ETV Bharat / state

बाढ़ का कहरः पुल का एप्रोच मार्ग कटने से दो जिलों का संपर्क टूटा

यूपी के बलरामपुर में बाढ़ के पानी से राप्ती नदी पर बने सिंगारजोत पुल का एप्रोच मार्ग कट गया है. जिसकी वजह से बलरामपुर और सिद्धार्थनगर जिले के बीच आवागमन बाधित हो रहा है.

बलरामपुर में बाढ़ का कहर.
बलरामपुर में बाढ़ का कहर.
author img

By

Published : Sep 17, 2021, 7:09 PM IST

बलरामपुरः जिले में बाढ़ के बाद कटान कहर बरपा रहा है. बाढ़ के चपेट में आने से बलरामपुर और सिद्धार्थनगर को जोड़ने वाले राप्ती नदी पर बने सिंगारजोत पुल का एप्रोच मार्ग कट गया है. जिसकी वजह से सिद्धार्थनगर व बलरामपुर के बीच यात्रा करने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस पुल से होकर उतरौला, पचपेड़वा, बिस्कोहर, इटवा व पड़ोसी देश नेपाल जाने वाले राहगीरों के लिए समस्या खड़ी हो गई है.

बाढ़ खंड व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने सिंगारजोत पुल के एप्रोच मार्ग के कटान को रोकने के लिए पेड़ों की टहनियां काट कर डालीं थी. लेकिन पानी के तेज बहाव में यह तरकीब कारगर साबित नहीं हुई. अब बाढ़ खण्ड परक्युपाइन और जियो बैग्स वगैरह लगाकर नदी की धारा को धीमा करके एप्रोच मार्ग को कटने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं.

बता दें कि सिंगारजोत पुल को बलरामपुर-सिद्धार्थनगर जिले का लाइफ लाइन माना जाता है. सिंगारजोत पुल का उत्तरी छोर सिद्धार्थ नगर में, जबकि दक्षिणी छोर बलरामपुर जिले में है. दक्षिणी छोर का एप्रोच मार्ग कटने के बाद उस पार से फल, दूध, सब्जी, मावा, मसाले लाने वाले छोटे व्यापारियों के साथ दैनिक आजीविका कमाने आने वाले मजदूरों को परेशानी हो रही है. नदी का जलस्तर जैसे जैसे कम हो रहा है, वैसे-वैसे ही कटान की स्थिति गंभीर हो रही है.

इसे भी पढ़ें-आपस में भिड़े बीजेपी नेताओं का गाली गलौज का ऑडियो वायरल, दोनों को आलाकमान से लगी फटकार


ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते ठोस इंतजाम नहीं किया गया तो पुल के पिलर्स को भी खतरा हो सकता है. नदी बड़े पैमाने पर कटान कर सकती है. फिलहाल परक्युपाइन, बंबू कटर्स व बालू की बोरियां डाली जा रही हैं. एप्रोच मार्ग ठीक होने के बाद ही चौपहिया वाहनों का आवागमन शुरू हो सकेगा. वहीं, उपजिलाधिकारी उतरौला नागेंद्र नाथ यादव ने बताया कि एप्रोच कटने की सूचना के बाद से ही वहां काम शुरू करा दिया गया है. जल्द ही बलरामपुर-सिद्धार्थनगर को जोड़ने वाले इस मार्ग को शुरू करा दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि राप्ती नदी के सिंगारजोत घाट पर वर्ष 2000 में पक्का पुल का निर्माण शुरू हुआ था, जो 2005 में बनकर तैयार हुआ. तब से राप्ती नदी में कई बार बाढ़ आई, लेकिन कभी भी नदी ने एप्रोच मार्ग का कटान नहीं किया. ऐसा पहली बार हो रहा है कि राप्ती नदी पुल से सटे एप्रोच मार्ग को ही काट रही है.

बलरामपुरः जिले में बाढ़ के बाद कटान कहर बरपा रहा है. बाढ़ के चपेट में आने से बलरामपुर और सिद्धार्थनगर को जोड़ने वाले राप्ती नदी पर बने सिंगारजोत पुल का एप्रोच मार्ग कट गया है. जिसकी वजह से सिद्धार्थनगर व बलरामपुर के बीच यात्रा करने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस पुल से होकर उतरौला, पचपेड़वा, बिस्कोहर, इटवा व पड़ोसी देश नेपाल जाने वाले राहगीरों के लिए समस्या खड़ी हो गई है.

बाढ़ खंड व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने सिंगारजोत पुल के एप्रोच मार्ग के कटान को रोकने के लिए पेड़ों की टहनियां काट कर डालीं थी. लेकिन पानी के तेज बहाव में यह तरकीब कारगर साबित नहीं हुई. अब बाढ़ खण्ड परक्युपाइन और जियो बैग्स वगैरह लगाकर नदी की धारा को धीमा करके एप्रोच मार्ग को कटने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं.

बता दें कि सिंगारजोत पुल को बलरामपुर-सिद्धार्थनगर जिले का लाइफ लाइन माना जाता है. सिंगारजोत पुल का उत्तरी छोर सिद्धार्थ नगर में, जबकि दक्षिणी छोर बलरामपुर जिले में है. दक्षिणी छोर का एप्रोच मार्ग कटने के बाद उस पार से फल, दूध, सब्जी, मावा, मसाले लाने वाले छोटे व्यापारियों के साथ दैनिक आजीविका कमाने आने वाले मजदूरों को परेशानी हो रही है. नदी का जलस्तर जैसे जैसे कम हो रहा है, वैसे-वैसे ही कटान की स्थिति गंभीर हो रही है.

इसे भी पढ़ें-आपस में भिड़े बीजेपी नेताओं का गाली गलौज का ऑडियो वायरल, दोनों को आलाकमान से लगी फटकार


ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते ठोस इंतजाम नहीं किया गया तो पुल के पिलर्स को भी खतरा हो सकता है. नदी बड़े पैमाने पर कटान कर सकती है. फिलहाल परक्युपाइन, बंबू कटर्स व बालू की बोरियां डाली जा रही हैं. एप्रोच मार्ग ठीक होने के बाद ही चौपहिया वाहनों का आवागमन शुरू हो सकेगा. वहीं, उपजिलाधिकारी उतरौला नागेंद्र नाथ यादव ने बताया कि एप्रोच कटने की सूचना के बाद से ही वहां काम शुरू करा दिया गया है. जल्द ही बलरामपुर-सिद्धार्थनगर को जोड़ने वाले इस मार्ग को शुरू करा दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि राप्ती नदी के सिंगारजोत घाट पर वर्ष 2000 में पक्का पुल का निर्माण शुरू हुआ था, जो 2005 में बनकर तैयार हुआ. तब से राप्ती नदी में कई बार बाढ़ आई, लेकिन कभी भी नदी ने एप्रोच मार्ग का कटान नहीं किया. ऐसा पहली बार हो रहा है कि राप्ती नदी पुल से सटे एप्रोच मार्ग को ही काट रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.