बांदाः परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों और विद्यालय की समस्त गतिविधियों पर निगरानी करने के लिए सरकार 5 सितंबर को प्रेरणा ऐप लॉन्च करने जा रही हैं. जिले में इस ऐप के विरोध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के बैनर तले शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया और बेसिक शिक्षा मंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा.
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प्रेरणा ऐप का विरोध
जिलाधिकारी कार्यालय में लगभग पचास से ज्यादा शिक्षक पहुंचे. जहां पर उन्होंने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के बैनर तले 5 सितंबर को लागू किए जाने वाले प्रेरणा ऐप के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने इस ऐप को गलत ठहरा कर इसको लांच न किए जाने को लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंप दिया.
शिक्षकों का कहना हैं कि कई शिक्षक ऐसे हैं जिनके पास सीमित संसाधन नहीं हैं. स्कूलों में लाइट नहीं है, कुछ शिक्षकों के पास स्मार्टफोन भी नहीं हैं. ऐसे में प्रेरणा ऐप कैसे चला सकेगा.
शिक्षकों की मांग
शिक्षकों की मांग हैं कि अगर सरकार उनके घरों के नजदीक विद्यालय में आवंटित करती हैं तो कोई परेशानी नहीं होगी. शिक्षक समय से अपने स्कूल पहुंच जाएंगे. वहीं गैर शैक्षणिक कार्य भी उनसे न लिए जाएं क्योंकि गैर शैक्षणिक कार्यों की वजह से शिक्षा की गुणवत्ता में भी कमी आती हैं
हम शिक्षकों पर निगरानी करने के लिए सरकार 5 सितंबर को प्रेरणा ऐप लॉन्च कर रही हैं. सरकार शैक्षणिक कार्य के अलावा गैर शैक्षणिक कार्य भी करवाती है. वह चाहे मिड-डे-मील हो, जनगणना हो या मतगणना हो. कई ऐसे काम है जो गैर शैक्षणिक है फिर भी शिक्षकों से करवाए जाते हैं. वहीं कई शिक्षकों के विद्यालय दूर हैं ऐसे में कभी-कभी शिक्षकों को स्कूल पहुंचने में देरी भी हो जाती हैं. इस दशा में इस ऐप से शिक्षकों का फीडबैक गलत जाएगा और उन पर बिन बात की कार्रवाई होगी.
-वीरेंद्र सिंह पटेल, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