बाराबंकीः 102 साल की सलमा जब मतदान केंद्र पहुंची तो लोग उनके जज्बे को लोग देखते ही रह गए. भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती को ऐसे ही बुजुर्ग मजबूती प्रदान करते हैं. हर बार सलमा वोट करने जरूर जाती हैं. वह कहती हैं कि वोट करना मजबूरी है. सचमुच उनकी यह मजबूरी नहीं है, बल्कि उनका भारतीय लोकतंत्र के प्रति अगाध प्रेम ही है, जो वह हर बार वोट करने जाती हैं.
विधानसभा जैदपुर में उपचुनाव के दौरान भी वह पहुंची. वहीं उपचुनाव में हिस्सा लेने के लिए दिव्यांग लायक राम भी पीछे नहीं रहे. मतदान करने पहुंचे तो उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है, लेकिन फिर भी वह वोट करने पहुंचे हैं. उन्हें आशा है कि इसका लाभ इस बार उन्हें जरूर मिलेगा.
वास्तव में हमारे देश का लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य सदियों पुराने हैं. यही वजह है कि जमीन पर रेंगते हुए चलकर 102 वर्ष की बुजुर्ग महिला, अपने प्रतिनिधि का चुनाव करने के लिए मतदान केंद्र तक पहुंचती हैं. सचमुच में ऐसे ही लोग हमारे देश के लोकतंत्र को और उसकी नींव को मजबूत करते हैं.
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