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तेंदुए ने फिर बनाया पांच वर्षीय बच्चे को निवाला, 20 दिनों 4 मासूमों की हो चुकी मौत - बलरामपुर में तेंदुए ने बच्चे मार डाला

बलरामपुर में शुक्रवार को एक तेंदुआ पांच वर्षीय बच्चे को उठाकर (Leopard Attack on Child in Balrampur) ले गया. शव जंगल में खून से लथपथ मिला. डीएम ने एसडीएम तुलसीपुर और वन विभाग की टीम को तेंदुए को पकड़ने के निर्देश दिए हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 25, 2023, 3:15 PM IST

बलरामपुर: जिले के सोहेलवा वन क्षेत्र में आदमखोर तेंदुए का हमला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आदमखोर तेंदुए ने एक बार फिर एक मासूम को अपना निवाला बना लिया. रामपुर रेंज के बनकटवा गांव में अपने नाना के साथ शौच के लिए गए पांच वर्षीय आदिवासी बच्चे को तेंदुआ उठा ले गया, जिसका खून से लथपथ शव जंगल के पास पड़ा मिला. घटना की जानकारी मिलने पर डीएम अरविंद सिंह ने शनिवार को एसडीएम तुलसीपुर एवं वन विभाग की टीम को मौके पर भेजकर तेंदुए को पकड़ने के निर्देश हैं.

मिली जानकारी के अनुसार, भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र से सटे सोहेलवा वन क्षेत्र के बनकटवा गांव में जोगिहवा गांव निवासी रमेश का पांच वर्षीय बेटा रितेश अपनी मां के साथ नाना के यहां आया हुआ था. शुक्रवार शाम अपने नाना खुशहाल के साथ जंगल किनारे शौच के लिए गया हुआ था. तभी झाड़ियों में छिपकर बैठा तेंदुआ उसे उठा ले गया. रितेश की चीख सुनकर नाना खुशहाल और गांव वाले दौड़े. लेकिन, तब तक तेंदुआ बच्चे को लेकर गायब हो चुका था. घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों के साथ मिलकर बच्चे की तलाश शुरू की तो उसका खून से लथपथ शव जंगल के करीब पड़ा मिला.

डीएफओ डॉ. सैम मारन एम ने शनिवार को बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया गया है. तेंदुए की तलाश में टीमें लगाई गई हैं. वन विभाग और पुलिसकर्मी गांव में कैंप कर रहे हैं. डीएम अरविंद सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर एसडीएम तुलसीपुर के साथ वन विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया है. तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजड़ा लगाने एवं अन्य उपाय करने के निर्देश दिए गए है. उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पीड़ित परिवार को मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा.

पिछले 20 दिनों में तेंदुए के हमले में एक बच्ची सहित 4 मासूमों की मौत हो चुकी है. तेंदुए के हमलों से हो रही मौतों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल तक भेजने से डरने लगे हैं. तेंदुए को पकड़ने के लिए तीन जिलों जौनपुर, सिद्धार्थनगर और बाराबंकी के विशेषज्ञों सहित चार टीमें लगातार गांवों और जंगल किनारे तेंदुए की तलाश कर रही हैं.

यह भी पढ़ें: तेंदुए ने आठ साल के बच्चे को बनाया निवाला, 12 दिनों में तीन मासूमों का कर चुका शिकार, ग्रामीणों में दहशत

यह भी पढ़ें: तेंदुए ने 6 वर्षीय मासूम को बनाया निवाला, गन्ने के खेत में मिला शव, ग्रामीणों में आक्रोश

बलरामपुर: जिले के सोहेलवा वन क्षेत्र में आदमखोर तेंदुए का हमला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आदमखोर तेंदुए ने एक बार फिर एक मासूम को अपना निवाला बना लिया. रामपुर रेंज के बनकटवा गांव में अपने नाना के साथ शौच के लिए गए पांच वर्षीय आदिवासी बच्चे को तेंदुआ उठा ले गया, जिसका खून से लथपथ शव जंगल के पास पड़ा मिला. घटना की जानकारी मिलने पर डीएम अरविंद सिंह ने शनिवार को एसडीएम तुलसीपुर एवं वन विभाग की टीम को मौके पर भेजकर तेंदुए को पकड़ने के निर्देश हैं.

मिली जानकारी के अनुसार, भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र से सटे सोहेलवा वन क्षेत्र के बनकटवा गांव में जोगिहवा गांव निवासी रमेश का पांच वर्षीय बेटा रितेश अपनी मां के साथ नाना के यहां आया हुआ था. शुक्रवार शाम अपने नाना खुशहाल के साथ जंगल किनारे शौच के लिए गया हुआ था. तभी झाड़ियों में छिपकर बैठा तेंदुआ उसे उठा ले गया. रितेश की चीख सुनकर नाना खुशहाल और गांव वाले दौड़े. लेकिन, तब तक तेंदुआ बच्चे को लेकर गायब हो चुका था. घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों के साथ मिलकर बच्चे की तलाश शुरू की तो उसका खून से लथपथ शव जंगल के करीब पड़ा मिला.

डीएफओ डॉ. सैम मारन एम ने शनिवार को बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया गया है. तेंदुए की तलाश में टीमें लगाई गई हैं. वन विभाग और पुलिसकर्मी गांव में कैंप कर रहे हैं. डीएम अरविंद सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर एसडीएम तुलसीपुर के साथ वन विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया है. तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजड़ा लगाने एवं अन्य उपाय करने के निर्देश दिए गए है. उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पीड़ित परिवार को मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा.

पिछले 20 दिनों में तेंदुए के हमले में एक बच्ची सहित 4 मासूमों की मौत हो चुकी है. तेंदुए के हमलों से हो रही मौतों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल तक भेजने से डरने लगे हैं. तेंदुए को पकड़ने के लिए तीन जिलों जौनपुर, सिद्धार्थनगर और बाराबंकी के विशेषज्ञों सहित चार टीमें लगातार गांवों और जंगल किनारे तेंदुए की तलाश कर रही हैं.

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