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बलरामपुर: मिशन 'शोल्डर टू शोल्डर' के जरिए महिला आरक्षियों को मिल रहा नया मुकाम - 'मिशन शोल्डर टू शोल्डर'

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एसपी देव रंजन वर्मा ने मिशन 'शोल्डर टू शोल्डर' की शुरुआत की है. इसमें महिला आरक्षियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इससे महिला आरक्षी ड्यूटी में भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकेंगी. इसके लिए उन्हें दक्ष बनाया जा रहा है.

बलरामपुर में एसपी ने मिशन शोल्डर टू शोल्डर की शुरुआत
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Published : Sep 21, 2019, 8:27 AM IST

बलरामपुर : सामान्य महिलाओं को समाज में उनका हक-हकूक दिलाने का काम करने वाली पुलिस के यहां ही दिये तले अंधेरे की बात चरितार्थ होती नजर आती है. वहीं बलरामपुर जिले में इस अवधारणा को बदलने का काम किया जा रहा है. काम करने वाली महिला सिपाहियों को पहले केवल सीसीटीएनएस या कंप्यूटर से जुड़े कामों को ही करवाया जाता था, लेकिन अब अवधारणा बदल रही है.

बलरामपुर में एसपी ने मिशन शोल्डर टू शोल्डर की शुरुआत

बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने मिशन 'शोल्डर टू शोल्डर' नाम की पहल शुरू की है. इसके जरिए महिला पुलिसकर्मियों के प्रति विभाग की अवधारणा को बदलने की शुरुआत हुई है. मिशन शोल्डर टू शोल्डर से उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है. महिला आरक्षी ड्यूटी में भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सके इसके लिए उन्हें दक्ष बनाया जा रहा है.

महिला आरक्षिओं को दी जा रही विशेष ट्रेनिंग

बलरामपुर जिले में एसपी देव रंजन वर्मा की तैनाती के बाद नई तरीके की पुलिसिंग देखने को मिल रही है. पुलिसिंग में लगातार सुधार करने की कवायद से न केवल अपराध नियंत्रण में सहायता मिल रही है. बल्कि इस तरह के प्रयासों से पुलिसकर्मियों के मनोबल में भी इजाफा हो रहा है. महिला पुलिसकर्मियों को भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का मौका मिल सके.

इसके लिए बलरामपुर के एसपी देव रंजन वर्मा ने मिशन 'शोल्डर टू शोल्डर' की शुरुआत की है. इस मिशन के जरिए महिला पुलिसकर्मियों को वाहन चलाना, हथियार चलाना, पुरुषों के साथ ड्यूटी करना और जनसंपर्क अधिकारी और बीटों का प्रभार देखना सिखाया जा रहा है. इसके लिए कई विशेष तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है.

थानों में महिला आरक्षी बन रहीं संत्री
पुलिस अधीक्षक के मिशन 'शोल्डर टू शोल्डर' के जरिए महिला आरक्षी थानों पर संत्री की ड्यूटी कर रही हैं. जन सुनवाई अधिकारी के तौर पर भी काम कर रही हैं. सभी 14 थानों में गठित नई मुनादी टीमों में मुनादीकर्मियों का काम भी इन्हें ही सौंपा गया है.

अक्टूबर से ड्यूटी में तैनात होंगी महिला आरक्षी
इसके साथ ही अक्टूबर माह से महिला सिपाहियों को पैरोकारी के काम में भी लगाया जाएगा. महिला पुलिसकर्मियों को गश्त और पिकेट की ड्यूटी में भी लगाने का प्रयास किया जा रहा है. बलरामपुर जिले में कुल 546 बीटें हैं जिनमें 96 बीटों का प्रभार महिला आरक्षी को दिया गया है. पुलिस विभाग का लक्ष्य यह है कि महिलाओं से जुड़े अपराधों को कम किया जा सके और पुलिस विभाग में काम करने वाली महिलाओं को अधिक से अधिक काम करने का मौका मिल सके.

