बलरामपुर: अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला गोपाल सिंह विशारद के बेटे राजेंद्र सिंह के लिए बेहद भावुकता वाला था. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मैं थोड़ी देर के लिए स्तब्ध रह गया था. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं अपनी भावनाओं को कैसे व्यक्त करूं? शायद इसका यह कारण था कि मेरे परिवार की तीन पीढ़ियां इस विवाद से सीधे तौर पर जुड़ी रहीं. हम लोगों ने रामलला के पूजा-अर्चना का हक मांगा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करते हुए हमें पूजा का हक दिया है.
राजेंद्र सिंह ने कहा कि मैं अपने जिंदा रहते-रहते यह उम्मीद नहीं कर रहा था कि फैसला आ जाएगा और मैंने सब कुछ प्रभु श्रीराम पर ही छोड़ दिया था. जब यह फैसला आया तो मेरे लिए बेहद भावुकता का क्षण था. वह कहते हैं कि राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाया जाए और इसमें उन लोगों को जोड़ा जाए जो इस मसले से सीधे तौर पर जुड़े रहे हैं. इसके साथ ही समाज के प्रबुद्ध लोगों को भी इस ट्रस्ट में जोड़ा जाना चाहिए. उनका कहना है कि कोर्ट का काम था, इसलिए इस मामले को लंबा खिंचना ही था, इसलिए हम लोगों ने और हमारी कमेटी ने कई अपील दायर की थी, जिसमें रामलला के पूजा का अधिकार भी एक प्रमुख अपील थी.
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एएसआई द्वारा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में उपलब्ध करवाए गए प्रमाणों पर बात करते हुए वह कहते हैं कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद वहां से जो खुदाई की गई और उसमें जो प्रमाण मिले वह मंदिर होने की पुष्टि करते थे. खोदाई के दौरान मिले अवशेषों में पता चला कि वहां पर हिंदू देवी-देवताओं की पूजा की जाती थी, इस प्रमाण को सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वीकार किया.
अयोध्या में आगे की मंदिर बनाने की तैयारी पर राजेंद्र सिंह कहते हैं कि हमारे लिए अयोध्या को लेकर कोई विशेष योजना नहीं है. हम लोग जैसे पहले अयोध्या जाते थे और रहते थे, वैसे ही जाएंगे और रहेंगे. उन्होंने कहा कि इस बार हम लोग 21 नवम्बर को अयोध्या जा रहे हैं. 22 नवम्बर को इस मसले से जुड़े तमाम वकीलों और तमाम पक्षकारों के स्वागत समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हम लोग भी सम्मिलित होंगे.
कमेटी तय करेगी कि कौन करगा पूजा
वहीं रामलला के पूजन के अधिकार को लेकर उन्होंने कहा कि यह कमेटी तय करेगी कि वहां पूजा कौन करेगा. इसकी पूरी जानकारी कमेटी को दे दी जाएगी. फिर कमेटी के लोग मिलकर जो भी तय करेंगे, वह हम सभी को मंजूर होगा. राजेंद्र सिंह ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बेहद संतुलित भी कहा जा सकता है, इसलिए दोनों पक्षों में खुशी की लहर देखी जा रही है.