बांदा: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भरतपुर राजस्थान में तैयार की गई सरसों की गिरिराज प्रजाति अब बुंदेलखंड के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी. जानकारी के मुताबिक यह प्रजाति यहां पर बोई जाने वाली अन्य प्रजातियों की तुलना में दो गुना ज्यादा उत्पादन देगी और कृषि विभाग इस प्रजाति पर 60 फीसदी का अनुदान भी किसानों को दे रहा है.
वहीं यह प्रजाति लगभग 27 से 28 कुंटल तक उत्पादन देगी. इस सरसों की फसल की कटाई के समय फलिया भी बर्बाद नहीं होगी क्योंकि अभी तक बोई जाने वाली अन्य प्रजाति की सरसों की फलियां कटाई के समय टूट जाती थी. इससे बीज बर्बाद होते थे और उत्पादन में कमी आती थी, मगर यह प्रजाति ऐसी प्रजाति है जिसमें बीज बर्बाद नहीं होंगे.
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अब किसानों को मिल सकेगा अच्छा उत्पादन
गिरिराज प्रजाति को लेकर जिला कृषि अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि यह प्रजाति बुंदेलखंड के किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी. इस प्रजाति पर हम किसानों को 60 फीसदी अनुदान भी दे रहे हैं लेकिन कुछ जरूरी बातें हैं जो किसानों को ध्यान देनी होंगी.
उन्होंने बताया कि किसान जहां से बीज खरीदे वहां पर इसके बारे में जानकारी ले लें कि इस प्रजाति को बोने में कितने बीज की आवश्यकता होती है और कितनी खाद की इसमें आवश्यकता होती है. ज्यादा खाद्य बीज डालने से यह प्रजाति प्रभावित होगी और किसानों को उतना अच्छा उत्पादन नहीं मिलेगा. किसान इसकी बुवाई नियमानुसार करेंगे तो निश्चित तौर से यह प्रजाति किसानों के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद साबित होगी.