ETV Bharat / state

बलरामपुर में 1000 स्कूल बनेंगे 'स्मार्ट', बच्चों को मिलेगी 'हाइटेक' शिक्षा

बलरामपुर जिले के तकरीबन 1000 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को 'स्मार्ट स्कूल' के तौर पर विकसित करने की योजना है. इस योजना के तहत प्रत्येक विद्यालय पर तकरीबन ढाई लाख रुपए खर्च कर एक प्रोजेक्टर, एक मॉनिटर और इनवर्टर सिस्टम लगाने की योजना है.

author img

By

Published : Aug 26, 2019, 5:59 PM IST

Updated : Aug 26, 2019, 6:14 PM IST

बलरामपुर में बच्चों को प्रोजेक्टर की मदद से पढ़ाया जाएगा.

बलरामपुर: अल्पसंख्यक बाहुल्य होने के नाते जिला अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के तहत आता है. यहां पर विकास की उन तमाम संभावनाओं को तलाशा जा रहा है, जिसके जरिए अल्पसंख्यक बाहुल्य आबादी के जीवन में आमूलचूल बदलाव लाया जा सके.

बलरामपुर में प्रोजेक्टर की मदद से बच्चों को दी जाएगी शिक्षा.

जिले के तकरीबन 1000 परिषदीय विद्यालयों को प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत चयनित करके स्मार्ट बनाने की योजना है. प्रत्येक विद्यालय में तकरीबन ढाई लाख रुपए खर्च करके बच्चों को ऑडियो-वीडियो माध्यम से शिक्षा दिए जाने की बात कही जा रही है.

ये भी पढ़ें: बलरामपुर: राजकीय नर्सरी के घटिया निर्माण पर कार्यदायी संस्था पर दर्ज हुआ एफआईआर

बलरामपुर जिला नीति आयोग के तहत चयनित अति महत्वाकांक्षी जिलों की सूची में शामिल होने के साथ-साथ प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत भी शामिल है. इस कारण, यहां पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय द्वारा तमाम तरह की योजनाओं को लागू किए जाने का काम किया जा रहा है, जिससे आम जनमानस के जीवन में बदलाव लाया जा सके.

प्राथमिक विद्यालयों को बनाया जाएगा 'स्मार्ट स्कूल'
इसी कवायद के तहत बलरामपुर जिले के तकरीबन 1000 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को, जो अल्पसंख्यक समुदाय की बहुलता वाले गांवों में स्थित है, उन्हें स्मार्ट स्कूल के तौर पर विकसित करने की योजना है. इस योजना के तहत प्रत्येक विद्यालय पर तकरीबन ढाई लाख रुपए खर्च करके एक प्रोजेक्ट पर एक मॉनिटर और एक इनवर्टर सिस्टम लगाने की योजना है.

ये भी पढ़ें: बलरामपुर: उज्ज्वला स्कीम के नाम पर गरीबों से 'खेल' कर गया गैस एजेंसी होल्डर

इसके तहत ऑडियो-वीडियो माध्यमों से बच्चों को शिक्षित किए जाने की बात कही जा रही है. इस योजना के तहत जिले भर के एक हजार विद्यालयों में अध्ययनरत तकरीबन 1 लाख विद्यार्थियों को लाभान्वित करने की योजना है.

विद्यार्थियों में दिखा काफी उत्साह
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत चयनित श्रीदत्तगंज शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय कयामज्योत में भी स्मार्ट क्लास बनाने की योजना है. जब हमने इस योजना के बारे में यहां के विद्यार्थियों से बात की तो उनके चेहरे पर न केवल ऑडियो-विजुअल माध्यम से पढ़ाई करने की खुशी थी, बल्कि उन्होंने कहा कि इसके जरिए तेजी से चीजों को सीख सकेंगे.

ये भी पढ़ें: बलरामपुर: भार्गव गैंस एजेंसी सीज, दूसरी एजेंसियों को सौंपा गया 6000 सिलेंडर

इस साल 686 विद्यालयों के चयन के लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा गया था. वहां से नाम फाइनल होने के बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया, जहां विद्यालयों का नाम पूरी तरह से फाइनल हो चुका है. उन्हें धन भी आवंटित किया जा चुका है.
पवन कुमार सिंह, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी

इससे पहले भी तकरीबन 300 विद्यालयों और कुछ मदरसों का चयन किया जा चुका है. इन सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालय और मदरसों में 1-1 स्मार्ट क्लास बनाए जाने की योजना है.

