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बांदा: पीआरडी जवानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा लॉकडाउन, लगातार मिल रही ड्यूटी - कोरोना वायरस ताजा खबर

यूपी के बांदा में लॉकडाउन प्रांतीय रक्षक दल यानि कि पीआरडी के जवानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. क्योंकि पीआरडी के जवानों को साल में कुछ महीने ही ड्यूटी मिलती है और खाली समय में इन्हें मजदूरी करना पड़ता था. वहीं लॉकडाउन में इन्हें लगातार ड्यूटी मिल रही है.

पीआरडी के जवानों को लॉकडाउन से हो रहा लाभ.
पीआरडी के जवानों को लॉकडाउन से हो रहा लाभ.
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Published : Apr 5, 2020, 9:26 AM IST

बांदा: कोरोना वायरस के चलते देश 21 दिनों के लिए बंद है. इस लॉकडाउन से लोगों का रोजगार ठप हो गया है. वहीं यह लॉकडाउन प्रांतीय रक्षक दल यानि कि पीआरडी के जवानों के लिए फायदेमंद है. कारण यह है कि प्रांतीय रक्षक दल के जवानों को साल में कुछ महीने ही ड्यूटी मिलती है और खाली समय में इन्हें मजदूरी कर अपने घर का खर्च चलाना पड़ता है. ऐसे में इस लॉकडाउन में इन्हें लगातार ड्यूटी मिल रही है. जब ईटीवी भारत की टीम ने प्रांतीय रक्षक दल के जवानों से बात की तो उन्होंने कहा कि अन्य जवानों की तरह इन्हें भी समान कार्य और समान वेतन मिलना चाहिए.

पीआरडी के जवानों को लॉकडाउन से हो रहा लाभ.
पीआरडी के जवानों को लॉकडाउन से हो रहा लाभ.

जिले में लगभग 1000 पीआरडी जवान हैं. जिनमें से आम दिनों में कुछ ही पीआरडी जवानों को ड्यूटी मिल पाती है. युवा कल्याण विभाग के अधीन इन पीआरडी जवानों को औसतन कहा जाए तो ज्यादा से ज्यादा 6 महीने ही साल में ड्यूटी मिल पाती है. और बाकी के दिनों में इन्हें मजदूरी आदि दूसरे काम कर अपने घर का खर्च चलाना पड़ता है.

इसे भी पढ़ें-बांदा: लॉकडाउन में बेजुबान जानवरों के सामने खाने की समस्या

पीआरडी के जवानों ने बताया कि इन्हें साल में कुछ महीने ही ड्यूटी मिलती है और इससे इनके घर का खर्च नहीं चल पाता. उन्होंने बताया कि इन्हें 375 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पैसे मिलते हैं जो घर का खर्च चलाने में नाकाफी साबित होते हैं. लेकिन कुछ न मिलने से तो यह अच्छा ही है. उन्होंने बताया कि अगर सरकार अन्य जवानों की तरह इन्हें भी समान कार्य समान वेतन दे तो इन्हें कोई परेशानी नहीं होगी.

बांदा: कोरोना वायरस के चलते देश 21 दिनों के लिए बंद है. इस लॉकडाउन से लोगों का रोजगार ठप हो गया है. वहीं यह लॉकडाउन प्रांतीय रक्षक दल यानि कि पीआरडी के जवानों के लिए फायदेमंद है. कारण यह है कि प्रांतीय रक्षक दल के जवानों को साल में कुछ महीने ही ड्यूटी मिलती है और खाली समय में इन्हें मजदूरी कर अपने घर का खर्च चलाना पड़ता है. ऐसे में इस लॉकडाउन में इन्हें लगातार ड्यूटी मिल रही है. जब ईटीवी भारत की टीम ने प्रांतीय रक्षक दल के जवानों से बात की तो उन्होंने कहा कि अन्य जवानों की तरह इन्हें भी समान कार्य और समान वेतन मिलना चाहिए.

पीआरडी के जवानों को लॉकडाउन से हो रहा लाभ.
पीआरडी के जवानों को लॉकडाउन से हो रहा लाभ.

जिले में लगभग 1000 पीआरडी जवान हैं. जिनमें से आम दिनों में कुछ ही पीआरडी जवानों को ड्यूटी मिल पाती है. युवा कल्याण विभाग के अधीन इन पीआरडी जवानों को औसतन कहा जाए तो ज्यादा से ज्यादा 6 महीने ही साल में ड्यूटी मिल पाती है. और बाकी के दिनों में इन्हें मजदूरी आदि दूसरे काम कर अपने घर का खर्च चलाना पड़ता है.

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पीआरडी के जवानों ने बताया कि इन्हें साल में कुछ महीने ही ड्यूटी मिलती है और इससे इनके घर का खर्च नहीं चल पाता. उन्होंने बताया कि इन्हें 375 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पैसे मिलते हैं जो घर का खर्च चलाने में नाकाफी साबित होते हैं. लेकिन कुछ न मिलने से तो यह अच्छा ही है. उन्होंने बताया कि अगर सरकार अन्य जवानों की तरह इन्हें भी समान कार्य समान वेतन दे तो इन्हें कोई परेशानी नहीं होगी.

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