बलरामपुर: उत्तर प्रदेश में मानसून के दस्तक के बाद से आकाशीय बिजली की चपेट में आकर जान गंवाने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. जिले में रविवार को आकाशीय बिजली गिरने से एक युवक की मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. जिले में अब तक आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 10 लोग झुलस चुके हैं, जिनमें कई किसान हैं.
गाय का चारा लाने गए थे युवक
सरकार पीड़ितों को मदद देने के लिए कार्रवाई तो कर रही है लेकिन कुदरत के सामने लोग परेशान और बेबस नजर आ रहे हैं. जिले के तहसील तुलसीपुर क्षेत्र में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से खेत में काम कर रहे एक किसान की कुछ दिनों पहले मौत हो गई थी. रविवार को सदर तहसील के ग्राम डकही में जानवरों के लिए चारा लाने गए दो युवक निरंजन व रामकुमार आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए. इस कारण दोनों युवक बुरी तरह झुलस गए.
घायल युवक की मौत
आकाशीय बिजली से घायल युवकों की सूचना मिलते ही गांव के लोग इकट्ठा हुए. ग्रामीणों ने आनन-फानन में दोनों युवकों को जिला मेमोरियल चिकित्सालय पहुंचाया, जहां निरंजन को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. रामकुमार का इलाज अभी जारी है.
जानें पूरी घटना
पूरे मामले पर हल्का लेखपाल देव नारायण पाठक ने बताया कि रविवार को करीब 1:30 बजे तेज पानी बरस रहा था. दोनों युवक अपने खेत में जानवरों के लिए चारा काटने गए हुए थे. तभी अचानक आकाशीय बिजली गिरी और दोनों उसकी चपेट में आकर खेत में ही बेहोश हो गए. इसके बाद उन्हें जिला मेमोरियल चिकित्सालय पहुंचाया गया. चिकित्सालय में तैनात डॉक्टरों ने निरंजन नाम के व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया, जबकि दूसरे का इलाज अभी जारी है और उसकी हालत में सुधार भी है.
क्यों और कहां गिरती है, आकाशीय बिजली
आपको बता दें कि आसमान में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा में घूमते रहते हैं. जब ये विपरीत दिशा में जाते हैं तो उनमें टकराव होता है. इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है, जो धरती पर गिरती है. आसमान में किसी तरह का कंडक्टर न होने से बिजली पृथ्वी पर कंडक्टर की तलाश में पहुंच जाती है, जिससे नुकसान पहुंचता है. लोगों के जलने की और टिशूज डैमेज होने का खतरा भी रहता है. पीपल, पाकड़, बरगद, जैसे पेड़ों पर बिजली ज्यादा गिरती है.