वहीं 200 से अधिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनना शुरू भी हो गया है. इसके साथ ही वहां के सहायक अध्यापकों की ट्रेनिंग भी कराई जा रही है, जिसके बाद वे बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उनके मनोरंजन के संसाधन के लिए भी काम कर सकेंगे.

बलरामपुर: अल्पसंख्यक बाहुल्य होने के नाते जिला अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के तहत आता है. यहां पर विकास की उन तमाम संभावनाओं को तलाशा जा रहा है, जिसके जरिए अल्पसंख्यक बाहुल्य आबादी के जीवन में आमूलचूल बदलाव लाया जा सके.

बलरामपुर में प्रोजेक्टर की मदद से बच्चों को दी जाएगी शिक्षा.

जिले के तकरीबन 1000 परिषदीय विद्यालयों को प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत चयनित करके स्मार्ट बनाने की योजना है. प्रत्येक विद्यालय में तकरीबन ढाई लाख रुपए खर्च करके बच्चों को ऑडियो-वीडियो माध्यम से शिक्षा दिए जाने की बात कही जा रही है.

ये भी पढ़ें: बलरामपुर: राजकीय नर्सरी के घटिया निर्माण पर कार्यदायी संस्था पर दर्ज हुआ एफआईआर

बलरामपुर जिला नीति आयोग के तहत चयनित अति महत्वाकांक्षी जिलों की सूची में शामिल होने के साथ-साथ प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत भी शामिल है. इस कारण, यहां पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय द्वारा तमाम तरह की योजनाओं को लागू किए जाने का काम किया जा रहा है, जिससे आम जनमानस के जीवन में बदलाव लाया जा सके.

प्राथमिक विद्यालयों को बनाया जाएगा 'स्मार्ट स्कूल'
इसी कवायद के तहत बलरामपुर जिले के तकरीबन 1000 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को, जो अल्पसंख्यक समुदाय की बहुलता वाले गांवों में स्थित है, उन्हें स्मार्ट स्कूल के तौर पर विकसित करने की योजना है. इस योजना के तहत प्रत्येक विद्यालय पर तकरीबन ढाई लाख रुपए खर्च करके एक प्रोजेक्ट पर एक मॉनिटर और एक इनवर्टर सिस्टम लगाने की योजना है.

ये भी पढ़ें: बलरामपुर: उज्ज्वला स्कीम के नाम पर गरीबों से 'खेल' कर गया गैस एजेंसी होल्डर

इसके तहत ऑडियो-वीडियो माध्यमों से बच्चों को शिक्षित किए जाने की बात कही जा रही है. इस योजना के तहत जिले भर के एक हजार विद्यालयों में अध्ययनरत तकरीबन 1 लाख विद्यार्थियों को लाभान्वित करने की योजना है.

विद्यार्थियों में दिखा काफी उत्साह
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत चयनित श्रीदत्तगंज शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय कयामज्योत में भी स्मार्ट क्लास बनाने की योजना है. जब हमने इस योजना के बारे में यहां के विद्यार्थियों से बात की तो उनके चेहरे पर न केवल ऑडियो-विजुअल माध्यम से पढ़ाई करने की खुशी थी, बल्कि उन्होंने कहा कि इसके जरिए तेजी से चीजों को सीख सकेंगे.

ये भी पढ़ें: बलरामपुर: भार्गव गैंस एजेंसी सीज, दूसरी एजेंसियों को सौंपा गया 6000 सिलेंडर

इस साल 686 विद्यालयों के चयन के लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा गया था. वहां से नाम फाइनल होने के बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया, जहां विद्यालयों का नाम पूरी तरह से फाइनल हो चुका है. उन्हें धन भी आवंटित किया जा चुका है.
पवन कुमार सिंह, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी

इससे पहले भी तकरीबन 300 विद्यालयों और कुछ मदरसों का चयन किया जा चुका है. इन सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालय और मदरसों में 1-1 स्मार्ट क्लास बनाए जाने की योजना है.

