बांदाः आमतौर पर तहसील समाधान दिवस में राजस्व से संबंधित या पुलिस से संबंधित मामले आते रहते हैं, लेकिन बांदा में तहसील समाधान दिवस में शनिवार को एक किशोरी फरियाद लगाते हुए पहुंची. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चल रहे तहसील समाधान दिवस में उसने अपनी बहन के लिए ब्लड उपलब्ध कराने की मांग की. हैरान और परेशान किशोरी को देखकर जिलाधिकारी ने वहां पर उपस्थित अन्य अधिकारियों से इसकी समस्या को निस्तारित करने के लिए कहा.
इसके बाद प्रशासन के एक अधिकारी ने जिला अस्पताल पहुंचकर किशोरी की बहन को खून देने का काम किया. प्रशासन के द्वारा की गई इस मदद से किशोरी के चेहरे में खुशी भी नजर आई. यह पहुंचे किशोरी ने बताया था कि वह चार भाई बहन है और अनाथ है और इनकी मदद करने वाला कोई नहीं है. इसके बाद सभी जिलाधिकारी ने किशोरी की बातों पर गंभीरता दिखाते हुए इसकी मदद की.
दरअसल, जसपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली किशोरी वंदना सदर तहसील में चल रहे तहसील समाधान दिवस में पहुंची. वंदना जिला अधिकारी को बताया कि उसकी बहन आभा को किडनी में समस्या है और उसे खून की जरूरत है. खून न मिलने के चलते बहन का इलाज नहीं हो पा रहा है और वह बहुत परेशान है. तहसील समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र देते हुए वंदना ने बताया कि वह चार भाई बहनों में सबसे बड़ी है और उसके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है. वह अनाथ है और एक रिश्तेदार के यहां रहकर किसी तरह अपना भरण-पोषण कर रहे हैं.
इसके बाद जिलाधिकारी दीपा रंजन ने किशोरी को उसकी बहन के लिए खून उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. किशोरी अपनी समस्या जिलाधिकारी को बताकर अस्पताल चली गई. वहीं, किशोरी के जाने के बाद जिलाधिकारी ने तहसील के अंदर उपस्थित अधिकारियों से इस परेशान किशोरी की बहन को खून देने की बात कही. परियोजना प्रबंधक(बचत) राकेश जैन ने खून देने की बात कही और जिला अस्पताल पहुंचकर इन्होंने खून देने का काम किया.
उपजिलाधिकारी सुरभि शर्मा ने बताया कि एक किशोरी यहां पर यह समस्या लेकर आई थी कि उसकी बहन बीमार है और उसे खून की आवश्यकता है, जिस पर परियोजना प्रबंधक राकेश जैन ने जिला अस्पताल पहुंचकर खून दिया और अब बीमार बच्ची का उपचार किया जा रहा है.
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