बलरामपुर : गोंडा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस गठबंधन की प्रत्याशी और अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष (सोनेलाल गुट) कृष्णा पटेल कानपुर से आकर गोंडा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं. ईटीवी भारत ने उनसे लोकसभा क्षेत्र के मुद्दों और चुनावी रणनीति पर विशेष बातचीत की.
कोई कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है
विपक्षी दलों द्वारा बाहरी होने के आरोप पर बोलते हुए कांग्रेस गठबंधन की संयुक्त प्रत्याशी कृष्णा पटेल ने कहा कि जो लोग यहां से चुनाव लड़ते हैं, वह भी दिल्ली और लखनऊ जाकर ही बैठते हैं. जनता को अपना काम होने से मतलब है न कि बाहरी और भीतरी होने से. कोई कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है. उत्तर प्रदेश सभी के लिए है, यह एक खुला मैदान है. कोई कहीं भी जाकर लोकतंत्र में अपनी बात लोगों से कह सकता है और चुनाव लड़ सकता है.
जातीय समीकरण के सवाल पर क्या बोलीं कृष्णा पटेल
जातीय समीकरण साधने के सवाल पर कृष्णा पटेल ने कहा कि डॉक्टर सोनेलाल पटेल को गुजरे 10 वर्ष बीत चुके हैं. यह हमारे पटेल और कुम्हार समाज के साथ का ही फल है कि मैं इतनी ताकत, इतने विश्वास और इतनी लगन के साथ उनकी आवाजों को उठाने का काम कर रही हूं.
इन मुद्दों पर लड़ेंगी चुनाव
गोंडा लोकसभा क्षेत्र का चुनाव आप किन मुद्दों पर लड़ रही हैं? इस सवाल के जवाब में बोलते हुए कृष्णा पटेल कहतीं हैं कि इस लोकसभा क्षेत्र में सड़कों की नितांत कमी है. गड्ढों में सड़के हैं या सड़कों में गड्ढे हैं, इसका पता तक नहीं चलता है. इसके साथ-साथ यहां पर बेरोजगारी और पलायन का स्तर काफी ज्यादा है. रोजगार के अवसर न होने के कारण बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं. अच्छे अस्पतालों की कमी भी इस लोकसभा क्षेत्र में है. इसके साथ ही इस लोकसभा क्षेत्र में अच्छे विद्यालय और शिक्षा से जुड़े अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी है. यहां पर कारखाने लगने चाहिए, जिससे पलायन को रोका जा सके.
विपक्ष पर साधा निशाना
विपक्षी दल भी इन्हीं मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं, फिर आप क्यों? इस सवाल के जवाब पर बोलते हुए कृष्णा पटेल कहतीं हैं कि अगर विपक्षी दलों ने हर मुद्दे पर काम किया ही होता तो स्थिति इतनी बदतर नहीं होती. आप अगर कर ही रहे होते तो आजादी के 70 साल बाद स्थिति इतनी बदतर नहीं होती. आप की दहशत इतनी है कि लोग अपने घरों से निकल तक नहीं पाते हैं. प्रदेश में और भी जिले हैं, लेकिन वहां पर स्थिति इतनी खराब नहीं है. यहां पर स्थिति बद से बदतर हो चली है.
विरोधियों को दिया यह संदेश
आपके विरोधियों के लिए आपका क्या संदेश है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि देखिए यह लोकतंत्र और यहां पर सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. वह भी चुनाव लड़ रहे हैं और मैं भी चुनाव लड़ रही हूं. मुझे मेरे समाज के लोगों पर बड़ा विश्वास है. सभी लोग मेरा साथ दे रहे हैं.
चुनाव जीतने पर यहा होंगी प्राथमिकताएं
अगर आप यहां से चुनाव जीतती है तो क्या प्राथमिकताएं होंगी? इस सवाल के जवाब में कृष्णा पटेल ने कहा कि देखिए, जब मैं चुनाव जीत जाऊंगी तब देखा जाएगा. खैर मेरी प्राथमिकता में केवल और केवल विकास है.
..जब नाराज हो गईं कृष्णा पटेल
कृष्णा पटेल से जब उनकी बेटी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए कहा कि बेटी की शादी हो चुकी है. अब वो अपना घर बसा चुकी है. बहुत सारे लोगों ने अपना दल से टूट-टूट कर अपनी-अपनी पार्टियों का निर्माण किया. उसी जमात में वह भी शामिल है. इसके अतिरिक्त मैं कुछ भी नहीं कहना चाहूंगी. अपनी पूरी बातचीत में कृष्णा पटेल किसी भी तरह के विवादित बयान से बचती नजर आईं.