बलरामपुर जिले में महिला आरक्षियों को भी पुरुषों की तरह काम करने का मौका मिल सके, इसलिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. मिशन शोल्डर टू शोल्डर के जरिए उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्हें संत्री, मुनादी और अन्य तरीके की ड्यूटीज में भी लगाया जा रहा है. आने वाले अक्टूबर माह से कई अन्य तरह की ड्यूटी में भी आपको महिला आरक्षी देखने को मिलेंगी.
-देव रंजन वर्मा, एसपी

बलरामपुर : सामान्य महिलाओं को समाज में उनका हक-हकूक दिलाने का काम करने वाली पुलिस के यहां ही दिये तले अंधेरे की बात चरितार्थ होती नजर आती है. वहीं बलरामपुर जिले में इस अवधारणा को बदलने का काम किया जा रहा है. काम करने वाली महिला सिपाहियों को पहले केवल सीसीटीएनएस या कंप्यूटर से जुड़े कामों को ही करवाया जाता था, लेकिन अब अवधारणा बदल रही है.

बलरामपुर में एसपी ने मिशन शोल्डर टू शोल्डर की शुरुआत

बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने मिशन 'शोल्डर टू शोल्डर' नाम की पहल शुरू की है. इसके जरिए महिला पुलिसकर्मियों के प्रति विभाग की अवधारणा को बदलने की शुरुआत हुई है. मिशन शोल्डर टू शोल्डर से उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है. महिला आरक्षी ड्यूटी में भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सके इसके लिए उन्हें दक्ष बनाया जा रहा है.

महिला आरक्षिओं को दी जा रही विशेष ट्रेनिंग

बलरामपुर जिले में एसपी देव रंजन वर्मा की तैनाती के बाद नई तरीके की पुलिसिंग देखने को मिल रही है. पुलिसिंग में लगातार सुधार करने की कवायद से न केवल अपराध नियंत्रण में सहायता मिल रही है. बल्कि इस तरह के प्रयासों से पुलिसकर्मियों के मनोबल में भी इजाफा हो रहा है. महिला पुलिसकर्मियों को भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का मौका मिल सके.

इसके लिए बलरामपुर के एसपी देव रंजन वर्मा ने मिशन 'शोल्डर टू शोल्डर' की शुरुआत की है. इस मिशन के जरिए महिला पुलिसकर्मियों को वाहन चलाना, हथियार चलाना, पुरुषों के साथ ड्यूटी करना और जनसंपर्क अधिकारी और बीटों का प्रभार देखना सिखाया जा रहा है. इसके लिए कई विशेष तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है.

थानों में महिला आरक्षी बन रहीं संत्री
पुलिस अधीक्षक के मिशन 'शोल्डर टू शोल्डर' के जरिए महिला आरक्षी थानों पर संत्री की ड्यूटी कर रही हैं. जन सुनवाई अधिकारी के तौर पर भी काम कर रही हैं. सभी 14 थानों में गठित नई मुनादी टीमों में मुनादीकर्मियों का काम भी इन्हें ही सौंपा गया है.

अक्टूबर से ड्यूटी में तैनात होंगी महिला आरक्षी
इसके साथ ही अक्टूबर माह से महिला सिपाहियों को पैरोकारी के काम में भी लगाया जाएगा. महिला पुलिसकर्मियों को गश्त और पिकेट की ड्यूटी में भी लगाने का प्रयास किया जा रहा है. बलरामपुर जिले में कुल 546 बीटें हैं जिनमें 96 बीटों का प्रभार महिला आरक्षी को दिया गया है. पुलिस विभाग का लक्ष्य यह है कि महिलाओं से जुड़े अपराधों को कम किया जा सके और पुलिस विभाग में काम करने वाली महिलाओं को अधिक से अधिक काम करने का मौका मिल सके.

