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बलरामपुर: विद्युत तारों के बीच जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर बच्चे - उतरौला प्राथमिक विद्यालय

प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय नयानगर में हाईटेंशन तार की चपेट में आने के कारण हुई दुर्घटना में तकरीबन 55 बच्चे झुलस गए थे. घटना के बाद जिलाधिकारी ने तार व ट्रांसफार्मर को विद्यालय से दूर करने का निर्देश दिया था, लेकिन घटना के 4 दिन बाद भी प्रशासन हरकत में नहीं आया है.

प्राथमिक विद्यालय के ऊपर गुजरे हाईटेंशन तार
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Published : Jul 20, 2019, 1:34 PM IST

बलरामपुर: उतरौला शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय नयानगर में हुई दुर्घटना के बाद भी शिक्षा और विद्युत विभाग सबक नहीं ले रहा है. यहां के प्राथमिक विद्यालय में हुई हाईटेंशन तार की चपेट में आने आने के कारण दुर्घटना में तकरीबन 55 बच्चे झुलस गए थे, जिनमें से कुछ का इलाज अभी भी चल रहा है. इस घटना ने जिले में 600 से अधिक उन परिषदीय विद्यालयों को आगाह कर दिया, जो हाईटेंशन तार की ज़द में है.

जानकारी देते अध्यापक

जिलाधिकारी ने तार हटाने के दिए थे निर्देश-

नयानगर प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुई दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए डीएम कृष्णा करुणेश ने तार व ट्रांसफार्मर को विद्यालय भवन से दूर हटाने का निर्देश दिया था लेकिन घटना घटित होने के 4 दिन बाद भी प्रशासन हरकत में नहीं आया है.

क्या कहते हैं प्राथमिक विद्यालय प्रेम नगर के प्रधान अध्यापक संजय सिंह-

कई सालों से हमारे प्राथमिक विद्यालय के ऊपर से 11000 वोल्ट का एक हाईटेंशन तार गुजर रहे हैं. अभी उतरौला में हुई दुर्घटना के बाद हमने एक रिपोर्ट बनाकर अपने एसबीआई को भेजी है जिसके बाद इसे हटवाने का आश्वासन मिला है.

प्राथमिक विद्यालय लालगढ़ सिपहिया में पढ़ाने वाली शिवानी सिंह का कहना है-

यहां से गुजरने वाला हाईटेंशन तार हम लोगों को काफी चिंतित कर देते हैं. बरसात का मौसम है ऐसे में कब क्या अनहोनी हो जाए किसी को नहीं पता. अगर कोई अनहोनी हो जाती है तो तुरंत बच्चों व स्टाफ की जान पर बन आएगी. हम आशा करते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द इसे हटाने का काम करेगा.

क्या कहते हैं तुलसीपुर के एनपीआरसी उदय प्रताप-

लाल नगर सिपहिया में सौभाग्य योजना लागू होने से पहले यह था. 10 से 15 फीट ऊपर झूल रहे थे कोई भी बच्चा या बड़ा उछलकर तार को छू सकता था. ऐसे में बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. लेकिन हम लोगों के व्यक्तिगत प्रयास के कारण अब यह तो काफी ऊपर कर दिया गया है. इन हाईटेंशन तारों की जद में आने के कारण तीन चार महीने पहले एक बंदर की मौत हो गई थी.

अभी गुरुवार की शाम को ही हमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा 657 विद्यालयों के ऊपर से या उनके आसपास से हाईटेंशन तार गुजरने की सूचना मिली है. इस लिस्ट को हमने संबंधित अभियंताओं को भेज दिया है. इसके बाद वह तय करेंगे कि कहां पर नियमानुसार तार हटाया जाना है. इसके बाद से जल्द से जल्द या दो-तीन दिन के भीतर ही तार हटवाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.
-ललित कुमार, अधीक्षण अभियंता

बलरामपुर: उतरौला शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय नयानगर में हुई दुर्घटना के बाद भी शिक्षा और विद्युत विभाग सबक नहीं ले रहा है. यहां के प्राथमिक विद्यालय में हुई हाईटेंशन तार की चपेट में आने आने के कारण दुर्घटना में तकरीबन 55 बच्चे झुलस गए थे, जिनमें से कुछ का इलाज अभी भी चल रहा है. इस घटना ने जिले में 600 से अधिक उन परिषदीय विद्यालयों को आगाह कर दिया, जो हाईटेंशन तार की ज़द में है.

जानकारी देते अध्यापक

जिलाधिकारी ने तार हटाने के दिए थे निर्देश-

नयानगर प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुई दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए डीएम कृष्णा करुणेश ने तार व ट्रांसफार्मर को विद्यालय भवन से दूर हटाने का निर्देश दिया था लेकिन घटना घटित होने के 4 दिन बाद भी प्रशासन हरकत में नहीं आया है.

