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खाद की किल्लत से किसान परेशान, यूरिया की कालाबाजारी पर रोक की मांग

यूपी के बलरामपुर जिले में किसान यूरिया और खाद की समस्याओं से काफी परेशान हैं. इसके लिए किसानों की भारी भीड़ सहकारी समितियों पर जुट रही है, लेकिन इसके बावजूद किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रही है.

स्पेशल रिपोर्ट.
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Published : Aug 31, 2020, 5:34 AM IST

बलरामपुर: यूरिया को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में घमासान मचा हुआ है. साधन सहकारी समितियों पर से यूरिया और खाद की बोरिया गायब नजर आ रही है. यूरिया, खाद की कमी के चलते सहकारी समितियों पर किसानों की भारी भीड़ जुट रही है. वहीं किसान लगातार बेहाल नजर आ रहे हैं. प्राइवेट दुकानों पर 270 रुपये की दर पर बिकने वाली यूरिया की बोरियां 500 से रुपये प्रति बोरी के हिसाब से बेची जा रही है. यूरिया की इस कालाबाजारी को लेकर किसानों में काफी आक्रोश है. किसानों ने साधन सहकारी समितियों पर पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराए जाने और कालाबाजारी पर अंकुश लगाने की मांग जिलाधिकारी से की है.

स्पेशल रिपोर्ट.

साधन सहकारी समितियों पर लटका ताला
बारिश के बाद निकलने वाली धूप के दौरान धान और गन्ने की फसल में खाद डालने से पैदावार अच्छी होती है. फसल में खाद डालने के लिए किसानों को यूरिया की जरूरत है, लेकिन साधन सहकारी समितियों से आजकल यूरिया गायब नजर आ रहा है. कुछ समितियों पर यदि उपलब्ध भी है तो यूरिया की मात्रा इतनी कम है कि वहां पर मौजूद किसानों को यूरिया मिल पाना लगभग असंभव नजर आ रहा है. अधिकांश साधन सहकारी समितियों पर ताला लगा हुआ रहता है, जिससे किसानों को खासी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है.

मायूस घर लौटते हैं किसान
जहां पर समितियां खुल रही हैं वहां भी किसानों की भारी भीड़ जुट रही है. समिति खुलने से पहले ही बलरामपुर जिले के नगर क्षेत्र में स्थित मंडी समिति के साधन सहकारी समिति में रोजाना तकरीबन 2 हजार की संख्या में किसानों की भीड़ जुट जाया करती है. जबकि महज सौ से डेढ़ सौ किसानों को ही यूरिया पाने के लिए टोकन मिल पाता है. भीड़ काबू करने के लिए न तो पुलिस मौजूद रहती है और न ही प्रशासनिक अमला.

कोरोना ने बढ़ाई मुश्किलें
जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार फैल रहा है. फिर भी किसान अपनी जान को जोखिम में डालते हुए साधन सहकारी समितियों पर लाइन लगाने को मजबूर है. किसानों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताते हैं कि बाहर यूरिया काफी महंगा बिक रहा है, जिस यूरिया के लिए सहकारी समितियों पर महज 270 रुपए देने पड़ते हैं. वहीं बाहर खरीदने पर 500 से लेकर 550 रुपये तक दिया जाता है.

किसान बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों में कोई लॉट या रैक आया ही नहीं है. इसके लिए लगातार यूरिया की किल्लत बनी हुई है. अगर जिला प्रशासन चाहे तो हमारी समस्या का जल्द से जल्द निदान कर सकता है, लेकिन इस दौरान हमारी कोई सुनने वाला नहीं है.

जिला कृषि अधिकारी मनजीत कुमार बताते हैं कि जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है. बीते दिनों में बड़ी संख्या में यूरिया की बोरियों को जिले के विभिन्न साधन सहकारी समितियों को आवंटित किया गया है. दो दिन में यूरिया की रैक आने वाली है. इसके बाद सभी क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी. यूरिया की कालाबाजारी करने वालों पर प्रशासन की तरफ से सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए जिलाधिकारी के निर्देशन पर लगातार छापेमारी की जा रही है.

सामाजिक दूरी का पालन करें किसान
जिला कृषि अधिकारी मनजीत कुमार किसानों से अपील करते हुए कहते हैं कि किसानों को कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए. उन्हें मास्क एवं गमछा का प्रयोग करते हुए अपने मुंह को हमेशा ढके रहना चाहिए, जिससे कोरोना संक्रमण न फैल सके.

