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बलरामपुर : ...तो क्या प्रेरणा ऐप से सुधर जाएगी गायब रहने वाले शिक्षकों की आदत

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रेरणा ऐप योजना के जरिए यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि शिक्षकों के उपस्थिति की स्थिति में सुधार लाया जा सके. वहीं बलरामपुर में सरकार के प्रयास सफल होते नहीं दिखाई दे रहे हैं. यहां शिवपुरा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय नंदनगर में तैनात शिक्षक कई महीनों से गायब हैं.

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Published : Nov 12, 2019, 7:42 PM IST

प्राथमिक विद्यालय नंदनगर में शिक्षक मिले गायब.

बलरामपुर: देशभर के 115 आकांक्षी जिलों में शामिल बलरामपुर में शिक्षक-विद्यार्थी रेशियो को मेंटेन करने के लिए यूपी सरकार द्वारा तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. नए शिक्षकों की भर्ती हो रही है. वहीं पुराने शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थित रखने के लिए भी तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके बावजूद जिले में ये प्रयास सफल होता दिखाई नहीं दे रहा. यहां विद्यालयों में तमाम शिक्षक अनुपस्थित रहते हैं. इन विद्यालयों में न तो समय से कोर्स पूरा हो पाता है और न ही परीक्षाएं आयोजित हो पाती है, जिसके कारण बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्राथमिक विद्यालय नंदनगर में शिक्षक मिले गायब.


शिक्षकों की अनुपस्थिति या कागजों में उपस्थिति के मामले में सबसे अव्वल ब्लॉक जिले का शिवपुरा है. जहां के शिक्षक अपने विद्यालय में नौकरी की जॉइनिंग से ही गायब दिखाई देते हैं. यही हाल इस ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय नंदनगर नवीन का भी है. यहां पर तैनात प्रभारी अध्यापक सुशील कुमार अपनी तैनाती के ही महीनों से गायब हैं. उनके बारे न तो आस-पड़ोस के रहने वाले लोग जानते हैं और न ही उनके छात्र उनका चेहरा पहचानते हैं.


विद्यालय के सामने रहने वाले राम उजागर बताते हैं कि मास्टर साहब कब आते हैं और कब चले जाते हैं, उन्हें नहीं पता. वहीं इस मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिहर प्रसाद का कहना है कि सरकार की मंशा के अनुसार विद्यालय में शिक्षकों की शत-प्रतिशत अनुपस्थिति को बनाए रखने की कवायद की जा रही है. इसके तहत अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जा रही है.


उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार की मंशा के अनुसार जल्द सभी प्रभारी अध्यापकों को टैबलेट भी उपलब्ध करवा दिया जाएगा, जिससे शिक्षक दिन में तीन बार सेल्फी के जरिए प्रेरणा ऐप पर अपनी उपस्थिति लगाकर यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि वह विद्यालय में उपस्थित हैं. उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक काफी दिनों से गायब चल रहे हैं. जल्द जांच करवाकर शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल में मरीज परेशान, नहीं मिल रहीं सुविधाएं


बता दें कि परिषदीय विद्यालयों की हालत सुधारने और उनकी स्थिति को ठीक करने के लिए जहां एक तरफ केंद्र सरकार, नीति आयोग और यूपी सरकार मिलकर प्रयासरत है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार की प्रेरणा ऐप योजना के जरिए यह भी सुनिश्चित करने का काम किया जा रहा है कि शिक्षकों के उपस्थिति की स्थिति में सुधार लाया जा सके. परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों की शत प्रतिशत उपस्थिति हो, इसके लिए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रेरणा ऐप लागू किया जा रहा है, जिसका पूरा शिक्षक समाज विरोध कर रहा है.

बलरामपुर: देशभर के 115 आकांक्षी जिलों में शामिल बलरामपुर में शिक्षक-विद्यार्थी रेशियो को मेंटेन करने के लिए यूपी सरकार द्वारा तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. नए शिक्षकों की भर्ती हो रही है. वहीं पुराने शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थित रखने के लिए भी तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके बावजूद जिले में ये प्रयास सफल होता दिखाई नहीं दे रहा. यहां विद्यालयों में तमाम शिक्षक अनुपस्थित रहते हैं. इन विद्यालयों में न तो समय से कोर्स पूरा हो पाता है और न ही परीक्षाएं आयोजित हो पाती है, जिसके कारण बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्राथमिक विद्यालय नंदनगर में शिक्षक मिले गायब.


शिक्षकों की अनुपस्थिति या कागजों में उपस्थिति के मामले में सबसे अव्वल ब्लॉक जिले का शिवपुरा है. जहां के शिक्षक अपने विद्यालय में नौकरी की जॉइनिंग से ही गायब दिखाई देते हैं. यही हाल इस ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय नंदनगर नवीन का भी है. यहां पर तैनात प्रभारी अध्यापक सुशील कुमार अपनी तैनाती के ही महीनों से गायब हैं. उनके बारे न तो आस-पड़ोस के रहने वाले लोग जानते हैं और न ही उनके छात्र उनका चेहरा पहचानते हैं.


