बलरामपुरः जिले में पुलिस को बड़ी सफलता उस वक्त हाथ लगी, जब गुरुवार को कार सवार 4 तस्कर एक दुर्लभ प्रजाति के रेड सैंड बोआ सांप (दोमुहां) को लेकर जिले का बॉर्डर क्रॉस करने का प्रयास कर रहे थे. जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब ढाई करोड़ रुपये बताई जा रही है. पुलिस ने चारों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है.
स्वाट टीम, क्राइम ब्रांच, सर्विलांस और वन विभाग की टीम को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि एक कार में कुछ लोग एक दुर्लभ प्रजाति के सांप को लेकर जिले का बार्डर क्रास करने वाले हैं. इसके बाद संयुक्त टीम ने सूचना के आधार पर चेकिंग शुरू की तो कोतवाली देहात क्षेत्र में एक संदिग्ध कार में पुलिस ने 4 लोगों को पकड़ लिया. जब कार की तलाशी ली तो रेड सैंड बोआ सांप (दोमुहां) बरामद हुआ. इसके बाद संयुक्त टीम ने चारों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने अपना नाम सदन कुमार, गोविंद, बाबर व विशाल बताया है. वहीं, बरामद सांप की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब ढाई करोड़ से लेकर 25 करोड़ रुपये तक बताई जा रही है.
ढाई किलो का है सांप
पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल ने चार तस्करों से रेड सैंड बोआ सांप बरामद किया गया है. इस सांप का वजहन करीब ढाई किलो है और इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत ढाई करोड़ रुपये से 25 करोड़ रुपये तक होती है. इसे नेपाल या भारत के तराई इलाके से लाया गया है. पूरे मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 2 श्रावस्ती, 1 सिद्धार्थनगर और 1 बस्ती जनपद रहने वाले हैं.
पहले भी पकड़े जा चुके हैं तस्कर
बताया जाता है कि यह प्रजाति अब अति दुर्लभ सांपों की प्रजाति में आती है. जिसके कारण वन्य जीव प्रभाग द्वारा इसे बचाने की तमाम कवायद भी की जा रही है. लेकिन तस्कर लगातार सुहेलवा वन्य जीव अभ्यारण से इन सांपों को पकड़ कर बेचने के फिराक में रहते हैं. पहले भी बलरामपुर, श्रावस्ती व बहराइच पुलिस द्वारा इस तरह के तस्करों को सांप समेत गिरफ्तार किया जा चुका है.
इस लिए इन सापों की होती है तस्करी
बता दें कि 'रेड सैंड बोआ' सांप दुर्लभ प्रजाति का सांप है. अधिकतर ये रेतीली जमीन पर रहता है. इस वजह से इसे सैंड बोआ सांप कहते हैं. इस सांप का इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने करने में किया जाता है. इसके अलावा कई और कारण हैं जिसकी वजह से इसकी तस्करी ज्यादा होती है. इसकी तस्करी की दूसरी मुख्य वजह चीन में इससे सेक्स पावर बढ़ाने की दवा बनाने का दावा किया जाता है. इस सांप से कैंसर समेत कुछ बीमारियों के इलाज की बात भी चीन और इंडोनेशिया में होती है. जबकि साइंस में इसका कोई प्रमाण नहीं है इस तरह कह सकते हैं कि इंसान अपने स्वार्थ के लिए इस बेजुबान को मार रहा है.
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कहां पाया जाता है ये सांप ?
रेड सैंड बोआ सांप रेतीले इलाके में पाया जाता है. भारत के मरुस्थलीय इलाके यानी राजस्थान में लाल रंग का एक खास सांप पाया जाता है .स्थानीय भाषा में इसे दोमुंहा सांप भी कहते हैं. इसकी लगातार घटती संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने इसे दुर्लभ प्रजाति की सूची में रखा है. इसके बावजूद आए दिन इसकी तस्करी की बात सामने आती है. इसको पकड़ने से लेकर अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचने के लिए एक नेटवर्क काम कर रहा है, जिसे जल्द तोड़ना जरूरी है. तभी इस बेजुबान जीव को मानवीय सनक के शिकार होने से बचाया जा सकता है.