बलरामपुर: देशभर के 115 आकांक्षी जिलों में शामिल बलरामपुर में शिक्षक-विद्यार्थी रेशियो को मेंटेन करने के लिए यूपी सरकार द्वारा तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. नए शिक्षकों की भर्ती हो रही है. वहीं पुराने शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थित रखने के लिए भी तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके बावजूद जिले में ये प्रयास सफल होता दिखाई नहीं दे रहा. यहां विद्यालयों में तमाम शिक्षक अनुपस्थित रहते हैं. इन विद्यालयों में न तो समय से कोर्स पूरा हो पाता है और न ही परीक्षाएं आयोजित हो पाती है, जिसके कारण बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
शिक्षकों की अनुपस्थिति या कागजों में उपस्थिति के मामले में सबसे अव्वल ब्लॉक जिले का शिवपुरा है. जहां के शिक्षक अपने विद्यालय में नौकरी की जॉइनिंग से ही गायब दिखाई देते हैं. यही हाल इस ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय नंदनगर नवीन का भी है. यहां पर तैनात प्रभारी अध्यापक सुशील कुमार अपनी तैनाती के ही महीनों से गायब हैं. उनके बारे न तो आस-पड़ोस के रहने वाले लोग जानते हैं और न ही उनके छात्र उनका चेहरा पहचानते हैं.
विद्यालय के सामने रहने वाले राम उजागर बताते हैं कि मास्टर साहब कब आते हैं और कब चले जाते हैं, उन्हें नहीं पता. वहीं इस मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिहर प्रसाद का कहना है कि सरकार की मंशा के अनुसार विद्यालय में शिक्षकों की शत-प्रतिशत अनुपस्थिति को बनाए रखने की कवायद की जा रही है. इसके तहत अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जा रही है.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार की मंशा के अनुसार जल्द सभी प्रभारी अध्यापकों को टैबलेट भी उपलब्ध करवा दिया जाएगा, जिससे शिक्षक दिन में तीन बार सेल्फी के जरिए प्रेरणा ऐप पर अपनी उपस्थिति लगाकर यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि वह विद्यालय में उपस्थित हैं. उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक काफी दिनों से गायब चल रहे हैं. जल्द जांच करवाकर शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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बता दें कि परिषदीय विद्यालयों की हालत सुधारने और उनकी स्थिति को ठीक करने के लिए जहां एक तरफ केंद्र सरकार, नीति आयोग और यूपी सरकार मिलकर प्रयासरत है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार की प्रेरणा ऐप योजना के जरिए यह भी सुनिश्चित करने का काम किया जा रहा है कि शिक्षकों के उपस्थिति की स्थिति में सुधार लाया जा सके. परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों की शत प्रतिशत उपस्थिति हो, इसके लिए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रेरणा ऐप लागू किया जा रहा है, जिसका पूरा शिक्षक समाज विरोध कर रहा है.