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बलरामपुर: चीन से लौटा एमबीबीएस छात्र निगरानी में, कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट

यूपी के बलरामपुर जिले में कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है. प्रशासन चीन से लौटने वाले नागरिकों की लगातार स्क्रीनिंग और मॉनिटरिंग कर रही है.

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कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर प्रशासन.
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Published : Feb 6, 2020, 4:27 PM IST

बलरामपुर: चीन में फैले कोरोना वायरस को लेकर भारत सरकार ने नागरिकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. चीन में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस स्वदेश लाने में सरकार महत्तवपूर्ण भूमिका निभा रही है. चीन से वापस आने वाले नागरिकों की लगातार स्क्रीनिंग और मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके लिए सीएमओ की अध्यक्षता वाली स्वास्थ्य टीमों का गठन किया गया है, जो कोरोना वायरस से प्रभावित हो सकने वाले संभावित व्यक्तियों की सीएचसी स्तर पर मॉनिटर कर रहे हैं.

कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर प्रशासन.

चीन के युनान यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले 22 वर्षीय जलालुद्दीन को संयुक्त जिला चिकित्सालय में स्थित आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. उन्हें कुछ दिनों से खांसी और जकड़न की शिकायत है.

उतरौला तहसील के तमाम छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में चाइना में रहकर मेडिकल और अन्य चीजों की पढ़ाई करते हैं. उनमें से अब तक 6 लोगों को स्वदेश लाया जा चुका है.

इसे भी पढ़ें- कैसे सफल होगी जननी-शिशु सुरक्षा योजना, जब प्रसूताओं से होगी वसूली

15 जनवरी को ही चीन से भारत आया हूं. मेरे यहां आने तक कोरोना वायरस की कोई खबर नहीं थी. मैं जिस प्रांत में रहता हूं. वहां तो कोई ऐसी बात ही नहीं थी. 1 हफ्ते पहले मौसम, पानी बदलने के कारण मुझे खांसी आने लगी और मैंने इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क किया. इस दौरान उन्होंने मेरी जानकारी लेकर मुझे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया है.
- जलालुद्दीन

जिले में कोरोना वायरस और इसके संक्रमण को लेकर तमाम तरह की सावधानियां बरतीं जा रही हैं. पूरा जिला हाई अलर्ट पर रखा गया है. चीन से आने वाले छात्र-छात्राओं और लोगों की लगातार स्क्रीनिंग की जा रही है. इसके साथ ही भारत-नेपाल की खुली सीमा पर भी निगरानी रखी जा रही है. हम रोजाना 70 से 100 लोगों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं.
- डॉ. अशोक कुमार सिंघल, नोडल अधिकारी

बलरामपुर: चीन में फैले कोरोना वायरस को लेकर भारत सरकार ने नागरिकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. चीन में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस स्वदेश लाने में सरकार महत्तवपूर्ण भूमिका निभा रही है. चीन से वापस आने वाले नागरिकों की लगातार स्क्रीनिंग और मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके लिए सीएमओ की अध्यक्षता वाली स्वास्थ्य टीमों का गठन किया गया है, जो कोरोना वायरस से प्रभावित हो सकने वाले संभावित व्यक्तियों की सीएचसी स्तर पर मॉनिटर कर रहे हैं.

कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर प्रशासन.

चीन के युनान यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले 22 वर्षीय जलालुद्दीन को संयुक्त जिला चिकित्सालय में स्थित आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. उन्हें कुछ दिनों से खांसी और जकड़न की शिकायत है.

उतरौला तहसील के तमाम छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में चाइना में रहकर मेडिकल और अन्य चीजों की पढ़ाई करते हैं. उनमें से अब तक 6 लोगों को स्वदेश लाया जा चुका है.

इसे भी पढ़ें- कैसे सफल होगी जननी-शिशु सुरक्षा योजना, जब प्रसूताओं से होगी वसूली

15 जनवरी को ही चीन से भारत आया हूं. मेरे यहां आने तक कोरोना वायरस की कोई खबर नहीं थी. मैं जिस प्रांत में रहता हूं. वहां तो कोई ऐसी बात ही नहीं थी. 1 हफ्ते पहले मौसम, पानी बदलने के कारण मुझे खांसी आने लगी और मैंने इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क किया. इस दौरान उन्होंने मेरी जानकारी लेकर मुझे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया है.
- जलालुद्दीन

