बांदाः बर्ड फ्लू को लेकर प्रशासन अलर्ट है. लोगों को भी बर्ड फ्लू को लेकर सतर्क रहने और इससे बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं. बांदा जिले में प्रशासन लोगों को जागरूक कर रहा है. बर्ड फ्लू को लेकर एक रैपिड एक्शन टीम का भी गठन किया गया है. यह टीम लोगों को जागरूक कर रही है. यह टीम पक्षियों के मरने की सूचना पर पहुंचकर जरूरी चीजें पशुपालन विभाग को उपलब्ध कराएगी. साथ ही पक्षियों के मरने पर या अन्य किसी संदिग्ध मामले पर तुरंत उस पर कार्रवाई करने का काम करेगी.
कुछ दिन पहले मरे थे पक्षी
जिले में अभी तक किसी भी तरह की बर्ड फ्लू की कोई सूचना नहीं है. हालांकि कुछ पक्षियों की मौत के बाद उनका पोस्टमार्टम कराया गया था. इसमें पक्षियों की ठंड से मरने की पुष्टि हुई थी.
मुर्गी फार्म और बॉयलर फार्म में एहतियात
मुर्गी फार्म और बॉयलर फार्म का काम करने वाले मजर हुसैन ने बताया कि हमारे पास अधिकारी आए थे. उन्होंने हमें बर्ड फ्लू के बारे में जानकारी दी. इसको लेकर अब हमने अपने फार्म के आसपास के बड़े-बड़े पेड़ों की टहनियों को कटवा दिया है जिससे कि पक्षी यहां पर आकर ना बैठ सकें. साथ ही हम अपने फार्म में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दे रहे हैं. साथ ही किसी बाहरी व्यक्ति के भी यहां आने जाने पर रोक लगा रखी है, जिससे किसी भी तरह का कोई संक्रमण यहां न पहुंच सके. साथ ही बाहरी पक्षियों को भगाने के लिए हम दिन में कई बार पटाखे छुटाने का भी काम करते हैं.
मुख्य एहतियात
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि बर्ड फ्लू के संबंध में लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है. समझाया जा रहा है कि अगर कहीं पर कोई पक्षी मृत पाया जाता है तो इसकी जानकारी तुरंत पशुपालन विभाग को दें. साथ ही उसे कोई उठाए नहीं. उसे पशुपालन विभाग के लोगों व उनकी देखरेख में दफन करने का काम किया जाएगा. सीधे किसी पक्षी को छुए नहीं.
खाने में सावधानी
पक्षियों का कम पका हुआ मांस व अंडे न खाएं. इसे कम से कम 100 डिग्री के तापमान में पका लें. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि बर्ड फ्लू को लेकर यह जरूरी बात बतानी है कि यदि किसी को सांस फूलने की, जुखाम की समस्या हो, या व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हो तो उसे तुरंत आइसोलेट किया जाना है. इसके लिए जिला अस्पताल में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है. यहां पर मरीज को भर्ती कर उसका उपचार किया जाएगा. इसको लेकर एक रैपिड रिस्पांस टीम का भी गठन किया गया है. किसी भी संदिग्ध बात की जानकारी मिलने पर तुरंत उस पर टीम कार्रवाई करेगी. यह टीम पशुपालन विभाग के कर्मचारी, जो मृत पक्षियों को दफनाने के लिए जाएंगे, उनको लेकर यह टीम पशुपालन विभाग के कर्मचारियों को दवा उपलब्ध कराने के साथ ही पीपीई किट व अन्य जरूरी सामग्री भी उपलब्ध कराएगी.