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बाराबंकी में 1067 लोगों को मिला आयुष्मान भारत योजना का लाभ

बाराबंकी में आयुष्मान भारत योजना मील का पत्थर साबित हो रही है. गरीब परिवारों को 5 लाख तक का मुफ्त इलाज इसी योजना के कारण संभव हुआ है. इसके चलते अब तक जिले के 1067 लोग इस योजना से रोग मुक्त हो चुके हैं.

आयुष्मान भारत योजना से मिल रहे लाभ के बारे में बताते मरीज
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Published : Apr 6, 2019, 11:37 PM IST

बाराबंकी : आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए काफी कारगार साबित हो रही है. इसके चलते बाराबंकी जिले में अब तक 1067 लोग इस योजना का लाभ लेकर रोग मुक्त हो चुके हैं. इस योजना से सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में लोग गोल्डन कार्ड से अपना इलाज करा रहे है. जनता सरकार के इस कदम से बहुत खुश है.

हिंद मेडिकल इंस्टीट्यूट में भर्ती स्वामी नाथ मौर्या ने बताया कि उनके घुटने का इलाज इसी योजना से संभव हो पाया. वहीं इरफान का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना के कारण ही उनके पैर का इलाज संभव हो पाया है. उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर से बताया कि उनके पास पैसे नहीं है लेकिन कार्ड है तो डॉक्टर ने उन्हे आश्वाशन दिया कि आप इस कार्ड से अपना इलाज करा सकते हैं.

आयुष्मान भारत योजना से मिल रहे लाभ के बारे में बताते मरीज

एक मरीज ने बताया कि एक एक्सीडेंट में उसका पैर बुरी तरह जख्मी हो गया था लेकिन आयुष्मान भारत योजना के कारण उनका इलाज आसानी से हो गया.

वहीं जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रमेश चंद्र का कहना है कि जिले में अब तक 32107 परिवारों को गोल्डन कार्ड दिया जा चुका है . उनका उद्देश्य है कि तीन लाख परिवारों और 15 लाख लोगों को इसका लाभ मिले. उन्होने कहा कि अब डायलिसिस और गंभीर बीमारियों के लिए भी मरीजों को इसका लाभ मिलेगा.

बाराबंकी : आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए काफी कारगार साबित हो रही है. इसके चलते बाराबंकी जिले में अब तक 1067 लोग इस योजना का लाभ लेकर रोग मुक्त हो चुके हैं. इस योजना से सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में लोग गोल्डन कार्ड से अपना इलाज करा रहे है. जनता सरकार के इस कदम से बहुत खुश है.

हिंद मेडिकल इंस्टीट्यूट में भर्ती स्वामी नाथ मौर्या ने बताया कि उनके घुटने का इलाज इसी योजना से संभव हो पाया. वहीं इरफान का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना के कारण ही उनके पैर का इलाज संभव हो पाया है. उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर से बताया कि उनके पास पैसे नहीं है लेकिन कार्ड है तो डॉक्टर ने उन्हे आश्वाशन दिया कि आप इस कार्ड से अपना इलाज करा सकते हैं.

आयुष्मान भारत योजना से मिल रहे लाभ के बारे में बताते मरीज

एक मरीज ने बताया कि एक एक्सीडेंट में उसका पैर बुरी तरह जख्मी हो गया था लेकिन आयुष्मान भारत योजना के कारण उनका इलाज आसानी से हो गया.

वहीं जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रमेश चंद्र का कहना है कि जिले में अब तक 32107 परिवारों को गोल्डन कार्ड दिया जा चुका है . उनका उद्देश्य है कि तीन लाख परिवारों और 15 लाख लोगों को इसका लाभ मिले. उन्होने कहा कि अब डायलिसिस और गंभीर बीमारियों के लिए भी मरीजों को इसका लाभ मिलेगा.

