उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार ने क्रय केंद्रों को धान की खरीद एमएसपी के आधार पर करने के आदेश दिए, लेकिन सरकार की तमाम कोशिशों के बाद धान को बेभाव बिकने से नहीं रोक जा रहा. प्रदेश के किसानों का धान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत पर खरीदा जा रहा है. लिहाजा सरकारी खरीद केंद्रों को लेकर किसानों की नाराजगी जारी है. खरीद केंद्रों पर पंजीकरण, लंबी लाइन और तमाम दिक्कतों के चलते किसानों का धान आढ़ती और चावल मिलें कम कीमत पर खरीद रही हैं, जहां सरकारी खरीद केंद्रों पर धान का मूल्य 1,868 रुपये है, वहीं खुले बाजार में इसकी कीमत 900-1,200 रुपये प्रति क्विंटल ही मिल पा रही है.
बांदा में केंद्र प्रभारी धान बेचने के एवज में मांग रहे रिश्वत
बांदा जिले में धान खरीद केंद्रों का हाल बहुत बुरा है. यहां पर किसानों को अपने धान को बेचने के लिए कई-कई दिनों तक चक्कर लगाना पड़ रहा है. किसानों का आरोप है कि उनके साथ घटतौली करने के साथ ही केंद्र प्रभारी धान बेचने के एवज में रिश्वत की भी मांग करते हैं. साथ ही कई किसानों का यह भी आरोप है कि उन्हें बेवजह ही परेशान कर केंद्र प्रभारी बिना धान लिए ही वापस कर देते हैं. धान बेचने के लिए कई-कई दिनों से लाइन लगाए खड़े किसानों का धान भी यहां पर कहीं बारिश में भीग रहा है तो कहीं आवारा जानवर धान को बर्बाद कर रहे हैं. जिससे किसान परेशान हैं. वहीं शिकायत मिलने पर धान खरीद केंद्र पहुंचे एसडीएम ने वहां का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश केंद्र प्रभारियों को दिए हैं.
नवीन गल्ला मंडी का उन्नाव डीएम ने किया निरीक्षण
उन्नाव जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने शुक्रवार को नवीन गल्ला मंडी बिछिया कृषक सेवा सहकारी समिति तार गांव और उप मंडी स्थल बिछिया पर धान खरीद का आकस्मिक निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हित में गम्भीरता से कार्य कर रही है. इस कारण किसानों को धान क्रय-खरीद, खाद्य की उपलब्धता में किसी भी तरह कि शिथिलता बरदाश्त नहीं होगी. धान क्रय-खरीद में पारदर्शिता के साथ लक्ष्य के अनुरूप धान क्रय किया जाए.
धान क्रय केंद्र के दो प्रभारी निलंबित
कन्नौज में किसान धान की फसल का उचित मूल्य पा सकें, इसके लिए सरकारी धान क्रय केंद्र खोले गए हैं. सरकार ने सरकारी धान क्रय केंद्रों पर हर संभव सुविधाओं का इंतजाम करने का निर्देश भी जिले के आलाधिकारियों को दिया था, लेकिन जिले में सरकारी धान खरीद का जिम्मा उठाने वाले अधिकारियों ने सरकार के निर्देशों को धता बताते हुए किसानों को धान विक्रय करने में परेशानियां खड़ी कर दीं, जिसके चलते किसान कम दामों में बिचौलियों को फसल बेचने पर मजबूर हैं. धान क्रय की लगातार शिकायत मिलने पर डीएम ने केंद्रों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम को खामियां मिलने पर सम्बधित अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. साथ ही दो केंद्रों के प्रभारियों को निलंबित कर दिया.
मुरादाबाद में प्रोक्योरमेंट सेंटर पर नहीं पहुंच रहे अधिकारी
मुरादाबाद में किसान का धान की खरीदने के लिए सरकार ने गांव-गांव प्रोक्योरमेंट सेंटर बनाए हैं, लेकिन प्रोक्योरमेंट सेंटर पर धान खरीदने के लिए स्टाफ व अधिकारी मौजूद नहीं हैं. किसान अपनी फसल को बेचने के लिए अधिकारियों और स्टाफ का इंतजार कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि कई दिन से लगातार वो क्रय केंद्र पर पहुंच रहे हैं, लेकिन अधिकारी सेंटर पर नहीं आ रहा हैं. सेंटर पर आने के बाद अधिकारी नंबर नहीं आने का बहाना कर किसानों को वापस कर देते हैं.
चीनी मिल प्रबंधन की नीतियों से गन्ना किसान परेशान
बस्ती में पेराई सत्र शुरू होने से पहले ही गन्ना किसानों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. आगमी पेराई सत्र में चीनी मिलों की ओर से 23 क्रय केन्द्रों को बंद कर मॉडल क्रय केन्द्रों की व्यवस्था की गई है. गन्ना किसानों का आरोप है कि चीनी मिल प्रबंधन की गलत नीतियों से यदि मॉडल क्रय केंद्र स्थापित हुए तो घटतौली व बिचौलियों के बीच में किसान फंस कर परेशान हो जाएगा. गन्ना किसानों ने इसको लेकर जिले के सभी अधिकारियों से पूर्व की भांति गन्ना क्रय केंद्र स्थापित करने के लिए शिकायती पत्र दिया है.
चेयरमैन प्रतिनिधि अरविंद सिह ने बताया कि बभनान चीनी मिल ने 16 व रौजा गांव चीनी मिल ने 6 गन्ना क्रय केन्द्रों को बंद कर दिया है. यह चीनी मिल का प्रस्ताव किसी भी तरीके से किसानों के हित में नहीं है. इसलिए इसको किसी भी स्थिति में लागू नही होने देंगे. चीनी मिल पहले की तरह सभी गन्ना क्रय केन्द्रों का संचालन करते हुए मॉडल क्रय केन्द्र बनाने का आदेश वापस लें, जिससे किसान अपना गन्ना सुगमता से क्रय केन्द्रों पर बेच सकें.