इसे भी पढ़ें- बलरामपुर: हकीकत में न घर, न सड़क, सरकार की फाइलों में सब कुछ

बलरामपुर: यूरिया को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में घमासान मचा हुआ है. साधन सहकारी समितियों पर से यूरिया और खाद की बोरिया गायब नजर आ रही है. यूरिया, खाद की कमी के चलते सहकारी समितियों पर किसानों की भारी भीड़ जुट रही है. वहीं किसान लगातार बेहाल नजर आ रहे हैं. प्राइवेट दुकानों पर 270 रुपये की दर पर बिकने वाली यूरिया की बोरियां 500 से रुपये प्रति बोरी के हिसाब से बेची जा रही है. यूरिया की इस कालाबाजारी को लेकर किसानों में काफी आक्रोश है. किसानों ने साधन सहकारी समितियों पर पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराए जाने और कालाबाजारी पर अंकुश लगाने की मांग जिलाधिकारी से की है.

स्पेशल रिपोर्ट.

साधन सहकारी समितियों पर लटका ताला
बारिश के बाद निकलने वाली धूप के दौरान धान और गन्ने की फसल में खाद डालने से पैदावार अच्छी होती है. फसल में खाद डालने के लिए किसानों को यूरिया की जरूरत है, लेकिन साधन सहकारी समितियों से आजकल यूरिया गायब नजर आ रहा है. कुछ समितियों पर यदि उपलब्ध भी है तो यूरिया की मात्रा इतनी कम है कि वहां पर मौजूद किसानों को यूरिया मिल पाना लगभग असंभव नजर आ रहा है. अधिकांश साधन सहकारी समितियों पर ताला लगा हुआ रहता है, जिससे किसानों को खासी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है.

मायूस घर लौटते हैं किसान
जहां पर समितियां खुल रही हैं वहां भी किसानों की भारी भीड़ जुट रही है. समिति खुलने से पहले ही बलरामपुर जिले के नगर क्षेत्र में स्थित मंडी समिति के साधन सहकारी समिति में रोजाना तकरीबन 2 हजार की संख्या में किसानों की भीड़ जुट जाया करती है. जबकि महज सौ से डेढ़ सौ किसानों को ही यूरिया पाने के लिए टोकन मिल पाता है. भीड़ काबू करने के लिए न तो पुलिस मौजूद रहती है और न ही प्रशासनिक अमला.

कोरोना ने बढ़ाई मुश्किलें
जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार फैल रहा है. फिर भी किसान अपनी जान को जोखिम में डालते हुए साधन सहकारी समितियों पर लाइन लगाने को मजबूर है. किसानों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताते हैं कि बाहर यूरिया काफी महंगा बिक रहा है, जिस यूरिया के लिए सहकारी समितियों पर महज 270 रुपए देने पड़ते हैं. वहीं बाहर खरीदने पर 500 से लेकर 550 रुपये तक दिया जाता है.

किसान बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों में कोई लॉट या रैक आया ही नहीं है. इसके लिए लगातार यूरिया की किल्लत बनी हुई है. अगर जिला प्रशासन चाहे तो हमारी समस्या का जल्द से जल्द निदान कर सकता है, लेकिन इस दौरान हमारी कोई सुनने वाला नहीं है.

जिला कृषि अधिकारी मनजीत कुमार बताते हैं कि जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है. बीते दिनों में बड़ी संख्या में यूरिया की बोरियों को जिले के विभिन्न साधन सहकारी समितियों को आवंटित किया गया है. दो दिन में यूरिया की रैक आने वाली है. इसके बाद सभी क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी. यूरिया की कालाबाजारी करने वालों पर प्रशासन की तरफ से सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए जिलाधिकारी के निर्देशन पर लगातार छापेमारी की जा रही है.

सामाजिक दूरी का पालन करें किसान
जिला कृषि अधिकारी मनजीत कुमार किसानों से अपील करते हुए कहते हैं कि किसानों को कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए. उन्हें मास्क एवं गमछा का प्रयोग करते हुए अपने मुंह को हमेशा ढके रहना चाहिए, जिससे कोरोना संक्रमण न फैल सके.

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