Intro: बाराबंकी ,4 अप्रैल । आयुष्मान भारत योजना का मिल रहा लाभ. जिले के अब तक 1067 लोग इसका लाभ ले चुके हैं .गरीब परिवारों को 5 लाख तक का मुफ्त इलाज इस योजना के कारण हुआ संभव. जिले के तीन लाख परिवार अर्थात 15 लाख लोग इस योजना कल लाभ ले पाएंगे. अब तक 32107 परिवारों को गोल्डन कार्ड दिया जा चुका है. यह योजना सफलता की तरफ अग्रसर है जो गरीबों के इलाज के लिए बेहतर है. बाराबंकी जिले के 4 सरकारी अस्पताल और 10 प्राइवेट अस्पताल इस योजना का लाभ कार्ड धारकों को पहुंचा रहे हैं. मोदी सरकार ने अपने अंतिम बजट में इस योजना के माध्यम से एक बड़े वर्ग को अपने पक्ष में कर लिया. जिसका इस चुनाव में भी उनको लाभ मिलना तय माना जा रहा है.


Body: आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए एक संजीवनी की तरह काम कर रही है और वह इसे सरकार का बढ़ा कार्य मान रहे हैं. ईटीवी भारत ने हिंद मेडिकल इंस्टीट्यूट में भर्ती स्वामी नाथ मौर्या से बात की तो ,उन्होंने बताया कि उनके घुटने का इलाज इसी योजना से संभव हो पाया. वहीं इरफान का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना के कारण ही उनके पैर का इलाज संभव हो पाया है. उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर से बताया कि उनके पास पैसे नहीं है ,लेकिन कार्ड है तो उनका इलाज संभव हो पाया. अमरीश कुमार का पैर बुरी तरीके से एक एक्सीडेंट में जख्मी हो गया ,उनका इलाज भी आयुष्मान भारत योजना के कारण हो पाया. वहीं अमन कुमार की माताजी को ब्रेन हेमरेज होने के कारण, एक तरफ लकवा का असर हो गया, उनका भी इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत चल रहा है. हिंद मेडिकल इंस्टीट्यूट में आयुष्मान आरोग्य मित्र गिरीश मिश्रा का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को हम इस योजना का लाभ दे पाएं यही हमारा उद्देश्य होता है,जिससे लोग अपना इलाज करवा सके और स्वस्थ होकर घर जाएं. इस काम को करने में उनको बहुत प्रसन्नता होती है. जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रमेश चंद्र का कहना है कि जिले में अब तक 32107 परिवारों को गोल्डन कार्ड दिया जा चुका है . उनका उद्देश्य है तीन लाख परिवारों और 15 लाख लोगों तक इस सुविधा का लाभ पहुंचे. अब डायलिसिस और गंभीर बीमारियों के लिए भी मरीजों को इसका लाभ मिलेगा. यह एक क्रांतिकारी योजना है ऐसा उनका मानना है.गरीबों को पहले अपना खेत इत्यादि भी गिरवी रखना पड़ता था ,वह अब बिना इसे किए अपने स्वास्थ्य को ठीक कर सकते हैं. जो पैसा वह इलाज के लिए खर्च करते, वह अब अपने खानपान और बच्चों की शिक्षा पर लगा सकते हैं.


Conclusion:ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान जिन मरीजों से हमने इस योजना के बारे में और इसके लाभ के बारे में पूछा, उन्होंने इसकी काफी तारीफ की. इस योजना से लाभ पाने वाले और इसको क्रियान्वित करने वाले दोनों में इस योजना को लेकर खासा उत्साह है. इस योजना की जानकारी और उसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले, इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी और प्राइवेट अस्पताल भी मेहनत से काम कर रहे हैं . इसीलिए जिलेभर में 1067 लोग इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं. इस प्रकार की योजना से गरीब परिवारों को लाभ मिलना वास्तव में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा काम है .आने वाले चुनाव में मौजूदा सरकार को इसका लाभ भी देखने को मिलेगा.



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1- स्वामीनाथ मौर्या ( लाभान्वित मरीज )
2- मोहम्मद इरफान ( लाभान्वित मरीज)
3- अमरीश कुमार ( लाभान्वित मरीज)
4- अमन कुमार (लाभान्वित मरीज के पुत्र)
5- गिरीश मिश्रा ( आयुष्मान आरोग्य मित्र, हिंद मेडिकल इंस्टीट्यूट, सफेदाबाद ,बाराबंकी)
6-डॉक्टर रमेश चंद्र ( मुख्य चिकित्सा अधिकारी ,बाराबंकी)



रिपोर्ट -आलोक कुमार शुक्ला ,रिपोर्टर बाराबंकी ,96284 76907.
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