बलरामपुर: जिले के शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. मृतक आश्रित कोटे के अन्तर्गत फर्जी तरीके से नियुक्ति पाने वाले 5 शिक्षकों की सेवा तत्काल प्रभाव से खत्म कर बर्खास्त कर दिया गया है. जबकि दो शिक्षकों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है. दोनों शिक्षकों अपना पक्ष रखने के लिए अंतिम मौका दिया गया है. वहीं, अपना पक्ष न रखने या संतोषजनक उत्तर न मिलने पर सेवाए समाप्त कर दी जाएगी.
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कल्पना देवी ने बताया कि उप्र बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज सचिव के निर्देशानुसार बलरामपुर में अध्यापकों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया था. अध्यापकों को कार्यालय के पत्रांक व दिनांक से अलग-अलग नोटिस के माध्यम से नियुक्ति से संबंधित अपना पक्ष और साक्ष्य पेश करने के लिए निर्देशित किया था. लेकिन, संतोषजनक उत्तर और साक्ष्य न मिलने की दशा में सूची में अंकित सभी अध्यापकों की सेवा समाप्त समिति के अनुमोदनोपरान्त तत्काल प्रभाव से कर गई है.
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि आनन्द कुमार तिवारी पेचपड़वा जांच में अनुपस्थित और वारिस प्रमाण पत्र अप्राप्त फर्जी नियुक्ति, शशेन्द्र प्रताप सिंह कम्पोजिट स्कूल बरगदही तुलसीपुर दोहरी नियुक्ति, विजय प्रकाश सिंह शिक्षा क्षेत्र गैंसड़ी दोहरी नियुक्ति, कल्बे हसन उप्रावि रजवापुर शिक्षा क्षेत्र तुलसीपुर दोहरी नियुक्ति और देशराज सिंह बनघुसरी शिक्षा क्षेत्र शिवपुरा दोहरी नियुक्ति हुई थी. जिनकी सेवा समिति के अनुमोदनोपरान्त तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है.
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कल्पना देवी न बताया कि इसी तरह पिछले काफी समय से अनुपस्थित चल रहे उच्च प्राथमिक विद्यालय घोपलापुर मिश्रोलियां में तैनात सहायक अध्यापक पप्पू व कंपोजिट विद्यालय दुल्हिंडीह के सहायक अध्यापक सिद्धार्थ सिंह का वेतन पहले ही रोका जा चुका है तथा दोनों को नोटिस जारी होने के बाद अभी तक अपना पक्ष नहीं रखा है. गैसडी खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा दोनों शिक्षकों को बर्खास्त करने की संस्तुति की गई है. दोनों शिक्षकों को 18 अगस्त तक अपना पक्ष रखने का अंतिम समय दिया गया है. यदि 18 अगस्त तक दोनों द्वारा अपना पक्ष नहीं रखा गया, तो दोनो को बर्खास्त कर दिया जाएगा.
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