बलरामपुर: जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश में दर्जनों जिले आसमान की तरह बारिश की उम्मीद लगाए बैठे हैं और आसमान उन्हें बार-बार निराश कर रहा है. वहीं जिले में रविवार को हुई 12 घंटे की बारिश से पूरे जिले में बाढ़ जैसे हालात हैं. बाढ़ से जिला मुख्यालय से तराई क्षेत्र व तुलसीपुर क्षेत्र का संपर्क मार्ग भी बाधित हो गया है.
जिले का तराई इलाका हुआ जलमग्न:
- जिले में रविवार को हुई महज 12 घंटे बारिश से ही पूरा जिला जलमग्न हो गया है.
- तराई क्षेत्रों में पहाड़ी नालों से आये पानी से लोगों के खेतों-घरों में पानी घुस चुका है.
- जिले के 50 से 60 गांव जो तराई क्षेत्र में पड़ते हैं वह पूरी तरह से जल मग्न दिखाई दे रहे हैं.
- ग्रामीण सड़कों के किनारे रहकर अपना जीवन यापन करने पर मजबूर हैं.
- ललिया क्षेत्र में बाढ़ में कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना मिली थी.
- मकुंनहवा के पूर्व ग्राम प्रधान चेतराम वर्मा अपने चार साथियों के साथ ट्रैक्टर से उन्हें बचाने के लिए निकले थे.
- ललिया क्षेत्र के पास पानी का अंदाजा न लग पाने के कारण ट्रैक्टर गहरे गड्ढे में चली गई और पांचों बाढ़ के पानी में बह गए.
- चार लोग किसी तरह ग्रामीणों की मदद से तैर कर बाहर आ गए, जबकि ग्राम प्रधान लापता हो गए थे.
जिले में हुई भारी बारिश के कारण जिले के 50 से 60 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए. कुछ ललिया क्षेत्र के कुछ इलाकों में लोगों के फंसे होने की सूचना रविवार को आई थी. जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसबीआई आरएसपी टीम ने उन्हें बचा लिया था. जबकि अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली से जा रहे, ग्राम प्रधान सहित उनके 5 साथी पानी के तेज बहाव में बह गए थे.
-कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी, बलरामपुर
पूर्व ग्राम प्रधान के लापता होने की खबर मिलते ही एसडीआरएफ पुलिस व प्रशासन की टीम में उनकी तलाश में जुट गई थी. दो दिन की लगातार तलाश के बाद ग्राम प्रधान का शव गन्ने के खेतों के बीच फंसा मिला. पुलिस ने फिलहाल शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.