बाराबंकी: जिला न्यायालय ने दलित किशोरी को डरा धमकाकर रेप करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल कठोर कारावास के साथ जुर्माने की सजा सुनाई है. ये फैसला शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट राजीव महेश्वरम ने सुनाया है. कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि दोषी द्वारा अर्थदण्ड अदा किए जाने पर 20 हजार रुपये पीड़िता को दिया जाए.
विशेष लोक अभियोजक मनीषा झा ने बताया कि नगर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी वादिनी ने 19 जून 2020 को तहरीर देकर बताया कि 18 जून की रात में वादिनी के फोन पर जो उसकी बेटी के पास रहता था, आरोपी ने फोन करके घर के बाहर झाड़ियों में बुलाया और उसके साथ बुरा काम किया. वादिनी की जब आंख खुली तो उसकी बेटी गायब थी. उसने ये बात अपने पति और बेटे को बताई और बेटी की खोजबीन शुरू की. प्रार्थिनी की बेटी और आरोपी घर के पास झाड़ियों में मिले.
वादिनी के पति और बेटे ने आरोपी को पकड़ लिया और पुलिस को फोन करके बुलाकर सौंप दिया. वादिनी ने जब अपनी बेटी से पूछताछ शुरू की तो उसने बताया कि आरोपी गुलजार 4 बार उसकी इच्छा के विरुद्ध गलत काम कर चुका है. गलत काम करते समय उसने वीडियो भी बना ली थी. उसी वीडियो के आधार पर वह उसकी बेटी से जबरन इच्छा के विरुद्ध कई बार बलात्कार किया. उसने जाति सूचक शब्दों से उसकी बेटी को धमकी दे रखी थी कि अगर किसी से कुछ कहा तो ये वीडियो वायरल कर देगा.
वादिनी की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी गुलजार के खिलाफ मुकदमा लिखकर विवेचना शुरू की. तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलित कर विवेचना पूरी करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की. इस मामले में अभियोजन पक्ष ने ठोस गवाह प्रस्तुत कर उनकी गवाही कराई. अभियोजन और बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट राजीव महेश्वरम ने आरोपी गुलजार को दोषी करार दिया.कोर्ट ने दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी.
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