बलरामपुर: जिले के गठन को 21 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन यहां पर बुनियादी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. चुनाव का मौसम है. चुनावी मौसम में जनता का मन टटोलने के लिए ईटीवी भारत ने एमएलके पीजी कॉलेज के छात्र छात्राओं की ओर रुख किया. युवा इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करके जहां एक तरफ सशक्त सरकार चुनने की बात कह रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके मन की आकांक्षाएं सरकार को आईना दिखाने का काम भी कर रही हैं.
क्या कहना है छात्रों का
- छात्र देवांश मिश्रा ने कहा कि पिछले 5-7 सालों में विकास हुआ है, लेकिन जिस रफ्तार से होना चाहिए वह रफ्तार आज तक नहीं मिल सकी है.
- बलरामपुर जिले में एकमात्र डिग्री कॉलेज है, जिसे यूनिवर्सिटी बन जाना चाहिए था.
- पूर्वांचल के सबसे प्रतिष्ठित डिग्री कॉलेज में पढ़ने के बावजूद भी हमें उस तरह की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.
- दिव्यांश चौधरी ने कहा कि सरकार को एफडीआई और रोजगार की नीतियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
- अगर बाहर से हमारे यहां निवेश आता है तो हमारे देश में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
- छात्रों का कहना है कि मैं अगर इंजीनियरिंग पढ़ के अच्छी नौकरी पा जाता हूं, तो मेरे साथ जुड़े कई लोगों का भला हो सकेगा. सरकार इस पर ध्यान दे.
महिला सुरक्षा के मुद्दों पर किया जाए काम
- छात्रा सौम्या ने माना कि शिक्षा के क्षेत्र में अवसरों की कमी के कारण बलरामपुर जिले में विकास रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है.
- वहीं छात्रा साधना वर्मा ने कहा कि जातिगत मुद्दे आज भी हमारी चुनावों में हावी हो जाते हैं. यदि जातिगत मुद्दों से हटकर राजनीतिक दल अपने लिए विकास को मुद्दा बना कर वोट मांगे, तो फिर बात कहीं आगे बढ़ सकती है.
- लगभग सभी छात्रों ने माना कि उनके लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर ही बड़े मुद्दे हैं.