विद्यालय के सामने रहने वाले राम उजागर बताते हैं कि मास्टर साहब कब आते हैं और कब चले जाते हैं, उन्हें नहीं पता. वहीं इस मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिहर प्रसाद का कहना है कि सरकार की मंशा के अनुसार विद्यालय में शिक्षकों की शत-प्रतिशत अनुपस्थिति को बनाए रखने की कवायद की जा रही है. इसके तहत अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जा रही है.


उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार की मंशा के अनुसार जल्द सभी प्रभारी अध्यापकों को टैबलेट भी उपलब्ध करवा दिया जाएगा, जिससे शिक्षक दिन में तीन बार सेल्फी के जरिए प्रेरणा ऐप पर अपनी उपस्थिति लगाकर यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि वह विद्यालय में उपस्थित हैं. उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक काफी दिनों से गायब चल रहे हैं. जल्द जांच करवाकर शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल में मरीज परेशान, नहीं मिल रहीं सुविधाएं


बता दें कि परिषदीय विद्यालयों की हालत सुधारने और उनकी स्थिति को ठीक करने के लिए जहां एक तरफ केंद्र सरकार, नीति आयोग और यूपी सरकार मिलकर प्रयासरत है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार की प्रेरणा ऐप योजना के जरिए यह भी सुनिश्चित करने का काम किया जा रहा है कि शिक्षकों के उपस्थिति की स्थिति में सुधार लाया जा सके. परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों की शत प्रतिशत उपस्थिति हो, इसके लिए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रेरणा ऐप लागू किया जा रहा है, जिसका पूरा शिक्षक समाज विरोध कर रहा है.

Intro:परिषदीय विद्यालयों की हालत सुधारने और उनकी स्थिति को ठीक करने के लिए एक तरफ जहां केंद्र सरकार, नीति आयोग और उत्तर प्रदेश सरकार मिलकर एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार की प्रेरणा ऐप योजना के जरिए यह भी सुनिश्चित करने का काम किया जा रहा है कि शिक्षकों के उपस्थिति की स्थिति में सुधारा लाया जा सके। परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों की शत प्रतिशत उपस्थिति को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रेरणा ऐप लागू किया जा रहा है। इस कारण न केवल पूरा शिक्षक समाज शासन का विरोध कर रहा है। बल्कि इस दौरान अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों की चांदी है।


Body:देशभर के 115 आकांक्षी जिलों में शामिल बलरामपुर जिले में शिक्षक-विद्यार्थी रेशियो को मेंटेन करने के लिए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। नए शिक्षकों की भर्ती हो रही है। वही पुराने शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थित रखने के लिए भी तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं।
लेकिन जिले में ये प्रयास शायद कामयाब होते दिखाई नहीं दे रहे। तभी तो भी सैकड़ों विद्यालय ऐसे हैं। जहां पर खंड शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी के कृपा के कारण तमाम शिक्षक अनुपस्थित रहते हैं। इन विद्यालयों में न तो समय से कोर्स पूरा हो पाता है और न ही परीक्षाएं आयोजित हो पाती है। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाएं भी नहीं पाती है।
शिक्षकों की अनुपस्थिति या कागजों में उपस्थिति के मामले में सबसे अव्वल ब्लॉक जिले का शिवपुरा है। जहां के शिक्षक अपने विद्यालय में नौकरी की जॉइनिंग से ही गायब दिखाई देते हैं। यही हाल इसी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय नंदनगर नवीन का भी है। यहां पर तैनात प्रभारी अध्यापक सुशील कुमार अपनी तैनाती के ही महीनों से गायब हैं। उनके बारे न तो आस-पड़ोस के रहने वाले लोग जानते हैं और न ही उनके छात्र उनका चेहरा पहचानते हैं।


Conclusion:विद्यालय के सामने रहने वाले राम उजागर बताते हैं कि मास्टर साहब कब आते हैं और कब चले जाते हैं। उन्हें नहीं पता। वह कहते हैं कि आज तक मैंने उनका चेहरा नहीं देखा।
वहीं, जब इस मामले पर हमने बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिहर प्रसाद से बात की तो उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा के अनुसार विद्यालय में शिक्षकों की शत-प्रतिशत अनुपस्थिति को बनाए रखने की कवायद की जा रही है। इसके तहत अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार की मंशा के अनुसार जल्द सभी प्रभारी अध्यापकों को टैबलेट भी उपलब्ध करवा दिया जाएगा। जिससे शिक्षक दिन में तीन बार सेल्फी के जरिए प्रेरणा ऐप पर अपनी उपस्थिति लगाकर यह सुनिश्चित कर सकेगे कि वह विद्यालय में उपस्थित हैं।
उन्होंने कहा कि आपके संज्ञान में लाया जा रहा है कि प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक काफी दिनों से गायब चल रहे है। जल्द जांच करवाकर शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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