बलरामपुर: एक तरफ जहां लोकसभा चुनावों के लिए जिला तैयार हो चुका है. वहीं दूसरी तरफ पुलिस विभाग भी अपनी तैयारियों में पूरी तरह से लगा हुआ है. पुलिस विभाग ने लोकसभा चुनावों के दौरान किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की है, जिसका नाम 'ऑपरेशन दस्तक' रखा गया है.
जिले की कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए और अपराधियों के मन में डर पैदा करने के लिए एसपी अनुराग आर्य के निर्देशन में पुलिस विभाग आठ मार्च की रात से 15 मार्च की रात तक एक विशेष अभियान चला रही है. इस विशेष अभियान का नाम 'ऑपरेशन दस्तक' रखा गया है. इस अभियान के जरिए जिलेभर के 15 थाना क्षेत्रों में रहने वाले 2300 अपराधियों की कुंडली को खंगाला जाएगा.
अपराधियों का निकालेंगे पूरा डाटा
इस अभियान के जरिए सभी अपराधियों का एक विस्तृत डाटा तैयार किया जाएगा, जिसमें अपराधियों के नाम, उनके परिवार वालों के नाम, कितने सदस्य हैं, उनका मौजूदा मोबाइल नंबर और उनकी मौजूदा लोकेशन इत्यादि की जानकारी संग्रहित की जाएगी. इस दौरान अगर कोई अपराधी किसी अपराध में सम्मिलित पाया जाता है तो उसे तत्काल जेल भेजने का काम भी किया जाएगा.
'ऑपरेशन दस्तक' की हुई है शुरूआत
शनिवार को एसपी अनुराग आर्य ने जानकारी देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव तथा होली जैसे त्योहारों को मद्देनजर रखते हुए जिले की कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने की खातिर एक विशेष अभियान की शुरुआत की गई है. इसका नाम 'ऑपरेशन दस्तक' रखा गया है. जिले में आबकारी अधिनियम, गैंगस्टर, गंभीर अपराध, छिनैती, डकैती, गैंगरेप, रेप, मर्डर, विस्फोटक पदार्थ तथा आर्म्स एक्ट व चुनाव के संबंध में पंजीकृत अपराधों में संलिप्त अपराधियों की सघन चेकिंग की जाएगी.
थाना प्रभारी को हर दिन करनी होगी कार्रवाई
एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि इस अभियान के दौरान प्रत्येक थाना प्रभारी को हर दिन कार्रवाई करनी होगी. कार्यवाही का प्रारूप और रिपोर्ट बनाकर मुझे डायरेक्ट बताना होगा. इस अभियान के माध्यम से इन अपराधियों के 10 साल के डाटा को खंगाला जाएगा, जिसके जरिए पुलिस उनके घरों पर दस्तक देने का काम करेगी. इसके लिए सभी थानों को निर्देशित कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि अपराध की सभी श्रेणियों में आने वाले जिले के 2300 अपराधियों को चिन्हित कर उनकी सूची सभी थानों में भेज दी गई है. इसके तहत पुलिस सभी चिन्हित अपराधियों के घर पर दिन के उजाले में दस्तक देगी. उनके वर्तमान क्रियाकलापों की जानकारी भी उनके पड़ोसियों और स्थानीय लोगों को करवाएगी. इस ऑपरेशन का मुख्य मकसद जिले की अपराध डाटा को सुधारना होगा तथा इन अपराधियों से आम जनता को सजग कराना होगा.