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बलरामपुर: जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं बच्चे

बलरामपुर के देवीपाटन ग्राम सभा में स्थित तालाब का सौंदर्यीकरण कई सालों में नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से बारिश के मौसम में तालाब किनारे स्थित विद्यालयों के बच्चों को स्कूल जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

तालाब किनारे सकरी जगह से निकलते हैं बच्चे.
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Published : Jul 24, 2019, 11:50 PM IST

बलरामपुर: मामला जिले के देवीपाटन ग्राम सभा का है. यहां तालाब स्थित है, जिसका सौंदर्यीकरण कई सालों से नहीं हो पाया है. इस तालाब के तीनों किनारों पर सरकारी प्राइमरी स्कूल, जूनियर हाईस्कूल, मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूल स्थित हैं. बारिश के मौसम में जलभराव अधिक हो जाने के कारण रास्तों में बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं. इस कारण बच्चों का विद्यालय तक पहुंचना भी मुहाल हो जाता है. सबसे ज्यादा परेशानी जूनियर हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं को होती है, क्योंकि यहां पहुंचने के दोनों तरफ के रास्ते पूरी तरह से कट जाते हैं.

जानकारी देते जिलाधिकारी.

क्या कहते हैं स्थानीय निवासी-
कई बार ऐसा हुआ है कि यहां पर आने-जाने वाले लोग गिर पड़े हैं. उनका हाथ पैर टूट चुका है, लेकिन प्रशासन किसी तरह का ध्यान नहीं दे रहा है. ये हाल तब है जब जिले का देवीपाटन क्षेत्र मुख्यमंत्री के दूसरे गृह क्षेत्र के रूप में जाना जाता है.

आए दिन यहां पर रास्ते संकरे होने के कारण दुर्घटनाएं होती रहती हैं. तमाम लोगों को चोट भी लग चुकी है. हम अध्यापक और बच्चे जान जोखिम में डालकर विद्यालय तक पहुंच पाते हैं. प्रशासन से अनुरोध है कि से जल्द से जल्द इसका सौंदर्यीकरण करवाकर चारों तरफ रेलिंग लगवा दी जाए, जिससे यहां आना-जाना आसान हो सके.
-प्रियंका वाष्णेय, सहायक अध्यापिका, जूनियर हाईस्कूल

देवीपाटन ग्रामसभा क्षेत्र में स्थित एक तालाब के तीनों तरफ एक-एक सरकारी स्कूल स्थित हैं. इस तालाब के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव पर्यटन विभाग द्वारा भेजा जा चुका है. जैसे ही पैसा आ जाएगा, काम शुरू हो जाएगा. वहीं प्राथमिक तौर पर बचाव के लिए तालाब के अंदर जिओ ट्यूब डलवा दिया गया है, जिससे कटान की संभावनाओं को कम किया जा सके.
-कृष्णा कर्णेश, जिलाधिकारी

बलरामपुर: मामला जिले के देवीपाटन ग्राम सभा का है. यहां तालाब स्थित है, जिसका सौंदर्यीकरण कई सालों से नहीं हो पाया है. इस तालाब के तीनों किनारों पर सरकारी प्राइमरी स्कूल, जूनियर हाईस्कूल, मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूल स्थित हैं. बारिश के मौसम में जलभराव अधिक हो जाने के कारण रास्तों में बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं. इस कारण बच्चों का विद्यालय तक पहुंचना भी मुहाल हो जाता है. सबसे ज्यादा परेशानी जूनियर हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं को होती है, क्योंकि यहां पहुंचने के दोनों तरफ के रास्ते पूरी तरह से कट जाते हैं.

जानकारी देते जिलाधिकारी.

क्या कहते हैं स्थानीय निवासी-
कई बार ऐसा हुआ है कि यहां पर आने-जाने वाले लोग गिर पड़े हैं. उनका हाथ पैर टूट चुका है, लेकिन प्रशासन किसी तरह का ध्यान नहीं दे रहा है. ये हाल तब है जब जिले का देवीपाटन क्षेत्र मुख्यमंत्री के दूसरे गृह क्षेत्र के रूप में जाना जाता है.

आए दिन यहां पर रास्ते संकरे होने के कारण दुर्घटनाएं होती रहती हैं. तमाम लोगों को चोट भी लग चुकी है. हम अध्यापक और बच्चे जान जोखिम में डालकर विद्यालय तक पहुंच पाते हैं. प्रशासन से अनुरोध है कि से जल्द से जल्द इसका सौंदर्यीकरण करवाकर चारों तरफ रेलिंग लगवा दी जाए, जिससे यहां आना-जाना आसान हो सके.
-प्रियंका वाष्णेय, सहायक अध्यापिका, जूनियर हाईस्कूल

देवीपाटन ग्रामसभा क्षेत्र में स्थित एक तालाब के तीनों तरफ एक-एक सरकारी स्कूल स्थित हैं. इस तालाब के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव पर्यटन विभाग द्वारा भेजा जा चुका है. जैसे ही पैसा आ जाएगा, काम शुरू हो जाएगा. वहीं प्राथमिक तौर पर बचाव के लिए तालाब के अंदर जिओ ट्यूब डलवा दिया गया है, जिससे कटान की संभावनाओं को कम किया जा सके.
-कृष्णा कर्णेश, जिलाधिकारी

