बलरामपुर: जनपद में लाॅकडाउन के कारण एक बेटा अपने पिता को मुखाग्नि न दे सका. बुजुर्ग पिता की मौत की खबर सुनकर बेटा किसी तरह पास बनवाकर निकला. रास्ते में पुलिस द्वारा रोककर उसे वापस जाने या क्वारंटाइन होने के लिए कहा गया. इसके बाद मजबूर बेटा विडियो काॅल के माध्यम से अपने पिता की अंत्येष्टि में शामिल हुआ और उसके चाचा ने मुखाग्नि दी.
कोतवाली देहात क्षेत्र में देवरिया मुबारकपुर के मजरे वाहिद नगर में रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग राम सुंदर चैधरी को अचानक दिल का दौरा पड़ा था. पत्नी कमला देवी और परिजनों ने उन्हें पहले बलरामपुर फिर बहराइच में भर्ती कराया. बहराइच से भी उन्हें लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया. 27 अप्रैल को ही लखनऊ जाते वक्त रास्ते में उनकी मौत हो गई. उस वक्त दो बेटे और एक बेटी परिवार से दूर थे. पिता के मौत की सूचना पर पड़ोस के जिले में ब्याही बेटी तो मायके पहुंच गई. वहीं उड़ीसा के भुवनेश्वर में बतौर इंजीनियर काम करने वाला बड़ा बेटा प्रकाश चौधरी और दिल्ली में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाला छोटा बेटा लाॅकडाउन के कारण घर नहीं पहुंच सका.
बेटों के घर न पहुंच पाने पर परिवार ने मृतक का अंतिम संस्कार उनके भाई केसरी प्रसाद से कराने का फैसला लिया. सभी की सहमति से बीते 28 अप्रैल को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. अंत्येष्टि में राम सुंदर चौधरी के दोनों बेटे टेक्नोलाॅजी का सहारा लेकर वीडियो काॅल के माध्यम से अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.
कई रिश्तेदार विडियो काॅल के माध्यम से अंतिम संस्कार में शामिल रहे
मृतक की पत्नी कमला ने कहा कि उनकी हालत करीब 3 दिन पहले ही खराब होने लगी थी. 27 अप्रैल को उनका निधन हो गया. कमला देवी ने बताया कि उनके दोनों बेटे अपने काम की जगह फंसे रहे. बेटों ने वहां से निकलने की बहुत कोशिश की, लेकिन घर नहीं आ सके. इसलिए अपने देवर से पति का अंतिम संस्कार कराया. उन्होंने कहा कि बेटों सहित कई रिश्तेदार भी विडियो काॅल के माध्यम से अंतिम संस्कार में शामिल हुए.