बांदाः कानपुर में देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. इस घटना में बांदा के रहने वाले सीओ देवेंद्र मिश्रा भी शहीद हो गए. उनके पैतृक गांव में मातम का माहौल है. लोग उदास हैं और उनके मन में प्रतिशोध की भावना है. लोगों का कहना है कि जिस तरह से बदमाशों ने रात के अंधेरे में ताबड़तोड़ पुलिस पर फायरिंग कर इस जघन्य घटना को अंजाम दिया है. उससे कहीं ज्यादा कड़ी सजा और कड़ा सुलूक बदमाशों के साथ होना चाहिए.
बिल्हौर के थे सीओ
कानपुर के चौबेपुर में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा बांदा जिले के गिरवा थाना क्षेत्र के सहेवा गांव के रहने वाले थे. इन्होंने कक्षा आठवीं तक की पढ़ाई अपने गांव में रहकर ही की. इसके बाद इन्होंने बांदा के अतर्रा और बांदा शहर में इंटर तक की पढ़ाई पूरी की. शुरू में ही यह पढ़ाई में बहुत अच्छे थे और वर्तमान में कानपुर के बिल्हौर क्षेत्र के सीओ थे.
कठोर कार्रवाई की मांग
गुरुवार रात चौबेपुर में हुई मुठभेड़ में बदमाशों ने इनकी टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं, जिसमें ये शहीद हो गए और घटना की जानकारी जैसे ही गांव के लोगों को मिली पूरे गांव में मातम छा गया. गांव के लोग काफी मायूस हैं. लोगों के मन में यह आक्रोश है कि जिस तरह बदमाशों ने धोखे से इस घटना को अंजाम दिया, उसी तरह बदमाशों से भी बदला लिया जाए.
पढ़ाई में थे होशियार
ईटीवी भारत की टीम ने उनके पैतृक गांव और बांदा शहर में बने इनके घर जाकर उनके परिवार के लोगों, स्थानीय लोगों और गांव के लोगों से बात की. इस दौरान लोगों ने बताया कि शहीद देवेंद्र मिश्रा के पिता अध्यापक थे और यह भी अपने पिता की तरह पढ़ाई में होशियार थे.
मिलनसार थे शहीद सीओ
लोग बताते हैं कि देवेंद्र मिश्रा कभी-कभी गांव आते थे तो लोगों से जरूर मिलते थे और इनका स्वभाव बहुत सरल था. देवेंद्र फरवरी में हुए एक कार्यक्रम में गांव आए थे, जहां पर लोगों से उन्होंने मुलाकात की थी. गांव और परिवार के लोगों की सरकार से मांग है कि जिन अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया है ऐसे अपराधियों के खिलाफ अत्यधिक कठोर कार्रवाई की जाए.