बलरामपुर: जिले से समाजवादी पार्टी के टिकट पर दो बार विधायक रहे डॉ. आरिफ अनवर हाशमी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. डॉ. हाशमी पर धोखाधड़ी और लोक संपत्ति निवारण अधिनियम जैसी धाराओं के उल्लंघन का आरोप है. पूर्व विधायक और उनके परिजनों पर कूटरचित दस्तावेजों के सहारे फर्जी अभिलेख बनाकर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने का भी आरोप है. इस संबंध में बलरामपुर के सादुल्लाह नगर थाने में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज हैं. 2018 में दर्ज़ पहले मुकदमे की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है, जबकि 30 अगस्त 2020 को दर्ज़ हुए दूसरे मुकदमे की जांच बलरामपुर पुलिस कर रही है. दोनों ही मुकदमों में धोखाधड़ी कर सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप पूर्व विधायक पर लगाया है.
- पूर्व विधायक डॉ. आरिफ अनवर हाशमी धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार
- डॉ. आरिफ अनवर हाशमी पहली बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बने
- पूर्व विधायक के खिलाफ सादुल्लाह नगर थाने में धोखाधड़ी का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था
आरोपी पूर्व विधायक डॉ. आरिफ अनवर हाशमी पर लोक संपत्ति निवारण अधिनियम जैसी गंभीर आधा दर्जन धाराओं में जिले के सुदूर सदुल्लानागर थाने में दो मुकदमे दर्ज हैं. इन दोनों ही मुकदमों में आरिफ अनवर हाशमी और उनके परिजन और राजस्वकर्मी भी आरोपी हैं. शनिवार को दोपहर तकरीबन तीन बजे भारी संख्या में पुलिसबल के साथ क्राइम ब्रांच की टीम ने पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी को गिरफ्तार करने उनके घर सदुल्लानागर पहुंची, जहां से उन्हें गिरफ्तार करके जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया गया.
डॉ. आरिफ अनवर हाशमी 2007 के विधानसभा चुनाव में सादुल्लानगर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीतकर पहली बार विधायक बने थे. वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने एसपी के ही टिकट पर उतरौला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था. विधायक बनने के बार डॉ. हाशमी ने तमाम तरह की संपत्तियां अर्जित कीं. उन्होंने बड़ी संख्या में अपने क्षेत्र में इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेज खोले. इसके अलावा उन्होंने कई पेट्रोल पंप और अन्य व्यापारिक संस्थान बनाए.
डॉ. हाशमी पर सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए ग्राम समाज की जमीन, तालाब, नवीन परती और सरकारी स्कूल की जमीन को अनैतिकता के आधार पर हड़पने का आरोप है. दो वर्ष पहले ही वादी रमाकांत दुबे और ज्ञानचंद सोनी की तहरीर पर पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी के खिलाफ सादुल्लाह नगर थाने में धोखाधड़ी का पहला मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी जांच क्राइम ब्रांच की टीम कर रही थी.
वहीं 30 अगस्त, 2020 को वादी अनिल श्रीवास्तव की तहरीर पर डॉ. हाशमी सहित एक राजस्व निरीक्षक व उनके 13 अन्य सहयोगियों के खिलाफ सादुल्लाह नगर थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी का दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया. इनमें आरिफ अनवर हाशमी के भाई और राजस्वकर्मी भी आरोपी बनाए गए हैं.
क्राइम ब्रांच की टीम को जालसाजी और धोखाधड़ी कर सरकारी जमीनों पर कब्जा किए जाने के पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं.
देवरंजन वर्मा,एसपी