बांदा: जिले के एक गांव में एक बैंक मित्र ने भोलीभाली अपने गांव की ही गरीब जनता से धोखाधड़ी की. बैंकमित्र ने अपने गांव के ही गरीब, अनपढ़ लोगों से अंगूठे लगवाकर, फर्जी बैंक खाता खोलकर सैकड़ा लोगों को अपना शिकार बनाया. आरोपी ने करीब 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है.
बैंक मित्र के धोखाधड़ी करने की जानकारी लोगों को तब हुई जब लोग अपने बैंक खातों की जानकारी लेने बैंक पहुंचे. गांव के ही रहने वाले बैंक मित्र ने उन्हें बेवकूफ बनाकर उनके खाते खाली कर दिए. फिलहाल पूरे मामले को लेकर बैंक के अधिकारियों और ग्रामीणों की तरफ से अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया गया है. इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. वहीं, आरोपी बैंक मित्र को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
पैलानी तहसील क्षेत्र के पपरेंदा आर्यावर्त बैंक का मामला: मामला पैलानी तहसील क्षेत्र के पपरेंदा आर्यावर्त बैंक का है. ग्राहक सेवा केंद्र चलाने वाले एक बैंक मित्र बबलू प्रजापति ने गांव के सैकड़ों ग्रामीणों के साथ धोखाधड़ी की है. बैंक मित्र बबलू ने गरीब और अनपढ़ लोगों को अपना निशाना बनाया है. गांव के लोग पैसा निकालने के लिए और अपने खाते से संबंधित कोई जानकारी लेने के लिये जाते थे तो बबलू उनसे फिंगरप्रिंट मशीन में अंगूठा लगवा लेता था. उन्हें बैंक खाते की जानकारी देने के साथ ही उनके खाते से पैसे निकाल लेता था. साथ ही निकाली गयी रकम से कम रकम निकालकर ग्रामिणों को देता था और उनके खाते से ज्यादा रकम निकालकर अपने पास रखता था. कई खातों से उसने अपने खाते में पैसों का ऑनलाइन ट्रांसफर किया था. उसने अपने ही गांव के कई लोगों के फर्जी खाते खोलना शुरू कर दिए. फर्जी तरीके से वह उनसे लेन-देन करता रहा. लगभग 2 साल से वह ऐसा कर रहा है. अब तक आरोपी ने लगभग 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है.
एक महिला के खाते से निकाले 5 लाख रुपये: निवाईच गांव की ही रहने वाली एक मोहन सखी नाम की महिला के खाते से बबलू प्रजापति ने पिछले 2 साल के अंतराल में 5 लाख रुपये निकाल लिए. पीड़ित महिला और उसके बेटे ने बताया कि, वह हमारे खातों से 10-10 हजार रुपये कर निकालता रहा.
बैंक से ग्रामीणों को कर दिया जाता था वापस: कई ग्रामीणों ने बैंक के कर्मचारियों पर भी आरोप लगाया कि, वे जब अपने खातों से संबंधित जानकारी जानने या पैसे निकालने जाते थे तो उन्हें बैंक के कर्मचारी यह कहकर वापस भगा देते थे कि, उनके गांव में जब ग्राहक सेवा केंद्र खुला है तो वह बैंक आकर क्यों परेशान होते हैं. ग्रामीणों की पासबुक में एंट्री नहीं की जाती थी. साथ ही उन्हें आसानी से पैसे भी नहीं दिए जाते थे. इसके चलते मजबूरन ग्रामीण अपने गांव में स्थित ग्राहक सेवा केंद्र में बैंक मित्र के पास जाते थे और धोखाधड़ी का शिकार होते रहे.
जाली पासबुकें बनाकर खोले कई लोगों के खाते: आर्यावर्त बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिवेदी से जब हमारी बात हुई तो उन्होंने बताया कि, बैंक मित्र के धोखाधड़ी करने का मामला हमारी भी संज्ञान में आया है. यह बहुत ही गंभीर मामला है. इसकी हम जांच पड़ताल कर रहे हैं. जिन लोगों के खातों से पैसे निकाले गए हैं उनके पैसों की भी गणना की जा रही है कि आखिर कितनी रकम बैंक मित्र बबलू प्रजापति ने लोगों के खातों से धोखे से निकाली है. क्षेत्रीय प्रबंधक ने यह भी बताया कि, हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि, उसने जाली पासबकों और बैंक मोहर से लोगों के फर्जी खाते खोले और उनमें भी लेनदेन करता रहा.
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