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बलरामपुर: बजट से स्थानीय लोगों को है इनकम टैक्स कम होने की उम्मीद

शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करने वाली हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने स्थानीय लोगों से बातचीत की, जहां उन्होंने कहा कि खाद, बीज और डीजल-पेट्रोल के कारण भी किसानों की लागत बढ़ रही है, इन पर टैक्स को कम करना चाहिए.

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Published : Jul 4, 2019, 11:53 PM IST

बलरामपुरवासियों की इस आम बजट से उम्मीदें

बलरामपुर: दोबारा सत्ता में आने के बाद बीजेपी अपना पहला आम बजट शुक्रवार को पेश करने जा रही है. इसी को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने स्थानीय लोगों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हम इस बजट में सरकार से इनकम टैक्स और जीएसटी स्लैब में बदलाव की आशा करते हैं.

संवाददाता ने स्थानीय लोगों से बजट को लेकर बातचीत की.

जानिए आने वाले बजट को लेकर क्या कहा स्थानीय लोगों ने

  • कृषि उपकरणों पर भारी-भरकम जीएसटी टैक्स लगा रखा है, जिसको कम करना चाहिए.
  • खाद, बीज और डीजल-पेट्रोल के कारण भी किसानों की लागत बढ़ रही है, इन पर टैक्स को कम करना चाहिए.
  • कर्मचारियों की सबसे बड़ी समस्या वेतन विसंगतियां हैं, उस पर काम होना चाहिए.
  • पेट्रोल-डीजल, खानपान से जुड़े पदार्थ को जीएसटी के साथ लाया जाए या उनका स्लैब कम किया जाए.
  • केंद्र सरकार को इनकम टैक्स में एक नया टैक्स स्लैब बनाना चाहिए.
  • दो से पांच लाख वाला स्लैब है, उसे पांच से आठ लाख के स्लैब में कनवर्ट कर देना चाहिए.
  • किसानों की लागत मूल्य को घटाने का कोई प्रावधान किया जा सके तो वह किसानों के लिए बेहतर होगा.
  • किसानों के लिए बुनियादी समस्याओं को दूर करना और उनके लिए वह तमाम काम किए जाने चाहिए.

बलरामपुर: दोबारा सत्ता में आने के बाद बीजेपी अपना पहला आम बजट शुक्रवार को पेश करने जा रही है. इसी को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने स्थानीय लोगों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हम इस बजट में सरकार से इनकम टैक्स और जीएसटी स्लैब में बदलाव की आशा करते हैं.

संवाददाता ने स्थानीय लोगों से बजट को लेकर बातचीत की.

जानिए आने वाले बजट को लेकर क्या कहा स्थानीय लोगों ने

  • कृषि उपकरणों पर भारी-भरकम जीएसटी टैक्स लगा रखा है, जिसको कम करना चाहिए.
  • खाद, बीज और डीजल-पेट्रोल के कारण भी किसानों की लागत बढ़ रही है, इन पर टैक्स को कम करना चाहिए.
  • कर्मचारियों की सबसे बड़ी समस्या वेतन विसंगतियां हैं, उस पर काम होना चाहिए.
  • पेट्रोल-डीजल, खानपान से जुड़े पदार्थ को जीएसटी के साथ लाया जाए या उनका स्लैब कम किया जाए.
  • केंद्र सरकार को इनकम टैक्स में एक नया टैक्स स्लैब बनाना चाहिए.
  • दो से पांच लाख वाला स्लैब है, उसे पांच से आठ लाख के स्लैब में कनवर्ट कर देना चाहिए.
  • किसानों की लागत मूल्य को घटाने का कोई प्रावधान किया जा सके तो वह किसानों के लिए बेहतर होगा.
  • किसानों के लिए बुनियादी समस्याओं को दूर करना और उनके लिए वह तमाम काम किए जाने चाहिए.
Intro:भारी जन समर्थन के साथ दोबारा केंद्र की सत्ता पर आसीन हुई भारतीय जनता पार्टी नीत मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में 5 जुलाई को पेश करने जा रही है। इस बजट में जहां उन योजनाओं के ऊपर केंद्र सरकार काम करना चाहेगी, जिनके जरिए लोगों ने उसे इतने भारी जनसमर्थन के साथ सत्ता पर बिठाया है। वहीं, भाजपा द्वारा अपने घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने का दबाव भी होगा। आम आदमी के लिए यह बजट बेहद 'खास' होगा. बलरामपुर के लोगों से इस बजट पर हमने उनकी राय जानने की कोशिश की, तो लोगों ने कुछ इस तरह से जवाब दिया.


