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साइकिल की सवारी छोड़ हाथी पर सवार हुए सैंकड़ों सपाई - सपा

बलरामपुरमें समाजवादी पार्टी को इस पंचायत चुनाव में बड़े झटके लगते दिखाई दे रहे हैं. कई बड़े नेता और कार्यकर्ता, जो पिछले कई वर्षों से समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं. वह अब पार्टी का दामन छोड़ रहे हैं. गुरुवार को कई सपाइयों ने बसपा की सदस्य ले ली.

सपाइयों ने ली बसपा की सदस्यता.
सपाइयों ने ली बसपा की सदस्यता.
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Published : Apr 2, 2021, 5:22 AM IST

बलरामपुरः जिले में समाजवादी पार्टी को इस पंचायत चुनाव में बड़े झटके लगते दिखाई दे रहे हैं. कई बड़े नेता और कार्यकर्ता, जो पिछले कई वर्षों से समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं. वह अब पार्टी का दामन छोड़ रहे हैं. वह सपा के साइकिल की सवारी छोड़कर के बसपा के हाथी पर सवार होकर पंचायत चुनाव और आने वाले विधानसभा चुनाव की डगर को पार करना चाहते हैं. गुरुवार को पूर्व सांसद रिजवान जहीर के तुलसीपुर स्थित आवास पर हारून रशीद समेत कई सपा नेताओं ने पार्टी दामन छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया. बताया जाता है कि जिला पंचायत के चुनावों में टिकट न मिलने के कारण इन स्थानीय नेताओं ने समाजवादी पार्टी के प्रति नाराजगी थी, जो अब साफ दिखने लगी है.

पूर्व सांसद के आवास पर ज्वाइन किया बसपा

पूर्व सांसद रिजवान जाहिर खान के आवास पर एक आयोजन में आज पचपेड़वा के हारून रशीद खान ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए. इसी क्रम में डॉ. मो खालिद, डॉ. अब्दुल नूर, इमरान प्रधान, इरफान कादरी, अब्दुल रहीम, गुडडू प्रधान, मो. आमिर, राजेश पासवान, ज्ञानदास पासवान, लवकुश गौतम, अश्फाक अहमद, आफाक आलम, नसीम, आरिफ खान सैकड़ों सपा कार्यकर्ताओं ने आज अपनी पुरानी पार्टी को अलविदा कह दिया.

इसे भी पढ़ें- गोंडा में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज, 1214 ग्राम पंचायतों में होगा चुनाव

सामंतवादी ताकतों से लड़ना हमारी कोशिशः हारून रशीद

अगर इस आवाजाही के कारण पर बात की जाए तो कार्यकर्ताओं की सपा से नाराजगी बताई जा रही है. बसपा में शामिल हुए हारून राशिद का कहना है कि अब समाजवादी पार्टी एक कुनबे की पार्टी बनकर रह गई है. यहां पर भाई-भतीजा वाद हावी होता जा रहा है. पुराने कार्यकर्ताओं को किनारे लगाने की गलत परंपरा भी सपा में शुरू हुई है, जिससे तमाम लोग नाराज हैं. मैंने बसपा का दामन इसलिए थमा है, क्योंकि यही वह पार्टी है, जो सर्वसमाज के विकास की बात करती है. आपने हम सबकी नेता बहन मायावती का कार्यकाल देखा है, विकास देखा है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि सामंतवादी ताकतों को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में रोककर ज्यादा से ज्यादा सीटें बसपा के लिए जीत कर दी जाएं.

इसे पढ़ें- सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा, अधिकारियों ने विवाहित जोड़ों की ही करा दी शादी

त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में होगी हमारी जीतः रिजवान जहीर

वहीं पूर्व सांसद रिजवान जहीर ने समाजवादी पार्टी से आए नेताओं और कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि हारून रशीद और उनके समर्थक जिस लक्ष्य को लेकर आज बसपा में शामिल हुए हैं. उसका परिणाम आने वाले दिनों में दिखाई देगा. हम न केवल त्रिस्तरीय पंचायती चुनावों में भारी विजय हासिल करेंगे. बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भी परिणाम हमारे ही पक्ष में रहेगा.

लगातार सपा छोड़कर बसपा में शामिल हो रहे हैं पुराने नेता

हम आपको बताते चलें कि अभी कुछ दिनों पहले ही समाजवादी पार्टी के पुराने नेता रहे, अकील खान ने भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ सपा का दामन छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया था. अब वह जरवा बनगाई जिला पंचायत सदस्य वार्ड से चुनावी ताल ठोक रहे हैं.