बलरामपुर जिले में महिला आरक्षियों को भी पुरुषों की तरह काम करने का मौका मिल सके, इसलिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. मिशन शोल्डर टू शोल्डर के जरिए उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्हें संत्री, मुनादी और अन्य तरीके की ड्यूटीज में भी लगाया जा रहा है. आने वाले अक्टूबर माह से कई अन्य तरह की ड्यूटी में भी आपको महिला आरक्षी देखने को मिलेंगी.
-देव रंजन वर्मा, एसपी

Intro:सामान्य महिलाओं को समाज में उनका हक-हकूक दिलाने का काम करने वाली पुलिस के यहां ही दिए तले अंधेरे की बात चरितार्थ होती नजर आती है। लेकिन बलरामपुर जिले में इस अवधारणा को बदलने का काम किया जा रहा है। यहां पर काम करने वाली महिला सिपाहियों पहले केवल सीसीटीएनएस या कंप्यूटर से जुड़े कामों को ही करवाया जाता था। लेकिन अब अवधारणा बदल रही है। बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने मिशन शोल्डर टू शोल्डर नाम की एक पहल शुरु की है। इसके जरिए महिला पुलिसकर्मियों के प्रति विभाग की अवधारणा को बदलने की शुरुआत हुई है। मिशन शोल्डर टू शोल्डर के न केवल उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिला आरक्षी ड्यूटी में भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सके इसके लिए उन्हें दक्ष बनाया जा रहा है।Body:बलरामपुर जिले में पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा की तैनाती के बाद नई तरीके की पुलिसिंग देखने को मिल रही है। पुलिसिंग में लगातार सुधार करने की कवायद से ना केवल अपराध नियंत्रण में सहायता मिल रही है। बल्कि इस तरह के प्रयासों से पुलिसकर्मियों के मनोबल में भी इजाफा हो रहा है। महिला पुलिसकर्मियों को भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का मौका मिल सके। इसके लिए बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने 'मिशन शोल्डर टू शोल्डर' की शुरुआत की है। इस मिशन के जरिए न केवल महिला पुलिसकर्मियों को वाहन चलाना, हथियार चलाना, पुरुषों के साथ ड्यूटी करना व जनसंपर्क अधिकारी और बीटों का प्रभार देखना सिखाया जा रहा है। बल्कि इसके लिए कई विशेष तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है।
पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा के मिशन शोल्डर टू शोल्डर के जरिए महिला आरक्षी न केवल थानों पर संतरी की ड्यूटी कर रही हैं बल्कि वयह जन सुनवाई अधिकारी के तौर पर भी काम कर रही हैं। सभी 14 थानों में गठित नई मुनादी टीमों में मुनादीकर्मियों का काम भी इन्हें ही सौंपा गया है।
इसके साथ ही अक्टूबर माह से महिला सिपाहियों को पैरोकारी के काम में भी लगाया जाएगा। महिला पुलिसकर्मियों को गस्त और पिकेट की ड्यूटी में भी लगाने का प्रयास किया जा रहा है। बलरामपुर जिले में कुल 546 बीटें हैं जिनमें 96 बीटों का प्रभार महिला आरक्षण को दिया गया है। इन सारी कवायदों के जरिए पुलिस विभाग का लक्ष्य यह है कि महिलाओं से जुड़े अपराधों को कम किया जा सके और पुलिस विभाग में काम करने वाली महिलाओं को अधिक से अधिक काम करने का मौका मिल सके। जिससे उनके अंदर या भावना पैदा हुआ किसी भी तरह से पुरुषों से कम नहीं है। Conclusion:इस बारे में बात करते हुए एसपी देव रंजन वर्मा ने कहा कि बलरामपुर जिले में महिला आरक्षियों को भी पुरुषों की तरह काम करने का मौका मिल सके इसलिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। मिशन शोल्डर टू शोल्डर के जरिए उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। बल्कि उन्हें संतरी, मुनादी व अन्य तरीके की ड्यूटीज़ में भी लगाया जा रहा है। आने वाले अक्टूबर माह से कई अन्य तरह की ड्यूटी में भी आपको महिला आरक्षी देखने को मिलेंगी। इस सबके पीछे मकसद यह है कि महिलाओं से जुड़े अपराधों में कमी लाई जा सके और पुलिस विभाग में काम करने वाली महिलाओं को पुरुषों की तरह ही ड्यूटी करने का मौका मिल सके।
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