बांदा : सरकार का लक्ष्य सन 2022 तक सबको छत मुहैया कराने का है. यानी कि सबके पास पक्के मकान होंगे. इसे लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और शहरी के अंतर्गत इस योजना के पात्र लोगों को आवास देने का काम सरकार कर रही है. लेकिन आए दिन इस योजना में कहीं धांधली तो कहीं लापरवाही को लेकर शिकायतें आती रहतीं हैं. इसी क्रम में जिले के एक गांव के लगभग 50 की संख्या में ग्रामीण जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. यहां इन्होंने आवास योजना का लाभ दिलाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया. पात्र होते हुए भी अभी तक इस योजना से वंचित करने को लेकर डीएम से जिम्मेदार लोगों की शिकायत भी की.
कामासिन ब्लाक के मऊ गांव से पहुंचे ग्रामीण
बता दें कि जिले के कमासिन ब्लाॅक के मऊ गांव से लगभग 50 ग्रामीण जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे जहां इन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत आवास दिलाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया.
ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने बताया कि पूर्व में जो भी प्रधान व सचिव उनके यहां रहे हैं, उनसे कई बार आवास देने की मांग की. लेकिन आवास नहीं दिया गया. वहीं अब नए प्रधान और सचिव के आने के बाद भी आवास योजना से वंचित किया जा रहा है.
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नहीं मिल रहा योजना का लाभ
आवास की समस्या को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि उनके पास कच्चे घरों के अलावा कुछ भी नहीं है. न तो खेती है और न ही कोई अन्य रोजगार. वह लोग किसी तरह मेहनत-मजदूरी कर अपना भरण-पोषण करते हैं.
बावजूद उसके उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है. इसे लेकर कई बार उन लोगों ने अधिकारियों से भी फरियाद की. लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई. वह लोग अब अधिकारियों की चौखट के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.
आवास सूची को लेकर उन लोगों ने ग्राम प्रधान और सचिव को अपने दस्तावेज भी दिए हैं. लेकिन आवास योजना की लिस्ट में उनका नाम नहीं आया है. इसलिए वह जिलाधिकारी कार्यालय एक बार फिर पहुंचे हैं. इन लोगों ने पात्र होने के बावजूल आवास योजना से वंचित न किए जाने की मांग की.