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बलरामपुर: प्रशासन की अनदेखी का हालात बयान करता तुलसी पार्क - बलरामपुर नगर पालिका परिषद

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एकमात्र तुलसी पार्क है जो बरसात के मौसम में तालाब बन जाता है. यहां आने वाले लोगों को पानी के जलभराव से परेशानी होती है फिर भी नगर पालिका परिषद इसके निदान के लिये अभी कोई कार्य नहीं कर रहा है.

बरसाती पानी से लबालब हुआ तुलसी पार्क
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Published : Aug 2, 2019, 9:45 PM IST

बलरामपुर: जिले के तुलसी पार्क मोहल्ले के अंतर्गत आने वाला तुलसी पार्क बरसात में तालाब बन जाया करता है. बरसात इस मोहल्ले के लिये बर्बादी का आलम लेकर आता है, लेकिन नगर पालिका परिषद प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है.

नगर निगम परिषद की उदासीनता का प्रतीक तुलसी पार्क.
बरसात में पार्क बन जाता तालाब-जिले की तकरीबन 25 लाख जनसंख्या के बीच नगर में एक मात्र हरित पार्क, तुलसी पार्क है जो अपनी बदहाली का रोना रो रहा है. यह पार्क हर बरसात में तालाब में परिवर्तित हो जाता है. पूरे रास्तों में कीचड़ भर जाता है. कहने को तो साल भर पहले ही नगर पालिका परिषद ने इसकी मरम्मत करवाई थी, लेकिन रिनोवेशन का सारा काम किचड़ में सनता नजर आ रहा है.

सुबह शाम बच्चे खेलने आते हैं तो वहीं महिलाएं टहलने आती हैं, लेकिन उनको पूरी सुविधाएं नहीं मिल पाती. तुलसी पार्क मोहल्ला निवासी फिरदौस काज़मी कहती हैं कि यह पार्क महज शोपीस बनकर रह गया है. यहां की गंदगी को देखकर यहां टहलने का मन नहीं करता.

जिला प्रशासन और प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम की मदद से एक विस्तृत कार्यक्रम बनाकर भेजा जा रहा है जिसके तहत पार्क में बच्चों को खेलने की सुविधा, लोगों के लिए जिम करने की सुविधा, टहलने की सुविधा, पीने के पानी की सुविधा, शौचालय जैसे इत्यादि सुविधाओं के साथ पूरे पार्क को जिले का नंबर वन पार्क बनाने की कोशिश की जायेगी.
-राकेश कुमार जयसवाल, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद

बलरामपुर: जिले के तुलसी पार्क मोहल्ले के अंतर्गत आने वाला तुलसी पार्क बरसात में तालाब बन जाया करता है. बरसात इस मोहल्ले के लिये बर्बादी का आलम लेकर आता है, लेकिन नगर पालिका परिषद प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है.

नगर निगम परिषद की उदासीनता का प्रतीक तुलसी पार्क.
बरसात में पार्क बन जाता तालाब-जिले की तकरीबन 25 लाख जनसंख्या के बीच नगर में एक मात्र हरित पार्क, तुलसी पार्क है जो अपनी बदहाली का रोना रो रहा है. यह पार्क हर बरसात में तालाब में परिवर्तित हो जाता है. पूरे रास्तों में कीचड़ भर जाता है. कहने को तो साल भर पहले ही नगर पालिका परिषद ने इसकी मरम्मत करवाई थी, लेकिन रिनोवेशन का सारा काम किचड़ में सनता नजर आ रहा है.

सुबह शाम बच्चे खेलने आते हैं तो वहीं महिलाएं टहलने आती हैं, लेकिन उनको पूरी सुविधाएं नहीं मिल पाती. तुलसी पार्क मोहल्ला निवासी फिरदौस काज़मी कहती हैं कि यह पार्क महज शोपीस बनकर रह गया है. यहां की गंदगी को देखकर यहां टहलने का मन नहीं करता.

