बलरामपुर: जिले में एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए बोर्ड परीक्षाओं को नकल विहीन संपन्न कराने के लिए किए जा रहे तमाम प्रयासों के बारे में अवगत कराया. उन्होंने जिले में स्थापित मास्टर कंट्रोल रूम के साथ-साथ तीन केंद्रों का निरीक्षण किया और तमाम अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.
उच्च शिक्षा पर बोले डिप्टी सीएम. इस दौरान उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से उच्च शिक्षा में शिक्षकों की कमी, दूरस्थ इलाकों में स्थापित राजकीय महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं का न पहुंच पाना व निजी स्कूलों में व्यापक पैमाने पर फीस वसूली के मामले में जब सवाल किया तो उन्होंने कुछ इस तरह का जवाब दिया.
जल्द ही दूर की जाएगी शिक्षकों की कमी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों तथा प्राचार्य की कमी के सवाल पर जवाब देते हुए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा आयोग के जरिए शिक्षकों की तमाम कमी को पूरा करने का काम किया जा रहा है. अब प्रदेश में शिक्षकों की कमी बहुत ज्यादा नहीं रह गई है. उन्होंने कहा कि 40% शिक्षकों के पद हमारे कार्यकाल में पहले ही भरे जा चुके हैं. अब आरक्षण प्रक्रिया लागू की जा चुकी है और नोटिफिकेशन भी निकाला जा चुका है. खाली पदों को जल्द से जल्द भरकर शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा.
बनाई जा रही बेहतर योजनावहीं दूरस्थ इलाकों में स्थापित महाविद्यालयों में छात्र-छत्राओं की संख्या न होने व शिक्षकों की कमी के सवाल पर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि जल्द ही प्रयास शुरू किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि हम इसके लिए कार्य योजना तैयार कर रहे हैं और उस योजना के जरिए ज्यादा से ज्यादा छात्र-छात्राओं को आकर्षित करके महाविद्यालयों तक लाने की योजना बनाई जा रही है. मुझे लगता है कि इससे हम दूरस्थ क्षेत्रों में स्थापित राजकीय महाविद्यालयों में भी अच्छी संख्या में बच्चों को पढ़ा सकेंगे.
व्यापक पैमाने पर होगी कार्रवाईवहीं निजी स्कूलों व अन्य संस्थानों में मनमाफिक फीस वसूली करने के मामले से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा बोले की छोटे जिलों में तो इस तरह की घटनाएं रिपोर्ट नहीं की जा रही हैं, लेकिन लखनऊ, कानपुर, नोएडा, वाराणसी जैसे बड़े शहरों में निजी स्कूलों व संस्थानों के खिलाफ शिकायतें आई हैं. इस पर हमने कड़ी कार्रवाई करते हुए उन पर न केवल जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है, बल्कि तीसरी बार अगर वह मनमाफिक फीस वसूलते हैं तो मान्यता रद्द करने का भी प्रावधान किया गया है. इस तरह बड़े शहरों में व्यापक पैमाने पर कार्रवाई की गई है.
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