जिले में कोरोना वायरस और इसके संक्रमण को लेकर तमाम तरह की सावधानियां बरतीं जा रही हैं. पूरा जिला हाई अलर्ट पर रखा गया है. चीन से आने वाले छात्र-छात्राओं और लोगों की लगातार स्क्रीनिंग की जा रही है. इसके साथ ही भारत-नेपाल की खुली सीमा पर भी निगरानी रखी जा रही है. हम रोजाना 70 से 100 लोगों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं.
- डॉ. अशोक कुमार सिंघल, नोडल अधिकारी

Intro:दुनिया भर में एक तरफ जहां चीन से फैले कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन बनाने पर शोध किया जा रहा है। वहीं, भारत अपने नागरिकों को चीन इस महामारी के बीच लगातार वापस स्वदेश लाने की कोशिश में जुटा हुआ है। जिसके बाद उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग और देख रेख की जा रही है। बलरामपुर जिले में भी इसी तरह की कवायद हो रही है। चीन से वापस आने वाले नागरिकों की लगातार स्क्रीनिंग और मॉनिटरिंग करने के साथ-साथ भारत-नेपाल की खुली सीमा के रास्ते, रोजाना आने-जाने लोगों की मेडिकल जांच के बाद यहां प्रवेश दिया जा रहा है। जिले में सीएमओ की अध्यक्षता वाली स्वास्थ्य टीमों का गठन किया गया है। जो कोरोना वायरस से प्रभावित हो सकने वाले संभावित व्यक्तियों की सीएचसी स्तर पर मॉनिटर कर रहे हैं।


Body:चीन से 15 जनवरी को आया था युवक

चीन के युनान यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले 22 वर्षीय जलालुद्दीन आजकल संयुक्त जिला चिकित्सालय में स्थित आइसोलेशन वार्ड में रखे गए हैं। उन्हें कुछ दिनों से खांसी और जकड़न की शिकायत है।
वह बताते हैं कि मैं 15 जनवरी को ही चीन से भारत आ गया था। तब हमारी छुट्टियां शुरू हुई थी। तब से लेकर मेरे यहाँ आने तक कोई खबर नहीं चल रही थी कि चीन इस महामारी की चपेट में है। मैं जिस प्रांत में रहता हूँ। वहां तो कोई ऐसी बात ही नहीं थी।
वह बताते हैं कि तकरीबन 1 हफ्ते पहले मौसम व पानी बदलने के कारण मुझे खांसी आने लगी। मैंने थोड़ी बहुत दवाई लेकिन आराम नहीं हुआ। तभी यहां के डॉक्टरों ने मुझसे संपर्क किया। इन्हें शायद एंबेसी के द्वारा मेरा पता व फोन नंबर वगैरह मिला था। मेरी स्क्रीनिंग की गई और मुझे यहां आइसोलेशन वार्ड में बुला लिया गया।
वह कहते हैं कि मुझे शायद कोरोना वायरस की शिकायत नहीं है। फिर भी जांच रिपोर्ट्स आने का इंतजार है।


Conclusion:वहीं, कोरोना वायरस के नोडल अधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंघल बताते हैं कि जिले में कोरोना वायरस और इसके संक्रमण को लेकर तमाम तरह की सावधानियां बरती जा रही है। पूरा जिला हाई अलर्ट पर रखा गया है। चीन से आने वाले छात्र-छात्राओं व लोगों की लगातार स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके साथ ही भारत-नेपाल की खुली सीमा पर भी निगरानी की जा रही है। यहां चार जगहों पर डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है। जो आने-जाने वाले लोगों की जांच करते हैं। यहां हम रोजाना 70 से 100 लोगों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं।
जमालुद्दीन के बारे में बात करते हुए वह कहते हैं कि चीन से पढ़ाई कर रहा जमालुद्दीन नाम का एक बच्चा घर लौटा है। उसे खांसी की शिकायत है। उसके स्क्रीनिंग के बाद नमूने ले लिए गए हैं। जांच के लिए लखनऊ भेजा है। जिसकी रिपोर्ट एक-दो दिन में आ जाएगी। उसके बाद यदि वह कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे इलाज के लिए यही रखा जाएगा।

बताते चलें कि उतरौला तहसील के तमाम छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में चाइना में रहकर मेडिकल व अन्य चीजों की पढ़ाई करते हैं। उनमें से अब तक 6 लोगों को स्वदेश लाया जा चुका है। जिनमें जमालुद्दीन में खांसी की शिकायत मिली है।

बाईट :- जमालुद्दीन, संभावित मरीज बाईट :- डॉक्टर अशोक कुमार सिंघल, नोडल अधिकारी, कोरोना वायरस विंग
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