बांदा: आम रास्ते पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा किए जाने को लेकर ग्रामीण जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. जहां पर इन्होंने प्रदर्शन कर अपनी समस्या को निस्तारित किए जाने की मांग की और सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से इन्होंने बताया कि गांव के ही रहने वाले कुछ दबंगों ने गांव के अंदर बीच रास्ते में कब्जा कर लिया है. और लोगों को अब आने जाने नहीं दे रहे हैं, जिसके चलते लोग परेशान हैं.
रास्ते पर अवैध कब्जे का आरोप
बता दें कि देहात कोतवाली क्षेत्र के कमनौडी गांव के रहने वाले ग्रामीण आज जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. जहां पर इन्होंने अपने गांव के ही रहने वाले जमुना प्रसाद और सीताराम पर गांव के एक आम रास्ते पर अवैध रूप से कब्जा किए जाने का आरोप लगाया. साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट सुरेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा और रास्ता खुलवाए जाने की मांग की.
ग्रामीण बोले जल्द किया जाए समस्या का निस्तारण
ग्रामीणों ने बताया कि यह लोग देहात कोतवाली क्षेत्र के कमनौडी गांव के रहने वाले हैं. जहां पर गांव के ही रहने वाले सीताराम और जमुना प्रसाद ने आम रास्ते पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है. अब वह लोगों को निकलने नहीं दे रहे हैं, जिसके चलते हम लोग परेशान हैं. जमुना प्रसाद और सीताराम यह कह रहे हैं कि यह उनकी ही जमीन है. जबकि पिछले लगभग 100 सालों से इसी रास्ते से पूरे गांव का निस्तारण होता रहा है. इसलिए हमारी प्रशासन से मांग है कि आम रास्ते को खुलवाया जाए और हमारी समस्या का निस्तारण किया जाए.
प्रवासी मजदूरों ने भी लगाई प्रशासन से मदद की गुहार
बांदा के जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचे प्रवासी मजदूरों ने सरकारी योजनाओं से वंचित किए जाने को लेकर प्रदर्शन किया. सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाए जाने की मांग को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से इन्होंने बताया कि यह लोग दूसरे प्रदेशों में काम करते थे और अब वे गांव वापस आ गए हैं. सरकार द्वारा जो भी योजनाएं प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही हैं, उसका उन्हें लाभ नहीं दिया जा रहा है. ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव और लेखपाल मनमानी और धांधली कर रहे हैं.
प्रदर्शन करने पहुंचे मजदूरों ने बताया कि हम लोग इस समय किसी भी तरह का कोई रोजगार न होने के चलते भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. वहीं जो सरकारी योजनाएं हमारे लिए चलाई जा रही हैं, उन योजनाओं को ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव और लेखपाल ऐसे लोगों को काम देते हैं, जो उन्हें पैसे देते हैं. मगर हम पैसे देने में असमर्थ हैं, इसलिए हमें किसी भी तरह की कोई सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, जिसके चलते हम लोग बहुत परेशान हैं.