बलरामपुर: महिलाओं को सशक्त बनाने वाली महिला समाख्या की कार्यकर्ताओं के पास कहने को तो नौकरी हैं, लेकिन पिछले 17 महीनों से उन्हें एक पैसा भी नहीं मिला है.
महिला समाख्या कार्यक्रम, महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार का एक कार्यक्रम है. यह कार्यक्रम यूपी के 19 जनपदों में संचालित है. इस कार्यक्रम से लगभग 800 से ज्यादा कर्मचारी जुड़े हैं. इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना, उनके खिलाफ हो रहे अपराधों पर लगाम लगाना, महिलाओं का सशक्तिकरण और उनके उत्थान के कामों को ग्रामीण संगठनों के माध्यम से अंजाम देना.
क्या है समाख्या कार्यकर्ताओं की समस्या
महिला समाख्या कार्यक्रम में कार्यरत कार्यकत्रियों को पिछले लगभग 17 महीनों से मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है. महिला समाख्या की कार्यकत्री प्राची गुप्ता बताती हैं 17 महीनों से मानदेय नहीं मिला है. वो किराया देने में भी असमर्थ हैं और मकान मालिक कोरोना के दौर में मकान छोड़ने के लिए दबाव बना रहा है.
जिला प्रोबेशन अधिकारी सतीश चंद्र ने बताया कि जिलों से महिला सामाख्या का बहुत ज्यादा लेना-देना नहीं है. ये सीधे अपने स्टेट हेड को रिपोर्ट करती हैं. हमने जिलाधिकारी के माध्यम से कई बार प्रदेश स्तर पर इनके लिए पत्र भेजें हैं. अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि हम लगातार महिला सामाख्या कार्यकत्रियों को उनका मानदेय दिलाने की कोशिश कर रहे हैं.