Body:किसानी पेशे से जुड़े युवा पंकज तिवारी ने हमसे बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि उपकरणों पर भारी-भरकम जीएसटी टैक्स लगा रखा है. अगर कृषि उपकरणों को कम जीएसटी स्लैब में लाकर उनके दामों को पुनः तय किया जाए. तो मुझे लगता है किसानों को भारी लाभ मिलेगा. वहीं खाद, बीज और डीजल-पेट्रोल के कारण भी किसानों की लागत बढ़ रही है. इस पर भी कम से कम टैक्स लगाने का कोई जतन सरकार करें तो इसका सीधा लाभ हम किसानों को मिलेगा, जिससे हमारी आय में बढ़ोतरी होगी और लागत कम होगी.
स्वास्थ्य विभाग में लिपिक के पद पर काम करने वाले आशुतोष ने हमसे बात करते हुए कहा कि हम कर्मचारियों की सबसे बड़ी समस्या वेतन विसंगतियां हैं और इनकम टैक्स का ज्यादा होना है. अगर केंद्र सरकार कोई जुगाड़ करके वेतन विसंगतियों को इस बजट से दूर कर सके तो न केवल सभी कर्मचारियों को लाभ होगा. बल्कि हम अच्छे से जीवन यापन भी कर सकेंगे.
वहीं, महंगाई के मुद्दे पर बोलते हुए आशुतोष ने उनसे कहा कि अगर केंद्र सरकार चाहे तो महंगाई पर लगाम कसी जा सकती है. पेट्रोल-डीजल, खानपान से जुड़े पदार्थ, जैसे अति आवश्यक चीजों को जीएसटी के साथ लाया जाए या उनका स्लैब कम किया जाए तो सीधा लाभ आम आदमियों को पहुंचेगा.
ईटीवी से बात करते हुए चार्टर्ड अकाउंटेंट अनूप कुमार सर्राफ ने कहा कि केंद्र सरकार को एक नया टैक्स स्लैब बनाना चाहिए. जो दो से पाँच लाख वाला सस्लैब है. उसे पांच से आठ लाख के स्लैब में कनवर्ट कर देना चाहिए और उस पर 10 परसेंट इनकम टैक्स लगाना चाहिए. अगर यह चीजें लागू होती हैं तो सीधे आम आदमियों को फायदा पहुंचेगा. वहीं, किसानों और ग्रामीणों के लिए जहां केंद्र की मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है. वहीं, इन लोगों पर और ध्यान देने की जरूरत है. इन को किसी तरह से इस बजट में रिलैक्सेशन दिया जाए और इनके विकास संभावनाओं पर और काम किया जाए तो उसके लिए यह सुखद अनुभव होगा।
बलरामपुर के वीर विनय चौराहे पर कपड़े की दुकान करने वाले गुड्डू खान ने हमसे बात करते हुए कहा कि व्यापारियों को सबसे बड़ी समस्या जीएसटी में लगातार हो रहे बदलाव के कारण हो रही है. अगर जीएसटी स्लैब को सही ढंग से लागू किया जाए तो यह बजट हम लोगों के लिए बेहतर नहीं बेहतरीन साबित होगा.
उन्होंने कहा इसके अतिरिक्त अगर इनकम टैक्स जैसी चीजों में थोड़ा सा और रिलैक्सेशन दिया जा सके, तो केंद्र सरकार की तरफ से आम आदमियों को बड़ा तोहफा मिल सकेगा.


Conclusion:वरिष्ठ पत्रकार रामकुमार मिश्र ने हमसे बात करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार दोबारा सत्ता में आई है. आम जनमानस ने उसे काफी उम्मीदों के साथ दोबारा सत्ता में बिठाया है. इसके लिए उसे आम जनमानस का ख्याल भी रखना होगा.
उन्होंने कहा कि अगर इस बजट में किसानों की लागत मूल्य को घटाने का कोई प्रावधान किया जा सके तो वह किसानों के लिए बेहतर होगा क्योंकि आज का किसान अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. लागत मूल्य लगातार बढ़ती जा रही है. जबकि फायदा लगातार घटता जा रहा है.
वह कहते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है, ऐसे में किसानों के लिए बुनियादी समस्याओं को दूर करना और उनके लिए वह तमाम काम किए जाने चाहिए, जिसके जरिए वह तेजी से अपना विकास कर सकें. इस बजट से सभी को काफी उम्मीदें हैं।
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