वहीं मशहूर समाजसेवी और समाजवादी पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता रहे अमीर शाह मीरू ने भी सपा छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया है. वही पूर्व विधायक अब्दुल मशूद खां के रिश्तेदार नसरुद्दीन खां ने भी समाजवादी पार्टी छोड़ दी है. इसी तरह अभी कई और नेता भी समाजवादी पार्टी से नाराज बताए जाते हैं, जो बसपा में शामिल हो सकते हैं.

बलरामपुरः जिले में समाजवादी पार्टी को इस पंचायत चुनाव में बड़े झटके लगते दिखाई दे रहे हैं. कई बड़े नेता और कार्यकर्ता, जो पिछले कई वर्षों से समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं. वह अब पार्टी का दामन छोड़ रहे हैं. वह सपा के साइकिल की सवारी छोड़कर के बसपा के हाथी पर सवार होकर पंचायत चुनाव और आने वाले विधानसभा चुनाव की डगर को पार करना चाहते हैं. गुरुवार को पूर्व सांसद रिजवान जहीर के तुलसीपुर स्थित आवास पर हारून रशीद समेत कई सपा नेताओं ने पार्टी दामन छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया. बताया जाता है कि जिला पंचायत के चुनावों में टिकट न मिलने के कारण इन स्थानीय नेताओं ने समाजवादी पार्टी के प्रति नाराजगी थी, जो अब साफ दिखने लगी है.

पूर्व सांसद के आवास पर ज्वाइन किया बसपा

पूर्व सांसद रिजवान जाहिर खान के आवास पर एक आयोजन में आज पचपेड़वा के हारून रशीद खान ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए. इसी क्रम में डॉ. मो खालिद, डॉ. अब्दुल नूर, इमरान प्रधान, इरफान कादरी, अब्दुल रहीम, गुडडू प्रधान, मो. आमिर, राजेश पासवान, ज्ञानदास पासवान, लवकुश गौतम, अश्फाक अहमद, आफाक आलम, नसीम, आरिफ खान सैकड़ों सपा कार्यकर्ताओं ने आज अपनी पुरानी पार्टी को अलविदा कह दिया.

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सामंतवादी ताकतों से लड़ना हमारी कोशिशः हारून रशीद

अगर इस आवाजाही के कारण पर बात की जाए तो कार्यकर्ताओं की सपा से नाराजगी बताई जा रही है. बसपा में शामिल हुए हारून राशिद का कहना है कि अब समाजवादी पार्टी एक कुनबे की पार्टी बनकर रह गई है. यहां पर भाई-भतीजा वाद हावी होता जा रहा है. पुराने कार्यकर्ताओं को किनारे लगाने की गलत परंपरा भी सपा में शुरू हुई है, जिससे तमाम लोग नाराज हैं. मैंने बसपा का दामन इसलिए थमा है, क्योंकि यही वह पार्टी है, जो सर्वसमाज के विकास की बात करती है. आपने हम सबकी नेता बहन मायावती का कार्यकाल देखा है, विकास देखा है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि सामंतवादी ताकतों को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में रोककर ज्यादा से ज्यादा सीटें बसपा के लिए जीत कर दी जाएं.

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त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में होगी हमारी जीतः रिजवान जहीर

वहीं पूर्व सांसद रिजवान जहीर ने समाजवादी पार्टी से आए नेताओं और कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि हारून रशीद और उनके समर्थक जिस लक्ष्य को लेकर आज बसपा में शामिल हुए हैं. उसका परिणाम आने वाले दिनों में दिखाई देगा. हम न केवल त्रिस्तरीय पंचायती चुनावों में भारी विजय हासिल करेंगे. बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भी परिणाम हमारे ही पक्ष में रहेगा.

लगातार सपा छोड़कर बसपा में शामिल हो रहे हैं पुराने नेता

हम आपको बताते चलें कि अभी कुछ दिनों पहले ही समाजवादी पार्टी के पुराने नेता रहे, अकील खान ने भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ सपा का दामन छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया था. अब वह जरवा बनगाई जिला पंचायत सदस्य वार्ड से चुनावी ताल ठोक रहे हैं.

वहीं मशहूर समाजसेवी और समाजवादी पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता रहे अमीर शाह मीरू ने भी सपा छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया है. वही पूर्व विधायक अब्दुल मशूद खां के रिश्तेदार नसरुद्दीन खां ने भी समाजवादी पार्टी छोड़ दी है. इसी तरह अभी कई और नेता भी समाजवादी पार्टी से नाराज बताए जाते हैं, जो बसपा में शामिल हो सकते हैं.

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