बांदाः जिले के पैलानी थाना क्षेत्र में शुक्रवार को नदी पार करने के दौरान 4 बच्चियां गहरे पानी में चली गई. इस दौरान 2 बच्चियों की मौत हो गई तो वहीं 2 बच्चियों को वहां पर मौजूद ग्रामीणों ने बचा लिया. मृतक बच्चियों के परिजनों व ग्रामीणों ने नदी में हुए गड्ढों को लेकर अवैध खनन का खदान संचालकों पर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा. लगभग 10 घंटे तक बच्चियों के शवों को उन्होंने पुलिस को नहीं उठाने दिया. हंगामे की जानकारी मिलने पर अपर जिलाधिकारी व अपर पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे, जहां पर उन्होंने परिजनों को समझाया बुझाया. इसके बाद पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
वहीं, बच्चियों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की बात कही गई है. ग्रामीणों व परिजनों का आरोप था कि नदी में अवैध रूप से खनन का कार्य किया जा रहा है और बड़ी-बड़ी पोकलैंड मशीनों से नदी से मौरंग को निकाला जा रहा है. जिसके चलते नदी में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और इसी के चलते यह घटना हुई है. फिलहाल पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रहे हैं.
मामला पैलानी थाना क्षेत्र के खप्टिहाकला गांव का है. यहां पर शुक्रवार की शाम लगभग 4 बजे इसी गांव की रहने वाली 4 बच्चियां सफीना, यास्मीन, शबनम व रुकसार परिवार की अन्य महिलाओं के साथ केन नदी के दूसरी पार चल रहे एक भंडारे में प्रसाद खाने के लिए जा रही थी. केन नदी पार करने के दौरान यह सभी नदी के गहरे पानी में चली गईं और डूबने लगीं. इस दौरान वहां पर मौजूद ग्रामीणों ने देखा तो नदी में कूदे और रुखसार व शबाना को तो समय रहते पानी से निकाल लिया और उनकी जान बचा ली. वहीं, यास्मीन व सफीना को जब तक नदी के गहरे पानी से निकाला जाता तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.
घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने वहां पर हंगामा काटना शुरू कर दिया और दोनों बच्चियों के शवों को नदी के किनारे रखकर प्रदर्शन करने लगे. ग्रामीणों को आरोप था कि केन नदी में अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है. जिसके चलते नदी में इस पार से उस पार जाने का जो रास्ता है, उसमें गड्ढे हो गए हैं और पानी भर गया है. इसके चलते यह बच्चियां गहरे पानी में चली गईं और यह घटना हो गई.
वहीं, रात लगभग 12:00 बजे तक उन्होंने शवों को स्थानीय पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को नहीं उठाने दिया और हंगामा काटते रहे. इसके बाद अपर जिलाधिकारी उमाकांत त्रिपाठी व अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्र मौके पर पहुंचे, जहां पर उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया और मुआवजा दिलाने की बात कहते हुए अवैध खनन को लेकर भी कार्रवाई की बात कही. इसके बाद प्रदर्शन कर रहे लोग माने और उन्होंने रात लगभग 2:00 बजे बच्चियों के शवों को पुलिस को सुपुर्द किया. इसके बाद पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्र ने बताया कि गांव की 4 बच्चियां नदी के दूसरी तरफ चल रहे भंडारे में प्रसाद खाने के लिए जा रही थी, तभी नदी में पैर फिसल जाने के चलते यह उसमें डूब गई. घटना में दो बच्चियों की मौत हो गई. वहीं, दो बच्चियों को बचा लिया गया था. मृतक बच्चियों के परिजनों की जो मांगी थी उनको मान लिया गया है और अपर जिलाधिकारी की तरफ से इन्हें चार-चार लाख रुपये मुआवजा दिलाने की भी बात कही गई है. बच्चियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है व आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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