बांदा: एक तरफ सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति विद्यालयों को सीबीएसई बोर्ड के पैटर्न पर शिक्षा दिलाने की बात कह रही है. वहीं दूसरी तरफ बांदा में संचालित इन आश्रम पद्धति विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है. यहां पर जरूरी विषयों के ही शिक्षक नहीं है, जिसके चलते छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है. वहीं बड़ी बात यह है कि यहां पर एक आश्रम पद्धति विद्यालय में प्रधानाचार्य का पद ही दो साल से खाली है.
विद्यालयों में है शिक्षकों की कमी-
- जिले में पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति के चार विद्यालय संचालित हैं.
- यहां सरकार विद्यालयों को सीबीएससी बोर्ड के पैटर्न पर शिक्षा दिलाने की बात कह रही है.
- शिक्षकों की कमी के चलते यहां छात्रों की संख्या में भारी कमी देखने को मिल रही है.
- विद्यालय प्रबंधन यहां पर नियुक्त शिक्षकों से ही किसी प्रकार छात्रों को शिक्षा दिलाने का काम कर रहे हैं.
यहां पर 20 शिक्षकों में से 14 शिक्षक की नियुक्त हैं, जिनमें कुछ संविदा शिक्षक भी हैं. यहां 356 छात्र पंजीकृत हैं, जिसमें से लगभग 300 छात्र ही यहां आते हैं. जुलाई 2017 से ही प्रधानाचार्य का पद खाली है, जिसमें अब तक प्रधानाचार्य की कोई नियुक्ति नहीं हुई है.
- आरके पटेल, प्रभारी प्रधानाचार्य