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बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने वाले युवक को 10 वर्ष का कठोर कारावास

आठ साल पहले एक 6 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास करने वाले युवक को जिले की एक अदालत ने 10 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है.

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युवक को 10 वर्ष का कठोर कारावास
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Published : Jun 7, 2022, 8:46 PM IST

Updated : Jun 7, 2022, 10:49 PM IST

बाराबंकी: जनपद में आठ साल पहले एक 6 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास करने वाले युवक को जिले की एक अदालत ने 10 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. अर्थदण्ड की रकम में से 10 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में पीड़ित को दिए जाएंगे. अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट संख्या 46 अंकिता शुक्ला ने यह फैसला सुनाया.

अभियोजन कथानक के मुताबिक रामनगर थाना क्षेत्र के एक गांव में 30 मई 2014 की शाम एक बारात आई थी. बारात में पर्दे पर फिल्म दिखाई जा रही थी. पीड़ित भी गांव के दूसरे बच्चों की तरह फिल्म देखने गई थी. रात करीब साढ़े दस बजे अभियुक्त मासूम बच्ची का अपहरण कर उठा कर ले गया. फिल्म के शोरगुल में कोई जान नहीं पाया और वह चिल्लाती रही. अभियुक्त पीड़ित को गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर ले गया और गड्ढे में बलात्कार करने का प्रयास किया. शोर गुल पर गांव के कुछ लोग दौड़े तब अभियुक्त मासूम को छोड़कर भाग निकला. अगले दिन 31 मई को पीड़ित के पिता की तहरीर पर रामनगर थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी.

यह भी पढ़ें-रिश्ते हुए शर्मसार! चाचा ने भतीजी से किया दुष्कर्म, चाची ने दी गर्भपात की दवा

तत्कालीन विवेचक द्वारा मामले की वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलित करते हुए, अभियुक्त के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय पर दाखिल की. सहायक अभियोजन अधिकारी मनीषा झा ने मामले के गवाह पेश किए. दोनों पक्षों की गवाही और बहस के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अंकिता शुक्ला ने अभियुक्त को दोषी मानते हुए उसे दस साल का कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. जुर्माना अदा न करने पर दोषसिद्ध अभियुक्त को एक वर्ष के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी.

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बाराबंकी: जनपद में आठ साल पहले एक 6 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास करने वाले युवक को जिले की एक अदालत ने 10 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. अर्थदण्ड की रकम में से 10 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में पीड़ित को दिए जाएंगे. अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट संख्या 46 अंकिता शुक्ला ने यह फैसला सुनाया.

अभियोजन कथानक के मुताबिक रामनगर थाना क्षेत्र के एक गांव में 30 मई 2014 की शाम एक बारात आई थी. बारात में पर्दे पर फिल्म दिखाई जा रही थी. पीड़ित भी गांव के दूसरे बच्चों की तरह फिल्म देखने गई थी. रात करीब साढ़े दस बजे अभियुक्त मासूम बच्ची का अपहरण कर उठा कर ले गया. फिल्म के शोरगुल में कोई जान नहीं पाया और वह चिल्लाती रही. अभियुक्त पीड़ित को गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर ले गया और गड्ढे में बलात्कार करने का प्रयास किया. शोर गुल पर गांव के कुछ लोग दौड़े तब अभियुक्त मासूम को छोड़कर भाग निकला. अगले दिन 31 मई को पीड़ित के पिता की तहरीर पर रामनगर थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी.

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तत्कालीन विवेचक द्वारा मामले की वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलित करते हुए, अभियुक्त के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय पर दाखिल की. सहायक अभियोजन अधिकारी मनीषा झा ने मामले के गवाह पेश किए. दोनों पक्षों की गवाही और बहस के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अंकिता शुक्ला ने अभियुक्त को दोषी मानते हुए उसे दस साल का कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. जुर्माना अदा न करने पर दोषसिद्ध अभियुक्त को एक वर्ष के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी.

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Last Updated : Jun 7, 2022, 10:49 PM IST
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