वहीं 200 से अधिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनना शुरू भी हो गया है. इसके साथ ही वहां के सहायक अध्यापकों की ट्रेनिंग भी कराई जा रही है, जिसके बाद वे बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उनके मनोरंजन के संसाधन के लिए भी काम कर सकेंगे.

Intro:बलरामपुर जिला अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाला एक अल्पसंख्यक बाहुल्य जिला है। यहां पर विकास के उन तमाम संभावनाओं को तलाशा जा रहा है जिसके जरिए अल्पसंख्यक बाहुल्य आबादी के जीवन में मूल चूल बदलाव लाया जा सके।
इसी के तहत जिले के तकरीबन 1000 परिषदीय विद्यालयों को प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत चयनित करके 'स्मार्ट' बनाने की योजना है। इसके तहत प्रत्येक विद्यालय में तकरीबन ढाई लाख रुपए खर्च करके बच्चों को ऑडियो-वीडियो माध्यम से शिक्षा दिए जाने की बातें कही जा रही हैं।


Body:असल में, बलरामपुर जिला नीति आयोग के तहत चयनित अतिमहत्वाकांक्षी जिलों की सूची में शामिल होने के साथ साथ जिला अल्पसंख्यक बाहुल्य होने के कारण प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत भी शामिल है। इस कारण से यहां पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय द्वारा तमाम तरह की योजनाओं को लागू किए जाने का काम किया जा रहा है। जिससे आम जनमानस के जीवन में बदलाव आ सके।
इसी कवायद के तहत बलरामपुर जिले के तकरीबन 1000 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को जो अल्पसंख्यक समुदाय की बहुलता वाले गांवों में स्थित है। उन्हें सस्मार्ट स्कूल के तौर पर विकसित करने की योजना है। इस योजना के तहत प्रत्येक विद्यालय पर तकरीबन ढाई लाख रुपए खर्च करके एक प्रोजेक्ट पर एक मॉनिटर और एक इनवर्टर सिस्टम लगाने की योजना है। इसके तहत ऑडियो वीडियो माध्यमों से बच्चों को शिक्षित किए जाने की बात कही जा रही है। इस योजना के तहत जिले भर के 1,000 विद्यालयों में अध्ययनरत तकरीबन 1,00,000 विद्यार्थियों को लाभान्वित करने की योजना है।


Conclusion:प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत चयनित श्रीदत्तगंज शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय कयामज्योत में भी स्मार्ट क्लास बनाने की योजना है। जब हमने इस योजना के बारे में यहां के विद्यार्थियों से बात की तो उनके चेहरे पर न केवल ऑडियो-विजुअल माध्यम से पढ़ाई करने की खुशी थी। बल्कि उन्होंने कहा कि इसके जरिए तेजी से चीजों को सीख सकेंगे। अपनी पाठ्य पुस्तकों को ऑडियो-वीडियो माध्यम से जब पढ़ेंगे तो हम न केवल जल्दी सीखेंगे। बल्कि हमारा कोर्स भी तेजी से पूरा हो सकेगा।
वह इस मामले पर हमसे बात करते हुए जिला अल्पसंख्यक अधिकारी पवन कुमार सिंह ने कहा कि इस साल 686 विद्यालयों के चयन के लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा गया था। वहां से नाम फाइनल होने के बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया। जहां से पूरी तरह से नाम फाइनल हो चुका है और धन आवंटन किया जा चुका है।
इससे पहले भी तकरीबन 300 विद्यालयों और कुछ मदरसों का चयन किया जा चुका है। इन सभी प्राथमिक उच्च प्राथमिक विद्यालय और मदरसों में स्मार्ट क्लास योजना को लागू करके 1-1 स्मार्ट क्लास बनाए जाने की योजना है। वहीं, 200 से अधिक विद्यालयों में स्मार्ट बनना शुरू भी हो गया है। इसके साथ ही वहां के सहायक अध्यापकों की ट्रेनिंग भी कराई जा रही है। जिसके बाद वो बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ उनके मनोरंजन के संसाधन के लिए भी काम कर सकेंगे।
Last Updated : Aug 26, 2019, 6:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.