Intro:कहने को तो बलरामपुर जिला सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ का दूसरा ग्रह क्षेत्र माना जाता है यहां 51 शक्तिपीठों में से एक देवीपाटन शक्तिपीठ स्थित होने के कारण मुख्यमंत्री का जुड़ाव सीधे तौर पर सालों से रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद इस क्षेत्र की लगातार अनदेखी हो रही है। हद तो तब हो जाती है, जब मुख्यमंत्री योगी के मठ क्षेत्र देवीपाटन ग्रामसभा में स्थित एक तालाब के सौंदर्यीकरण में सालों लग जाते हैं। असल में, इस तालाब के तीनों किनारों पर सरकारी प्रायमरी स्कूल, जूनियर हाई स्कूल, मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूल पड़ते हैं। बरसात के मौसम में जलभराव अधिक हो जाने के कारण रास्ते कर जाया करते हैं। रास्तों में बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं। इस कारण विद्यालय तक पहुंचना भी मुहाल हो जाता है। सबसे ज्यादा दिक्कत जूनियर हाई स्कूल पढ़ रहे छात्र छात्राओं को होते हैं क्योंकि यहां पहुंचने के दोनों तरफ के रास्ते पूरी तरह से कट जाते हैं। वहीं, प्राथमिक विद्यालय देवीपाटन में तथा इंग्लिश मीडियम स्कूल देवीपाटन में भी आने वाले छात्र-छात्राओं को काफी मशक्कत होती है। लोग बताते हैं कि कई बार ऐसा हुआ है कि यहां पर आने जाने वाले लोग गिर पड़े हैं। उनका हाथ पैर टूट चुका है। लेकिन प्रशासन किसी तरह का ध्यान नहीं दे रहा है। लोग कहते हैं कि ये हाल तब है, जब जिले का देवीपाटन क्षेत्र मुख्यमंत्री के दूसरे ग्रह क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।


Body:कक्षा 5 में पढ़ने वाले छात्र शिवांश कुमार मिश्रा बताते हैं कि हम लोगों को अपने स्कूल तक आने जाने में काफी परेशानी होती है। कई बार ऐसा हो चुका है कि बच्चे तालाब में गिर चुके हैं। कई को गंभीर चोटें भी आ चुकी हैं लेकिन कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। वही, चौथी कक्षा में पढ़ने वाले रामपाल यादव कहते हैं कि हम लोग यही चाहते हैं कि इस तालाब का सौंदर्यीकरण कर के रास्ते सही कर दिए जाए। ताकि हम लोग अपने स्कूल तक सही सलामत पहुंच सकें। वहीं, जूनियर हाईस्कूल देवीपाटन में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात प्रियंका वाष्णेय बताती हैं की आए दिन यहां पर रास्ते सक्रिय होने के कारण दुर्घटनाएं होती रहती हैं। तमाम लोगों को चोट भी लग चुकी है। हम अध्यापक और बच्चे जान जोखिम में डालकर अपने विद्यालय तक पहुंच पाते हैं। हमारा प्रशासन से अनुरोध है कि से जल्द से जल्द इसका सुंदरीकरण करवाकर चारों तरफ रेलिंग लगवा दे, जिससे यहां आना जाना आसान हो सके। वहीं, प्राथमिक विद्यालय देवी पाटन में रश्मि जायसवाल बताती हैं कि यहां पर तकरीबन 400 बच्चे अध्ययनरत हैं। जिनमें से कई तो बहुत छोटे छोटे हैं। इन सभी को आने जाने में काफी परेशानी होती है। बरसात के मौसम में कई जगहों पर तालाब कट जाया करता है। आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।


Conclusion:इस मामले पर जिलाधिकारी कृष्णा कर्णेश ने हमसे बात करते हुए कहा कि देवीपाटन ग्रामसभा क्षेत्र में स्थित एक तालाब के तीनों तरफ एक एक सरकारी स्कूल स्थित है। इस तालाब के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव पर्यटन विभाग द्वारा भेजा जा चुका है। जैसे ही पैसा आ जाएगा, काम शुरू हो जाएगा। वहीं, प्राथमिक तौर पर बचाव के लिए तालाब के अंदर जिओ ट्यूब डलवा दिया गया है। जिससे कटान की संभावनाओं को कम किया जा सके। कुल मिलाकर इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य प्रशासन ने राम भरोसे छोड़ रखा है। आए दिन होती दुर्घटनाओं से भी प्रशासन सबक नहीं ले रहा है। यह स्थिति तब है, जब यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र का मामला है। आप इस स्कूल की स्थिति को बानगी मानकर अन्दाज़ा लगा सकते हैं कि जिले के उन तमाम दुर्गम इलाकों में पड़ने वाले सरकारी स्कूलों पर जिला प्रशासन और जिला बेसिक शिक्षा विभाग कितना ध्यान केंद्रित कर पा रहा होगा?
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