जिला प्रशासन और प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम की मदद से एक विस्तृत कार्यक्रम बनाकर भेजा जा रहा है जिसके तहत पार्क में बच्चों को खेलने की सुविधा, लोगों के लिए जिम करने की सुविधा, टहलने की सुविधा, पीने के पानी की सुविधा, शौचालय जैसे इत्यादि सुविधाओं के साथ पूरे पार्क को जिले का नंबर वन पार्क बनाने की कोशिश की जायेगी.
-राकेश कुमार जयसवाल, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद

Intro:जिले के तकरीबन 25 लाख की आबादी के ऊपर महज एक पार्क है। इस एकलौते पार्क हालत भी खराब नजर आती है। नगर पालिका परिषद बलरामपुर के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले तुलसी पार्क मोहल्ले में स्थित तुलसी पार्क हर बरसात में तालाब बन जाया करता है। इसके साथ ही इस मुहल्ले का ड्रेनेज सिस्टम इतना खराब है कि बरसात मोहल्ले वासियों की जिंदगी में बर्बादी का आलम लेकर आता है। लेकिन नगर पालिका परिषद प्रशासन है कि सुनने का नाम ही नहीं लेता।


Body:साल 2011 में हुई जनसंख्या के अनुसार बलरामपुर नगर की आबादी तकरीबन 82000 है। यहां के लोगों को बेहतर आबोहवा के साथ साथ फील गुड करवाने के लिए नगर में एक मात्र हरित पार्क, तुलसी पार्क है। जो अपनी बदहाली का रोना रो रहा है। यह पार्क हर बरसात में तालाब में परिवर्तित हो जाता है। रास्तों में कीचड़ भर जाते हैं। कहने को तो साल भर पहले ही नगर पालिका परिषद द्वारा इस बार का मरम्मत करवाया गया था। लेकिन रिनोवेशन का सारा काम कीचड़ में सनता नजर आ रहा है।
यहां पर हर सुबह शाम आसपास के मोहल्लों के लोग टहलने आते हैं। हर सुबह शाम बच्चे खेलने आते हैं। लेकिन यहां पर फैली गंदगी और बरसात के कारण हुआ जलभराव लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन चुका है।
यहां आने वाले बच्चों के परिजनों को डर लगा रहता है कि कहीं कोई बड़ी अनहोनी ना हो जाए। इसलिए वह अपने बच्चों को स्वतंत्र रूप से खेलने तक नहीं देते।
इस बारे में बात करते हुए तुलसी पार्क मोहल्ले के निवासी फिरदौस काज़मी कहती हैं कि तुलसी पार्क जिले का एकमात्र पार्क है जो कि महज शोपीस बनकर रह गया है। यहां पर गंदगी और जलभराव का आलम ऐसा है कि टहलने तक को जी नहीं कहता। लेकिन क्या किया जाए।
वह कहती हैं कि हम महज कहने को ही पॉश एरिया में रहते हैं। लेकिन यहां पॉश एरिया जैसी कोई सुविधा नहीं है। गंदगी के कारण तमाम तरह की समस्याएं खड़ी रहती हैं।
वही तुलसी पार्क की ही रहने वाली रूचि अग्रवाल कहती हैं कि बरसात के कारण जलभराव हो जाता है। जिसके कारण तमाम तरह की समस्याएं पैदा होती है। साफ सफाई और इसके मरम्मत की व्यवस्था क्या है? यह तो नगर पालिका परिषद ही जानता होगा। लेकिन यहां पर कभी कोई समुचित कार्रवाई होती दिखाई नहीं देती है।


Conclusion:वही जब इस मामले पर हमने बलरामपुर नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी राकेश कुमार जयसवाल से बात की तो उन्होंने कहा कि पिछली बार जो मरम्मत का कार्य करवाया गया था। वह महज इंटरलॉकिंग और साफ का ही काम था। लेकिन इस बार जिला प्रशासन और प्रधान मंत्री जन विकास कार्यक्रम की मदद से एक विस्तृत कार्यक्रम बनाकर भेजा जा रहा है जिसके तहत पार्क में बच्चों को खेलने की सुविधा, लोगों के लिए जिम करने की सुविधा, टहलने की सुविधा, पीने के पानी की सुविधा, शौचालय जैसे इत्यादि सुविधाओं के साथ पूरे पार्क जिले का नंबर वन पार्क बनाने की कोशिश की जाएगी।
नगर पालिका प्रशासन के अधिकारी अपना दामन बचाने के लिए कुछ भी कहें। लेकिन सालों पुराने इस पार्क की बदहाली बताती है कि नगर पालिका परिषद अपने कार्यशैली में महज उदासीनता बरत रहा है। इस कारण इस पार्क के विकास करने में इतनी देरी हो रही है।
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