. कर्मचारियों ने यह भी बताया कि , कुछ दिन पूर्व यहां 20 से 25 गौवंशों की मृत्यु हुई थी. जिन्हें जेसीबी की मदद से यहीं की जमीन में दफन कर दिया गया था , और अब फिर यहां 14 गौवंशों की मौत हो गयी है ,और कुछ गौवंश ऐसे भी है जो मरने की कगार पर हैं. यहां के कर्मचारी इस अव्यवस्था से इतने दुखी हैं कि, गौवंशों की दुर्दशा उनसे देखी नही जा रही है और वह काम छोड़ने की बात कर रहे हैं.

गौआश्रय स्थल की इस दुर्दशा पर जब हमने यहां के सहायक खंड विकास अधिकारी संजीव कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि, गौवंशों की ताजा मौत का मामला उनके संज्ञान में है ही नहीं. जब उनसे पूछा गया कि कुछ दिन पूर्व 20 से 25 गौवंशों की मौत होने पर जेसीबी के माध्यम से उन्हें यहीं दफन किया गया था, तो उन्होंने बताया कि जब बरसात हुई थी, तब चार से पांच जानवरों की मौत की सूचना आयी थी, तो उनका पीएम करवा कर कार्रवाई की गई थी. लेकिन अभी 14 गौवंशों की मौत उनकी जानकारी में नही है. इसके लिए संबंधित सेक्रेटरी और ग्राम प्रधान से जवाब तलब किया जाएगा, और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी कि, आखिर उन्होंने विकासखंड कार्यालय और डॉक्टरों को इसकी सूचना क्यों नहीं दी.
Conclusion:Byte-

1-बाइट- अमर सिंह , गौआश्रय स्थल पर काम करने वाले कर्मचारी

2-बाइट- संजीव कुमार, सहायक खण्ड विकास अधिकारी फतेहपुर,


रिपोर्ट- आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी , 96284 76907.
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