क्या कहते हैं प्राथमिक विद्यालय प्रेम नगर के प्रधान अध्यापक संजय सिंह-

कई सालों से हमारे प्राथमिक विद्यालय के ऊपर से 11000 वोल्ट का एक हाईटेंशन तार गुजर रहे हैं. अभी उतरौला में हुई दुर्घटना के बाद हमने एक रिपोर्ट बनाकर अपने एसबीआई को भेजी है जिसके बाद इसे हटवाने का आश्वासन मिला है.

प्राथमिक विद्यालय लालगढ़ सिपहिया में पढ़ाने वाली शिवानी सिंह का कहना है-

यहां से गुजरने वाला हाईटेंशन तार हम लोगों को काफी चिंतित कर देते हैं. बरसात का मौसम है ऐसे में कब क्या अनहोनी हो जाए किसी को नहीं पता. अगर कोई अनहोनी हो जाती है तो तुरंत बच्चों व स्टाफ की जान पर बन आएगी. हम आशा करते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द इसे हटाने का काम करेगा.

क्या कहते हैं तुलसीपुर के एनपीआरसी उदय प्रताप-

लाल नगर सिपहिया में सौभाग्य योजना लागू होने से पहले यह था. 10 से 15 फीट ऊपर झूल रहे थे कोई भी बच्चा या बड़ा उछलकर तार को छू सकता था. ऐसे में बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. लेकिन हम लोगों के व्यक्तिगत प्रयास के कारण अब यह तो काफी ऊपर कर दिया गया है. इन हाईटेंशन तारों की जद में आने के कारण तीन चार महीने पहले एक बंदर की मौत हो गई थी.

अभी गुरुवार की शाम को ही हमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा 657 विद्यालयों के ऊपर से या उनके आसपास से हाईटेंशन तार गुजरने की सूचना मिली है. इस लिस्ट को हमने संबंधित अभियंताओं को भेज दिया है. इसके बाद वह तय करेंगे कि कहां पर नियमानुसार तार हटाया जाना है. इसके बाद से जल्द से जल्द या दो-तीन दिन के भीतर ही तार हटवाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.
-ललित कुमार, अधीक्षण अभियंता

Intro:उतरौला शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय नयानगर में हुई दुर्घटना के बाद भी शिक्षा और विद्युत विभाग सबक लेने का काम नहीं कर रहा है. यहां के प्राथमिक विद्यालय में हुई हाईटेंशन तार की चपेट में आने आने के कारण दुर्घटना में तकरीबन 55 बच्चे झुलस गए थे, जिनमें से कुछ का इलाज अभी भी चल रहा है. इस घटना ने जिले में 600 से अधिक उन परिषदीय विद्यालयों को आगाह कर दिया, जो हाईटेंशन तार की ज़द में है. डीएम कृष्णा करुणेश ने तार व ट्रांसफार्मर को विद्यालय भवन से दूर हटाने का निर्देश दिया है लेकिन घटना के 4 दिन बाद भी प्रशासन हरकत में नहीं आ सका है.


Body:इस बारे में बात करते हुए प्राथमिक विद्यालय प्रेम नगर के प्रधान अध्यापक संजय सिंह बताते हैं है कि कई सालों से हमारे प्राथमिक विद्यालय के ऊपर से 11000 वोल्ट का एक हाई टेंशन वायर गुजर रहा है. अभी उतरौला में हुई दुर्घटना के बाद हमने एक रिपोर्ट बनाकर अपने एसबीआई को भेजी है जिसके बाद इसे हटवाने का आश्वासन मिला है.
वहीं प्राथमिक विद्यालय लालगढ़ सिपहिया में पढ़ाने वाली शिवानी सिंह ने हमसे बात करते हुए कहा कि यहां से गुजरने वाला हाईटेंशन पर हम लोगों को काफी चिंतित कर देता है बरसात का मौसम है. खुदा नखास था कब क्या अनहोनी हो जाए किसी को नहीं पता. अगर कोई अनहोनी हो जाती है. तो तुरंत बच्चों व स्टाफ की जान पर बन आएगी. हम आशा करते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द इसे हटाने का काम करेगा.
वहीं, तुलसीपुर के एनपीआरसी उदय प्रताप बताते हैं कि लाल नगर सिपहिया में सौभाग्य योजना लागू होने से पहले यह था. 10 से 15 फीट ऊपर झूल रहे थे कोई भी बच्चा या बड़ा उछलकर तार को छू सकता था. ऐसे में बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. लेकिन हम लोगों के व्यक्तिगत प्रयास के कारण अब यह तो काफी ऊपर कर दिया गया है. वह बताते हैं कि इस पार की जद में आने के कारण तीन चार महीने पहले एक बंदर की मौत भी हो गई थी.


Conclusion:जब हमने इस मामले में अधीक्षण अभियंता ललित कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी गुरुवार की शाम को ही हमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा 657 विद्यालयों के ऊपर से या उनके आसपास से हाईटेंशन तार गुजरने की सूचना मिली है. इस लिस्ट को हमने संबंधित अभियंताओं को भेज दिया है. इसके बाद वह तय करेंगे कि कहां पर नियमानुसार तार हटाया जाना है. इसके बाद से जल्द से जल्द या दो-तीन दिन के भीतर ही तार हटवाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.
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