बांदाः नाबालिग बच्चों के साथ यौन शोषण और पोर्नोग्राफी मामले में फिर एक बार सीबीआई की टीम बांदा की पॉक्सो कोर्ट पहुंची, जहां पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की इस मामले में बहस हुई. सीबीआई को यह उम्मीद थी कि पूर्व में उसके द्वारा डाले गए एप्लीकेशन पर कोर्ट अपना फैसला देगी, लेकिन आरोपी पक्ष के अधिवक्ता ने कंडोलेंस होने की बात बताते हुए आपत्ति दाखिल करने में असमर्थता जता दी और अगली डेट मांगी. जिस पर न्यायसंगिक मांग होने के चलते कोर्ट ने अगली तारीख 6 जनवरी बढ़ा दी है. इस मामले में अब 6 जनवरी को फिर एक बार सुनवाई होगी.
सुनवाई को लेकर दोपहर 2 बजे कोर्ट पहुंची थी सीबीआई की टीम
बता दें कि पोर्नोग्राफी के मामले को लेकर पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई थी. इसी के तहत सीबीआई की टीम कोर्ट पहुंची थी. सीबीआई ने पूर्व में 2 एप्लिकेशन डाले थे, जिसमें एक एप्लिकेशन में सीबीआई ने आरोपी जूनियर इंजीनियर रामभवन की वाइस सैंपल की जांच बीएसएल लैब में करवाने की मांग की है. वहीं दूसरे एप्लिकेशन में जूनियर इंजीनियर की फिजियोलॉजिकल टेस्ट कराने की मांग को लेकर दिल्ली ले जाने की मांग थी, जिसको लेकर सोमवार को इस पर फैसला होना था. जहां पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की इस मामले में बहस हुई. जिसमें कंडोलेंस होने को लेकर आपत्ति दाखिल करने में आरोपी पक्ष के अधिवक्ता में असमर्थता जताई थी. जिस पर कोर्ट ने 6 जनवरी को अगली तारीख बढ़ा दी है.
कंडोलेंड के चलते आपत्ति दाखिल करने में आरोपी पक्ष के अधिवक्ता ने जताई थी असमर्थता
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता मनोज दीक्षित ने बताया की जूनियर इंजीनियर की रिमांड और उसकी पत्नी की रिमांड को लेकर विवेचक ने एप्लीकेशन दी थी. जिसको बढ़ा दिया गया है और जो मुलजिम के अधिवक्ता हैं उन्होंने सोमवार को कंडोलेंस होने की वजह से आपत्ति दाखिल करने में असमर्थता जता दी थी. साथ ही अगली डेट मांगी थी, जिसको कोर्ट ने बढ़ाकर 6 जनवरी कर दी गई है. इस मामले में अब 6 तारीख को फिर से एक बार सुनवाई होगी.